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Rajasthan Budget 2023: गहलोत के आखिरी बजट में क्या होगा खास? युवाओं को लेकर हो सकती है ये घोषणाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने तीसरे (Gehlot government last budget) कार्यकाल के आखिरी बजट को पेश करने जा रहे हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि इस बार सरकार कई लोकलुभावन घोषणा कर सकती है. खासकर युवाओं के लिए गहलोत के पिटारे से कई घोषणाएं होंगी.

Rajasthan Budget 2023
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Published : Jan 13, 2023, 12:45 PM IST

बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी मामले तक भले ही मुफ्त की रेवड़ियां बांटने को लेकर खासी बहस हो रही हो, लेकिन मौजूदा सरकार के आखिरी बजट में युवाओं पर फोकस करके व्यक्तिगत लाभ की कई योजनाओं की घोषणाएं हो सकती हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने इस शासन के आखिरी बजट के जरिए प्रदेश के युवाओं को साधने की कोशिश करेंगे, जो मौजूदा समय में उनसे नाराज चल रहे हैं. सीएम इस बजट में युवाओं पर फोकस करके व्यक्तिगत लाभ की कई योजनाओं की घोषणाएं करने की तैयारी में हैं. बजट की तैयारियों को लेकर वित्त विभाग BFC बैठकों के जरिए सुझाव ले रहा है.

ये हो सकती है घोषणाएं: बता दें कि सीएम गहलोत कई मौकों पर कह चुके हैं कि अगला बजट युवाओं पर केंद्रित होगा. इसके तहत उनके रोजगार को लेकर कई घोषणाएं संभव है. सूत्रों की मानें तो पेपर लीक कानून को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं. शहरी रोजगार गारंटी स्कीम को लेकर बजट बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ शिक्षण संस्थानों में मुफ्त वाई-फाई जैसी घोषणाएं संभव हैं. वहीं, कोचिंग, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सुविधा, आवागमन में सुविधा जैसी घोषणाएं भी इस बजट में कर सकते हैं.

माना ये भी जा रहा है कि सीएम गहलोत बार-बार 1.25 लाख युवाओं की नौकरियां देने का दावा करते रहे हैं. ऐसे में अब भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर भी अहम घोषणाएं हो सकती है. साथ ही यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी का कैलेंडर तय करने को लेकर बनाई गई कमेटी की सिफारिशों के आधार पर घोषणा संभव है. इसके अलावा बालिका शिक्षा की दिशा में गर्ल कॉलेज के साथ ही आईटीआई की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.

इसे भी पढ़ें - किसानों को ₹ 16 हजार करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण देगी गहलोत सरकार

युवा वोटर निर्णायक: राजस्थान के चुनाव में युवा वोट बैंक निर्णायक होता है. यही वजह है कि प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां युवाओं पर फोकस कर रही है. पिछले गहलोत सरकार ने युवाओं को लेकर कई घोषणा की थी, जिसके चलते युवाओं ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. लेकिन यही वोटर इस बार मांग पूरी नहीं होने पर सरकार से नाराज हैं. राजस्थान में युवा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. युवा राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ के तत्वावधान में रैलियां निकाल अपनी मांग सरकार तक पहुंचा रहे हैं.

वहीं, राज्य सरकार ने युवाओं की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो ये युवा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के दरबार तक अपनी मांगों को लेकर पहुंचे थे. चुनाव आयोग की मानें तो राजस्थान में 20 लाख से ज्यादा नए वोटर जुड़े हैं. इसके अलावा सिर्फ 18 साल के वोटरों की संख्या ही 10 लाख है. 35 साल तक के युवाओं की बात करें तो ये आंकड़ा 70 से 75 लाख के करीब है, जो कि चुनाव के लिहाज से किसी भी पार्टी की हार-जीत में निर्णायक की भूमिका निभा सकता है.

युवाओं की डिमांड: वर्तमान में प्रदेश के युवाओं की सबसे बड़ी समस्या पेपर लीक की है. 50 लाख के करीब युवा हैं, जो हर साल किसी न किसी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं. बेरोजगार युवकों की मांग है कि सरकार निष्पक्ष तरीके से भर्ती परीक्षा कराए. ताकि बेराजगार युवकों का साल खराब न हो. बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार यह बजट युवाओं पर केंद्रित करके ला रही है. यह अच्छी बात है. लेकिन यह भी जरूरी है कि सरकार अपनी पूर्व की घोषणाओं को भी पूरा करे. कई भर्ती प्रक्रिया अब भी लंबित हैं, जो पूरी नहीं हुई हैं. वह भी पूर्व में बजट की घोषणाओं का ही हिस्सा है. इसके साथ ही बेरोजगार महासंघ मांग करता है कि राजस्थान में एक युवा कल्याण बोर्ड बनाया जाए, जिसमें युवा अपनी समस्याओं को लेकर जा सके.

बेरोजगार महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान से लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी मामले तक भले ही मुफ्त की रेवड़ियां बांटने को लेकर खासी बहस हो रही हो, लेकिन मौजूदा सरकार के आखिरी बजट में युवाओं पर फोकस करके व्यक्तिगत लाभ की कई योजनाओं की घोषणाएं हो सकती हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने इस शासन के आखिरी बजट के जरिए प्रदेश के युवाओं को साधने की कोशिश करेंगे, जो मौजूदा समय में उनसे नाराज चल रहे हैं. सीएम इस बजट में युवाओं पर फोकस करके व्यक्तिगत लाभ की कई योजनाओं की घोषणाएं करने की तैयारी में हैं. बजट की तैयारियों को लेकर वित्त विभाग BFC बैठकों के जरिए सुझाव ले रहा है.

ये हो सकती है घोषणाएं: बता दें कि सीएम गहलोत कई मौकों पर कह चुके हैं कि अगला बजट युवाओं पर केंद्रित होगा. इसके तहत उनके रोजगार को लेकर कई घोषणाएं संभव है. सूत्रों की मानें तो पेपर लीक कानून को और अधिक मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकते हैं. शहरी रोजगार गारंटी स्कीम को लेकर बजट बढ़ाया जा सकता है. इसके साथ शिक्षण संस्थानों में मुफ्त वाई-फाई जैसी घोषणाएं संभव हैं. वहीं, कोचिंग, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सुविधा, आवागमन में सुविधा जैसी घोषणाएं भी इस बजट में कर सकते हैं.

माना ये भी जा रहा है कि सीएम गहलोत बार-बार 1.25 लाख युवाओं की नौकरियां देने का दावा करते रहे हैं. ऐसे में अब भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया में तेजी लाने को लेकर भी अहम घोषणाएं हो सकती है. साथ ही यूपीएससी की तर्ज पर आरपीएससी का कैलेंडर तय करने को लेकर बनाई गई कमेटी की सिफारिशों के आधार पर घोषणा संभव है. इसके अलावा बालिका शिक्षा की दिशा में गर्ल कॉलेज के साथ ही आईटीआई की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.

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युवा वोटर निर्णायक: राजस्थान के चुनाव में युवा वोट बैंक निर्णायक होता है. यही वजह है कि प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक पार्टियां युवाओं पर फोकस कर रही है. पिछले गहलोत सरकार ने युवाओं को लेकर कई घोषणा की थी, जिसके चलते युवाओं ने कांग्रेस को समर्थन दिया था. लेकिन यही वोटर इस बार मांग पूरी नहीं होने पर सरकार से नाराज हैं. राजस्थान में युवा लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. युवा राजस्थान एकीकृत बेरोजगार संघ के तत्वावधान में रैलियां निकाल अपनी मांग सरकार तक पहुंचा रहे हैं.

वहीं, राज्य सरकार ने युवाओं की मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो ये युवा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी के दरबार तक अपनी मांगों को लेकर पहुंचे थे. चुनाव आयोग की मानें तो राजस्थान में 20 लाख से ज्यादा नए वोटर जुड़े हैं. इसके अलावा सिर्फ 18 साल के वोटरों की संख्या ही 10 लाख है. 35 साल तक के युवाओं की बात करें तो ये आंकड़ा 70 से 75 लाख के करीब है, जो कि चुनाव के लिहाज से किसी भी पार्टी की हार-जीत में निर्णायक की भूमिका निभा सकता है.

युवाओं की डिमांड: वर्तमान में प्रदेश के युवाओं की सबसे बड़ी समस्या पेपर लीक की है. 50 लाख के करीब युवा हैं, जो हर साल किसी न किसी तरह से प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठते हैं. बेरोजगार युवकों की मांग है कि सरकार निष्पक्ष तरीके से भर्ती परीक्षा कराए. ताकि बेराजगार युवकों का साल खराब न हो. बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि सरकार यह बजट युवाओं पर केंद्रित करके ला रही है. यह अच्छी बात है. लेकिन यह भी जरूरी है कि सरकार अपनी पूर्व की घोषणाओं को भी पूरा करे. कई भर्ती प्रक्रिया अब भी लंबित हैं, जो पूरी नहीं हुई हैं. वह भी पूर्व में बजट की घोषणाओं का ही हिस्सा है. इसके साथ ही बेरोजगार महासंघ मांग करता है कि राजस्थान में एक युवा कल्याण बोर्ड बनाया जाए, जिसमें युवा अपनी समस्याओं को लेकर जा सके.

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