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सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 : हाईकोर्ट ने अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण को ही पात्र मानने पर मांगा जवाब

हाईकोर्ट ने अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण को ही पात्र मानने पर जवाब मांगा है. मामला सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 से जड़ा है.

Rajasthan High Court
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Published : Apr 3, 2023, 7:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही पात्र मानने पर शिक्षा सचिव, पंचायती राज सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मयंक कुमार शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी स्कूलों में अध्यापन के लिए गत 15 जनवरी को नौ हजार से अधिक पदों के लिए सहायक अध्यापक संविदा भर्ती निकाली.

इसमें सिर्फ उन अभ्यर्थियों को ही पात्र माना गया है, जो अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण हैं. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता हिंदी विषय से स्नातक है, लेकिन उसके पास वैकल्पिक विषय के रूप में अंग्रेजी थी. वहीं, उसने बीएड और रीट भी अंग्रेजी विषय से ही पास की है. इसके बावजूद उसे पात्र नहीं माना जा रहा है. याचिका में कहा गया कि एनसीटीई के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अंग्रेजी माध्यम वाला अभ्यर्थी ही इन स्कूलों में पढ़ा सकता है. नियमों में सिर्फ अध्यापक पात्रता परीक्षा और बीएड पास होने की ही शर्त है.

पढे़ं : 6 साल पहले दिए आदेश की पालना करो, वरना हाजिर हों स्वास्थ्य सचिव : Rajasthan High Court

याचिका में यह भी कहा गया कि विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने महात्मा गांधी स्कूलों की स्थापना की है. शुरुआत में अन्य सरकारी स्कूलों के हिंदी माध्यम वाले शिक्षकों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन कर इन स्कूलों में लगाया गया था. ये हिंदी माध्यम के शिक्षक वर्तमान में भी इन स्कूलों में पढा रहे हैं. हिंदी माध्यम से पास अभ्यर्थी को भर्ती में शामिल नहीं करने का विभाग का आदेश मनमाना है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी भर्ती के लिए पात्र माना जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सहायक अध्यापक संविदा भर्ती 2023 में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को ही पात्र मानने पर शिक्षा सचिव, पंचायती राज सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक से जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश मयंक कुमार शर्मा की याचिका पर दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने महात्मा गांधी स्कूलों में अध्यापन के लिए गत 15 जनवरी को नौ हजार से अधिक पदों के लिए सहायक अध्यापक संविदा भर्ती निकाली.

इसमें सिर्फ उन अभ्यर्थियों को ही पात्र माना गया है, जो अंग्रेजी माध्यम से उत्तीर्ण हैं. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता हिंदी विषय से स्नातक है, लेकिन उसके पास वैकल्पिक विषय के रूप में अंग्रेजी थी. वहीं, उसने बीएड और रीट भी अंग्रेजी विषय से ही पास की है. इसके बावजूद उसे पात्र नहीं माना जा रहा है. याचिका में कहा गया कि एनसीटीई के नियमों में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अंग्रेजी माध्यम वाला अभ्यर्थी ही इन स्कूलों में पढ़ा सकता है. नियमों में सिर्फ अध्यापक पात्रता परीक्षा और बीएड पास होने की ही शर्त है.

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याचिका में यह भी कहा गया कि विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार ने महात्मा गांधी स्कूलों की स्थापना की है. शुरुआत में अन्य सरकारी स्कूलों के हिंदी माध्यम वाले शिक्षकों का साक्षात्कार के माध्यम से चयन कर इन स्कूलों में लगाया गया था. ये हिंदी माध्यम के शिक्षक वर्तमान में भी इन स्कूलों में पढा रहे हैं. हिंदी माध्यम से पास अभ्यर्थी को भर्ती में शामिल नहीं करने का विभाग का आदेश मनमाना है. ऐसे में याचिकाकर्ता को भी भर्ती के लिए पात्र माना जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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