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Rajasthan High Court : झूठे तथ्य पेश कर चुनाव लड़ने पर मांगा जवाब... - Rajasthan Hindi News

हाईकोर्ट ने झूठे तथ्य पेश कर चुनाव लड़ने के मामले में टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. क्या है पूरा मामला यहां जानिए...

Rajasthan High Court
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Published : Mar 20, 2023, 9:03 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की नासिरदा ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव में झूठे तथ्य पेश कर नामांकन दाखिल करने के मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख पंचायती राज सचिव, अजमेर के संभागीय आयुक्त और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश ओमप्रकाश लुहार व अन्य याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव में किरण सांसी ने जनवरी, 2020 में नामांकन पत्र दाखिल किया था. जिसमें उनकी ओर से झूठे तथ्य पेश किए गए. किरण के खिलाफ वर्ष 2016 में जयपुर के भांकरोटा थाना में आबकारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन नामांकन पत्र में उसका उल्लेख नहीं किया गया.

पढ़ें : Rajasthan High Court: 5 साल पहले दिए आदेश की पालना रिपोर्ट पेश करो, वरना शिक्षा निदेशक हाजिर हों-कोर्ट

इसके अलावा सरपंच बनने के बाद हुई वित्तीय अनियमिता की शिकायत करने पर प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने चार मई, 2022 को अपनी रिपोर्ट में सरपंच किरण सांसी को वित्तीय अनियमिता का दोषी माना था. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित अधिकारियों को कई बार इस संबंध में शिकायत पेश कर सरपंच को हटाने की गुहार की गई, लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते किरण सांसी को अब तक सरपंच पद से नहीं हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

पढ़ें : हाईकोर्ट में अवमानना के 4600 मामले लंबित, सरकार ने नहीं की आदेशों की पालना

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने टोंक जिले की नासिरदा ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव में झूठे तथ्य पेश कर नामांकन दाखिल करने के मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख पंचायती राज सचिव, अजमेर के संभागीय आयुक्त और टोंक कलेक्टर सहित अन्य से जवाब तलब किया है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश ओमप्रकाश लुहार व अन्य याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत मालपुरा ने अदालत को बताया कि ग्राम पंचायत के सरपंच पद के चुनाव में किरण सांसी ने जनवरी, 2020 में नामांकन पत्र दाखिल किया था. जिसमें उनकी ओर से झूठे तथ्य पेश किए गए. किरण के खिलाफ वर्ष 2016 में जयपुर के भांकरोटा थाना में आबकारी अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन नामांकन पत्र में उसका उल्लेख नहीं किया गया.

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इसके अलावा सरपंच बनने के बाद हुई वित्तीय अनियमिता की शिकायत करने पर प्रशासन ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने चार मई, 2022 को अपनी रिपोर्ट में सरपंच किरण सांसी को वित्तीय अनियमिता का दोषी माना था. याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से संबंधित अधिकारियों को कई बार इस संबंध में शिकायत पेश कर सरपंच को हटाने की गुहार की गई, लेकिन राजनीतिक पहुंच के चलते किरण सांसी को अब तक सरपंच पद से नहीं हटाया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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