जयपुर. न्यायिक अधिकारी के घर कोर्ट कर्मचारी की जलने से हुई मौत के मामले में हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रदेश के सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर अल्टीमेटम दिया है (HC to Judicial Employees). रजिस्ट्रार जनरल की ओर से लिखे पत्र में कहा गया है कि घटना को लेकर भांकरोटा थाने में घटना को लेकर हत्या की एफआईआर दर्ज हो चुकी है. ऐसे में कर्मचारियों की मुख्य मांग पूरी हो गई है इसलिए यह निर्देश दिए जाते हैं कि कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से काम पर लौटना सुनिश्चित किया जाए. हाईकोर्ट प्रशासन ने पत्र में चेतावनी दी है (Rajasthan HC ultimatum ) कि यदि कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो फिर मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
आंदोलन पर कर्मचारी क्यों?- 11 नवंबर को मृतक सुभाष मेहरा की बहन की शिकायत पर भांकरोटा थाना पुलिस ने एनडीपीएस कोर्ट के जज कृष्ण स्वरूप चलाना के खिलाफ हत्या, बंधक बनाने और जबरन श्रम कराने सहित एससी, एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया था. गौरतलब है कि एनडीपीएस मामलों की विशेष कोर्ट में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा के 10 नवंबर को इसी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी के घर की छत पर जलने से मौत हो गई थी.
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न्यायिक कर्मचारियों की डिमांड- न्यायिक कर्मचारियों का कहना है कि सुभाष की हत्या हुई है इसलिए मामले की सीबीआई जांच करवाई जानी चाहिए. इसके साथ ही कर्मचारी न्यायिक अफसर को एपीओ करने, मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए मुआवजा सहित एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग पर अड़े हैं. कर्मचारी 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं.
निर्देश पर कर्मचारियों की राय- मामले में एफआईआर दर्ज होने के बाद कर्मचारियों का कहना है कि वे मुख्य न्यायाधीश से मिलकर वार्ता करेंगे. वार्ता के बाद सभी जिला अध्यक्षों की सहमति से सामूहिक अवकाश को लेकर निर्णय किया जाएगा.