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छात्राएं हुईं फेल तो नहीं उठा सकेंगी राजस्थान सरकार की इस योजना का लाभ...जानिए डिटेल - राइट टू एजुकेशन

बालिका शिक्षा को लेकर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने योजना शुरू की है. इस योजना के तहत 9वीं से 12वीं तक की छात्राओं को लाभ (Scheme for 9th to 12 class girls) मिलेगा. लेकिन शर्त ये है कि उनका एडमिशन आरटीई के तहत हुआ हो और इन कक्षाओं में वे फेल ना हुई हों. पढ़िए इस योजना से जुड़ी डिटेल्स...

Rajasthan government Scheme for 9th to 12 class girls
छात्राएं हुईं फेल तो नहीं उठा सकेंगी राजस्थान सरकार की इस योजना का लाभ...जानिए डिटेल
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Published : Nov 8, 2022, 11:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान की बेटियों की प्राथमिक स्तर की पढ़ाई में कोई रुकावट ना आये, इसके लिये गहलोत सरकार ने राज्य में आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं की कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई का सारा खर्च उठाने का फैसला लिया है. इंदिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना (Application for fee recharge scheme) के तहत प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं से 12वीं तक के छात्राओं की फीस का पुनर्भरण उनके खाते में किया जाएगा. हालांकि प्रचार-प्रसार के अभाव में 1 सप्ताह बाद भी योजना के लिए आवेदन करने वाली छात्राओं का आंकड़ा एक हजार के पार भी नहीं पहुंचा है.

राजस्थान सरकार ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई स्कीम की शुरुआत की है. इंदिरा शक्ति बालिका फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की छात्राएं प्राइवेट स्कूल में भी मुफ्त शिक्षा हासिल कर सकेंगी. गहलोत सरकार का ये फैसला गरीब परिवारों की बेटियों के हित में है. राइट टू एजुकेशन के तहत राजस्थान के निजी स्कूलों में शुरूआती कक्षा की 25 फीसदी सीटों पर छात्रों को भर्ती किया जाता है. जिनकी पहली से 8वीं कक्षा तक की एकमुश्त निर्धारित राशि सरकार चुकाती है. इसे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने 9वीं से 12वीं तक भी मुफ्त में शिक्षा की घोषणा की है. ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शिक्षा में कोई रुकावट ना आए. इस योजना के तहत शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

पढ़ें: RTE फीस के पुनर्भरण की मांग को लेकर प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालक बीकानेर में जुटे, शिक्षा निदेशक से की बातचीत

फेल होने पर होंगी बाहर: राजस्थान शिक्षा बोर्ड की इंदिरा शक्ति बालिका फीस पुनर्भरण योजना के तहत उन्हीं छात्राओं को 9वीं से 12वीं तक प्राइवेट स्कूल में मुफ्त शिक्षा मिलेगी, जिनका एडमिशन आरटीई के तहत हुआ हो. साथ ही एक शर्त ये भी लगाई है कि अगर 9वीं से 12वीं के बीच कोई छात्रा फेल होती है, तो सरकार उसकी फीस नहीं भरेगी. इसके लिए कोई आय प्रमाण पत्र भी जमा नहीं करना है.

पढ़ें: Admission in schools under RTE: स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश के लिए निकली लॉटरी, मंत्री बीडी कल्ला बोले-सभी को शिक्षा मिले यही सरकार का प्रयास

कब और कैसे करें अप्लाई?: इस स्कीम का लाभ उठाने की योग्य छात्राएं 31 दिसंबर, 2022 तक राजस्थान शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट education.rajasthan.gov.in पर अप्लाई कर सकती हैं. राजस्थान जिला शिक्षा अधिकारी इन आवेदन पत्रों को वेरिफाई करेंगे. 28 फरवरी, 2023 तक स्टूडेंट्स के अकाउंट में फीस की रकम दो किश्तों में भेजी जाएगी.

आपको बता दें कि 8वीं कक्षा के बाद गरीब छात्राओं को या तो सरकारी स्कूल या कम फीस वाली निजी स्कूल में शिफ्ट होना पड़ता है. वहीं, अधिकांश छात्राएं फीस का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण 8वीं कक्षा के बाद स्कूल ही छोड़ देती हैं. सरकार के इस फैसले से आगामी शैक्षणिक वर्ष में 20 हजार से ज्यादा छात्राएं स्कूल छोड़ने को मजबूर नहीं होंगी.

जयपुर. राजस्थान की बेटियों की प्राथमिक स्तर की पढ़ाई में कोई रुकावट ना आये, इसके लिये गहलोत सरकार ने राज्य में आरटीई (राइट टू एजुकेशन) के तहत शिक्षा प्राप्त करने वाली छात्राओं की कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई का सारा खर्च उठाने का फैसला लिया है. इंदिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना (Application for fee recharge scheme) के तहत प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली 9वीं से 12वीं तक के छात्राओं की फीस का पुनर्भरण उनके खाते में किया जाएगा. हालांकि प्रचार-प्रसार के अभाव में 1 सप्ताह बाद भी योजना के लिए आवेदन करने वाली छात्राओं का आंकड़ा एक हजार के पार भी नहीं पहुंचा है.

राजस्थान सरकार ने बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नई स्कीम की शुरुआत की है. इंदिरा शक्ति बालिका फीस पुनर्भरण योजना के तहत कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक की छात्राएं प्राइवेट स्कूल में भी मुफ्त शिक्षा हासिल कर सकेंगी. गहलोत सरकार का ये फैसला गरीब परिवारों की बेटियों के हित में है. राइट टू एजुकेशन के तहत राजस्थान के निजी स्कूलों में शुरूआती कक्षा की 25 फीसदी सीटों पर छात्रों को भर्ती किया जाता है. जिनकी पहली से 8वीं कक्षा तक की एकमुश्त निर्धारित राशि सरकार चुकाती है. इसे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने 9वीं से 12वीं तक भी मुफ्त में शिक्षा की घोषणा की है. ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शिक्षा में कोई रुकावट ना आए. इस योजना के तहत शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 18 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.

पढ़ें: RTE फीस के पुनर्भरण की मांग को लेकर प्रदेशभर के निजी स्कूल संचालक बीकानेर में जुटे, शिक्षा निदेशक से की बातचीत

फेल होने पर होंगी बाहर: राजस्थान शिक्षा बोर्ड की इंदिरा शक्ति बालिका फीस पुनर्भरण योजना के तहत उन्हीं छात्राओं को 9वीं से 12वीं तक प्राइवेट स्कूल में मुफ्त शिक्षा मिलेगी, जिनका एडमिशन आरटीई के तहत हुआ हो. साथ ही एक शर्त ये भी लगाई है कि अगर 9वीं से 12वीं के बीच कोई छात्रा फेल होती है, तो सरकार उसकी फीस नहीं भरेगी. इसके लिए कोई आय प्रमाण पत्र भी जमा नहीं करना है.

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कब और कैसे करें अप्लाई?: इस स्कीम का लाभ उठाने की योग्य छात्राएं 31 दिसंबर, 2022 तक राजस्थान शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट education.rajasthan.gov.in पर अप्लाई कर सकती हैं. राजस्थान जिला शिक्षा अधिकारी इन आवेदन पत्रों को वेरिफाई करेंगे. 28 फरवरी, 2023 तक स्टूडेंट्स के अकाउंट में फीस की रकम दो किश्तों में भेजी जाएगी.

आपको बता दें कि 8वीं कक्षा के बाद गरीब छात्राओं को या तो सरकारी स्कूल या कम फीस वाली निजी स्कूल में शिफ्ट होना पड़ता है. वहीं, अधिकांश छात्राएं फीस का भुगतान करने में असमर्थ होने के कारण 8वीं कक्षा के बाद स्कूल ही छोड़ देती हैं. सरकार के इस फैसले से आगामी शैक्षणिक वर्ष में 20 हजार से ज्यादा छात्राएं स्कूल छोड़ने को मजबूर नहीं होंगी.

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