जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में नामांकन का दौर समाप्त हो चुका है. इस बीच इन चुनाव में किसके सितारे बुलंद हैं और किसके तारे गर्दिश में हैं, इस पर बात करते हुए ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज ने बताया कि ज्योतिषीय गणना के आधार पर 15 नवंबर तक राजनीतिक दलों की स्थिति स्पष्ट नहीं हो रही. दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में मुख्यमंत्री का चेहरा भी स्पष्ट नहीं है.
गहलोत-वसुंधरा की कुंडली ताकतवर : जहां तक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कुंडली की बात है तो निर्विवादित रूप से बहुत बेहतर कुंडली है. उच्च का सूर्य, बृहस्पति और चंद्रमा का सहयोग उन्हें एक बेहतर राजनेता बनाता है, जबकि बीजेपी में वसुंधरा राजे के पिछले कार्यकाल में बड़ी जीत लेकर आई. उनकी कुंडली भी निर्विवादित रूप से एक ताकतवर कुंडली है. उनका सूर्य उन्हें कॉन्फिडेंस देता है और शनि राजनीतिक दांवपेचों में दक्ष बनाता है, लेकिन इस बार इन दोनों ही राजनेताओं को लेकर निश्चितता नहीं है.
सचिन पायलट अच्छे मैनेजर : ज्योतिषीय आंकलन के आधार पर दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों के दूसरे चेहरों को देखें तो सत्ता संघर्ष में इस मुकाबले की कुंडली नहीं है. हालांकि, नए चेहरों पर केंद्र में मौजूद नरेंद्र मोदी और अमित शाह की कुंडली का इफेक्ट पड़ सकता है. नई कुंडली को इनकी कुंडली प्रभावित भी करेगी और ताकत भी देगी. सचिन पायलट की अगर बात करें तो वो एक अच्छे मैनेजर हैं. उनमें प्रतिभा और दक्षता जरूर है, लेकिन उनके सितारे उन्हें क्लियर मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं दिखाते. यदि अशोक गहलोत खुद कन्वेंस होकर अपनी भूमिका बदलते हैं, तब सचिन पायलट के द्वार खुल सकते हैं.
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डोटासरा का चुनाव संघर्षपूर्ण : वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा खुद के लिए उत्साही व्यक्तित्व रखते हैं, लेकिन इस बार उनके सितारे उन्हें अपनी विधानसभा से बाहर नहीं निकलने देंगे. खुद का चुनाव भी उनका संघर्षपूर्ण रहने वाला है. ऐसे में उनके मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने की उम्मीद काफी कठिन है. सीपी जोशी राजस्थान की राजनीति के ज्ञानवान नेता है. उनकी नॉलेज से मुकाबला कोई नहीं कर पाता, लेकिन भाग्य मुख्य जगहों पर उनका समर्थन नहीं करता. ये उनकी कुंडली में दोष है.
दीया के साथ भाग्य की ताकत : दीया कुमारी की कुंडली में भाग्य की ताकत है. अमित शाह और नरेंद्र मोदी की कुंडली की परोक्ष ताकत की बात दीया कुमारी की कुंडली के लिए ही की है. यदि इनका साथ दीया कुमारी को मिलता है तो ये एक बड़े बदलाव वाली कुंडली है. वहीं, सतीश पूनिया की कुंडली में लोगों को जोड़ने का गुण है. उनकी कुंडली उन्हें आने वाले समय में शक्ति प्राप्त कराएगी और महत्वपूर्ण स्थितियों में भी रहेंगे, लेकिन मुख्य जगहों पर आकर ये कुंडली भी फंसती है. एक या दो के बीच में से तीसरे को देने की स्थिति में सबसे श्रेष्ठ कुंडली है.
ज्योतिषाचार्य मुकेश भारद्वाज ने आखिर में स्पष्ट किया कि इन सभी नाम में चुनावी मैदान में गोविंद सिंह डोटासरा और सीपी जोशी को संघर्ष करना पड़ सकता है. बाकी नामों को चुनाव जीतने में संघर्ष नहीं करना पड़ेगा. बाकी स्थिति 15 नवंबर के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी.