जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने का आज दूसरा दिन है. ऐसे में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के लिए अब प्रत्याशियों की अंतिम सूची को लेकर आखिरी दौर की कसरत दिल्ली दरबार तक जारी है. दावेदारों की जोर आजमाइश के बाद पार्टी जिताऊ चेहरों पर मंथन कर रही है और सोमवार को सीईसी की बैठक में करीब 35 सीटों पर नतीजा नहीं तय हो पाने की वजह से मंगलवार दोपहर फिर चर्चा शुरू की जाएगी.
गौरतालब है कि पार्टी अब तक महज 95 सीटों पर ही प्रत्याशियों का एलान कर सकी है. इस बार स्क्रीनिंग कमेटी की ओर से सुझाए गए नामों का मिलान राहुल गांधी पार्टी की ओर से करवाए गए अधिकृत सर्वे और सुनील कानुगोलू की ओर से दिए गए नाम से कर रहे हैं. यही वजह है कि पार्टी करीब तीन दर्जन सीटों पर अब तक अंतिम सहमति नहीं बना सकी है.
गहलोत के करीबी इन नामों पर आखिरी दौर में संशय : बीते 5 साल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सिपहसालार के तौर पर सत्ता में भागीदारी निभाने वाले मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और पर्यटन निगम के अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ के चुनाव लड़ने को लेकर संशय बरकरार है. कोटा उत्तर से शांति धारीवाल और हवामहल से महेश जोशी का टिकट अब तक फाइनल नहीं हुआ है. इस बीच जलदाय मंत्री महेश जोशी मंगलवार अलसुबह सालासर धाम पहुंचे और बालाजी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की. इसके पहले महेश जोशी गिरिराज जी के दरबार में भी दंडवत करते हुए नजर आए थे, वहीं, धर्मेंद्र राठौड़ पुष्कर के बाद अजमेर उत्तर की सीट पर नजर बनाए हुए हैं.
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सर्वे में कमजोर रिपोर्ट पर राहुल का सवाल : कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक सोमवार को सीईसी की बैठक के दौरान, स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई की रिपोर्ट में एंटी इनकंबेंसी वाले नाम आने के बाद, राहुल गांधी ने उनसे रणनीति से जुड़ा सवाल किया. बताया जा रहा है कि करीब तीन दर्जन विधायकों के खिलाफ उनके क्षेत्र में नाराजगी का जिक्र पार्टी के सर्वे में हुआ था. ऐसे में पैनल में उनके नाम को लेकर राहुल गांधी की नाराजगी भी देखने को मिली. पार्टी लगातार इन सीटों पर युवा चेहरों को विकल्प के रूप में तलाश रही है. आज एक बार फिर इन तमाम सीटों पर नए सिरे से चर्चा की जाएगी.
इन जगह दोहरा सकते हैं यह चेहरे : पार्टी ने सर्वे के आधार पर कई विधानसभा सीटों पर पुराने चेहरों को ही तवज्जो देने का मानस बनाया है. कांग्रेस की शुरुआती दो लिस्ट में पार्टी की इसी रणनीति की ओर इशारा मिलता है. माना जा रहा है कि पार्टी श्रीमाधोपुर में सचिन पायलट के करीबी दीपेंद्र सिंह, टोडाभीम में पीआर मीणा और बामनवास में इंदिरा मीणा को फिर से मौका दे सकती है. बामनवास में पूर्व केंद्रीय मंत्री नमो नारायण मीणा की दावेदारी को हरीश मीणा को टिकट मिलने के बाद खारिज कर दिया गया है.
वहीं, जैतारण में पिछले चुनाव में भाजपा के बागी रहे सुरेंद्र गोयल को मौका देने का मानस पार्टी आलाकमान बना चुका है. इसी तरह किशनगढ़ बास में दीपचंद खैरिया और नदबई में जोगिंदर अवाना का टिकट फाइनल बताया जा रहा है. चूरू से रफीक मंडेलिया, संगरिया से शबनम गोदारा, लूणकरणसर से डॉ राजेंद्र मूंड, ब्यावर से पारसमल जैन, पीलीबंगा से विनोद गोठवाल, जालोर से रामलाल मेघवाल, बूंदी से हरिमोहन शर्मा, बहरोड से संजय यादव और बाली से पार्टी बद्रीराम जाखड़ को मौका दे सकती है. सुमेरपुर से एक बार फिर बीना काक को मौका मिल सकता है. बसेड़ी में खिलाड़ीलाल बैरवा के टिकट को लेकर पार्टी अभी कोई फैसला नहीं ले सके है।