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लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने की गहलोत सरकार ने कर ली जबरदस्त तैयारी, ये 10 बातें होंगी खास - राजस्थान

कांग्रेस का मुकाम प्रदेश में सत्ता हासिल करने के साथ-साथ लोकसभा चुनावों को साधना भी था. घोषणा पत्र में किए वादों के दम  राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की नजर अब आगामी लोकसभा चुनावों पर है.

फाइल फोटोः अशोक गहलोत, मुख्यमंत्री राजस्थान
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Published : Feb 18, 2019, 7:08 PM IST

जयपुर. लोकसभा चुनाव में दो महीने से भी कम समय बचा है ऐसे में राजस्थान की 25 सीटों पर जीत के लिए गहलोत सरकार ने जबरदस्त तैारी शुरू कर दी है. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने मात्र दो महीने में ही एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू की है जिससे हर तबके के वोटरों को साधा जा सके. इन योजनाओं के मार्फत कांग्रेस राजस्थान वोटरों तक अपनी पहुंच बनाते दिख रही है.

कांग्रेस का मुकाम प्रदेश में सत्ता हासिल करने के साथ-साथ लोकसभा चुनावों को साधना भी था. घोषणा पत्र में किए वादों के दम राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की नजर अब आगामी लोकसभा चुनावों पर है. तभी तो घोषणा पत्र में किए वादों को लेकर सरकार ने सत्ता में आते ही तत्परता दिखाई और गुटबाजी दूर कर अपनी ज्यादातर घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया. कांग्रेस को पता था कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उसे अपनी घोषणाओं को जल्द पूरा करना होगा, बहुत हद तक गहलोत सरकार जनता में ये संदेश देने में कामयाब भी हुई कि वो वादाखिलाफी नहीं करेगी.

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गहलोत सरकार ने योजनाओं को लागू कर जिस तरीके से आम लोगों के लिए रास्ते खोले हैं उसी तरीके से केंद्र भी अपनी घोषणाओं को जल्द से जल्द टाइम बाउंड तरीके से पूरा करेगा. वैसे भी बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो हालत हुई थी उसके बाद अब दूध की जली कांग्रेस छाछ भी फूंक फूंक कर पी रही है. क्योंकि सत्ताविरोधी लहर के बावजूद भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी 101 विधायक ही ला सकी है इनमें से भी एक विधायक गठबंधन दल का है.

ऐसे में गहलोत सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही कमर कसते हुए अपने वादे पूरे करना शुरू कर दिए हैं ताकि कांग्रेस जो बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी और उपचुनाव में उसे 2 सीटें मिली थी इस संख्या को वह बढ़ाकर कम से कम 20 तक लाया जा सके. जानकारों की माने तो गहलोत इन वादों को पूरा कर प्रदेश में हर तबके को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और आरक्षण संबंधी बड़े वादों को पूरा कर गहलोत सरकार ने प्रदेश के कई तबकों को एक साथ साधने का काम किया है.

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आपको बताते हैं कि किस तबके को साध कर गहलोत-पायलट ने कितने प्रतिशत वोट को प्रभावित किया है


1.किसान वर्ग- सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड करीब 23,00000 किसान समेत कुल 30,00000 किसानों को कर्ज माफी का सीधा फायदा होगा. इसके अलावा राजस्थान के सभी किसानों को आगामी 5 साल तक बिजली बिल नहीं बढ़ाने की घोषणा भी की है. इसके साथ ही पशुपालक किसानों को हर लीटर दूध पर ₹2 का बोनस देकर 50,0000 पशुपालकों को गहलोत सरकार ने सीधा फायदा दिया है.
2. ओबीसी वर्ग- प्रदेश में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में गहलोत सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए सीमा ढ़ाई लाख रुपए से बढ़ाकर ₹800000 कर दी है जिससे पूरे ओबीसी को फायदा होगा.
3. महिलाएं- महिला वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 33% महिलाओं के आरक्षण के लिए संकल्प पारित किया. इसके साथ ही प्रदेश में महिला शिक्षा को पूर्ण तरीके से निशुल्क कर दिया है जिससे प्रदेश की 23,0000 छात्राएं लाभान्वित होंगी.
4. युवा वर्ग- युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बेरोजगार भत्ते की बात कही थी. इस घोषणा को लागू करते हुए युवा बेरोजगारों (पुरूष और महिला) के लिए साढ़े तीन हजार तो पुरुष युवा बेरोजगारों के लिए ₹3000 रुपए महीने का बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है. इस योजना से 16,0000 युवा लाभान्वित होंगे जिससे लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले करीब 75 लाख नए मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया है.
5. बीपीएल- प्रदेश में एक करोड़ 74 लाख बीपीएल और स्टेट बीपीएल हैं. इन सभी के लिए गहलोत सरकार ने निर्णय लेते हुए एक रुपए किलो गेहूं देने का फैसला किया है जिससे सीधे तौर पर बीपीएल वर्ग लाभान्वित होगा.
6 सवर्ण- प्रदेश में करीब 18% संख्या सवर्ण मतदाता की है जो अब तक भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना गया है. लेकिन इस बार गहलोत सरकार ने केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में 10% आर्थिक पिछड़े स्वर्णो को आरक्षण देकर इस भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है.
7 गुर्जर- सरकार बनने से पहले गुर्जरों को आरक्षण देने का वादा किया था. जब गुर्जरों ने आन्दोलन शुरू किया तो लग रहा था इस अग्नीपरीक्षा में गहलोत सरकार को बड़ी नाकामी झेलनी पड़ सकती है. करीब 9 दिन तक चले आन्दोलन और विधानसभा में जिस तरीके से गहलोत सरकार ने आरक्षण बिल पास करवाकर गुर्जर मतदाताओं को पक्ष में ले लिया इसका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा.
8. दिव्यांग- सरकारी सेवा में दिव्यांगों का आरक्षण गहलोत सरकार ने 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है. ऐसे में दिव्यांगों को साधने का काम भी गहलोत ने इस निर्णय से कर लिया है.
9. सीनियर सिटीजन- गहलोत सरकार ने आते ही वृद्धावस्था पेंशन 75 वर्ष से अधिक आयु वालों की ₹750 से बढ़ाकर ₹1000 कर दी है साथ ही 75 वर्ष से कम आयु वालों की वृद्धावस्था पेंशन ₹500 से बढ़ाकर साडे ₹750 रुपए की है. गहलोत के इस निर्णय से सीधे तौर पर 46 लाख पेंशन पाने वाले लोगों को फायदा होगा.
10.निशुल्क दवा योजना- पूर्ववर्ती सरकार की महत्वकांक्षी भामाशाह योजना को लेकर जहां प्रदेश में असमंजस की स्थिति थी, उससे निपटते हुए गहलोत सरकार ने अपनी पुरानी निशुल्क दवा योजना को ही महत्व देते हुए कैंसर मरीजों जैसी गंभीर बीमारियों का निशुल्क इलाज की घोषणा कर राहत दी है. इससे प्रदेश का एक बड़ा तबका लाभान्वित होगा.

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जयपुर. लोकसभा चुनाव में दो महीने से भी कम समय बचा है ऐसे में राजस्थान की 25 सीटों पर जीत के लिए गहलोत सरकार ने जबरदस्त तैारी शुरू कर दी है. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने मात्र दो महीने में ही एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू की है जिससे हर तबके के वोटरों को साधा जा सके. इन योजनाओं के मार्फत कांग्रेस राजस्थान वोटरों तक अपनी पहुंच बनाते दिख रही है.

कांग्रेस का मुकाम प्रदेश में सत्ता हासिल करने के साथ-साथ लोकसभा चुनावों को साधना भी था. घोषणा पत्र में किए वादों के दम राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की नजर अब आगामी लोकसभा चुनावों पर है. तभी तो घोषणा पत्र में किए वादों को लेकर सरकार ने सत्ता में आते ही तत्परता दिखाई और गुटबाजी दूर कर अपनी ज्यादातर घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया. कांग्रेस को पता था कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उसे अपनी घोषणाओं को जल्द पूरा करना होगा, बहुत हद तक गहलोत सरकार जनता में ये संदेश देने में कामयाब भी हुई कि वो वादाखिलाफी नहीं करेगी.

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गहलोत सरकार ने योजनाओं को लागू कर जिस तरीके से आम लोगों के लिए रास्ते खोले हैं उसी तरीके से केंद्र भी अपनी घोषणाओं को जल्द से जल्द टाइम बाउंड तरीके से पूरा करेगा. वैसे भी बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो हालत हुई थी उसके बाद अब दूध की जली कांग्रेस छाछ भी फूंक फूंक कर पी रही है. क्योंकि सत्ताविरोधी लहर के बावजूद भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी 101 विधायक ही ला सकी है इनमें से भी एक विधायक गठबंधन दल का है.

ऐसे में गहलोत सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही कमर कसते हुए अपने वादे पूरे करना शुरू कर दिए हैं ताकि कांग्रेस जो बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी और उपचुनाव में उसे 2 सीटें मिली थी इस संख्या को वह बढ़ाकर कम से कम 20 तक लाया जा सके. जानकारों की माने तो गहलोत इन वादों को पूरा कर प्रदेश में हर तबके को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और आरक्षण संबंधी बड़े वादों को पूरा कर गहलोत सरकार ने प्रदेश के कई तबकों को एक साथ साधने का काम किया है.

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आपको बताते हैं कि किस तबके को साध कर गहलोत-पायलट ने कितने प्रतिशत वोट को प्रभावित किया है


1.किसान वर्ग- सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड करीब 23,00000 किसान समेत कुल 30,00000 किसानों को कर्ज माफी का सीधा फायदा होगा. इसके अलावा राजस्थान के सभी किसानों को आगामी 5 साल तक बिजली बिल नहीं बढ़ाने की घोषणा भी की है. इसके साथ ही पशुपालक किसानों को हर लीटर दूध पर ₹2 का बोनस देकर 50,0000 पशुपालकों को गहलोत सरकार ने सीधा फायदा दिया है.
2. ओबीसी वर्ग- प्रदेश में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में गहलोत सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए सीमा ढ़ाई लाख रुपए से बढ़ाकर ₹800000 कर दी है जिससे पूरे ओबीसी को फायदा होगा.
3. महिलाएं- महिला वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 33% महिलाओं के आरक्षण के लिए संकल्प पारित किया. इसके साथ ही प्रदेश में महिला शिक्षा को पूर्ण तरीके से निशुल्क कर दिया है जिससे प्रदेश की 23,0000 छात्राएं लाभान्वित होंगी.
4. युवा वर्ग- युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बेरोजगार भत्ते की बात कही थी. इस घोषणा को लागू करते हुए युवा बेरोजगारों (पुरूष और महिला) के लिए साढ़े तीन हजार तो पुरुष युवा बेरोजगारों के लिए ₹3000 रुपए महीने का बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है. इस योजना से 16,0000 युवा लाभान्वित होंगे जिससे लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले करीब 75 लाख नए मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया है.
5. बीपीएल- प्रदेश में एक करोड़ 74 लाख बीपीएल और स्टेट बीपीएल हैं. इन सभी के लिए गहलोत सरकार ने निर्णय लेते हुए एक रुपए किलो गेहूं देने का फैसला किया है जिससे सीधे तौर पर बीपीएल वर्ग लाभान्वित होगा.
6 सवर्ण- प्रदेश में करीब 18% संख्या सवर्ण मतदाता की है जो अब तक भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना गया है. लेकिन इस बार गहलोत सरकार ने केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में 10% आर्थिक पिछड़े स्वर्णो को आरक्षण देकर इस भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है.
7 गुर्जर- सरकार बनने से पहले गुर्जरों को आरक्षण देने का वादा किया था. जब गुर्जरों ने आन्दोलन शुरू किया तो लग रहा था इस अग्नीपरीक्षा में गहलोत सरकार को बड़ी नाकामी झेलनी पड़ सकती है. करीब 9 दिन तक चले आन्दोलन और विधानसभा में जिस तरीके से गहलोत सरकार ने आरक्षण बिल पास करवाकर गुर्जर मतदाताओं को पक्ष में ले लिया इसका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा.
8. दिव्यांग- सरकारी सेवा में दिव्यांगों का आरक्षण गहलोत सरकार ने 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है. ऐसे में दिव्यांगों को साधने का काम भी गहलोत ने इस निर्णय से कर लिया है.
9. सीनियर सिटीजन- गहलोत सरकार ने आते ही वृद्धावस्था पेंशन 75 वर्ष से अधिक आयु वालों की ₹750 से बढ़ाकर ₹1000 कर दी है साथ ही 75 वर्ष से कम आयु वालों की वृद्धावस्था पेंशन ₹500 से बढ़ाकर साडे ₹750 रुपए की है. गहलोत के इस निर्णय से सीधे तौर पर 46 लाख पेंशन पाने वाले लोगों को फायदा होगा.
10.निशुल्क दवा योजना- पूर्ववर्ती सरकार की महत्वकांक्षी भामाशाह योजना को लेकर जहां प्रदेश में असमंजस की स्थिति थी, उससे निपटते हुए गहलोत सरकार ने अपनी पुरानी निशुल्क दवा योजना को ही महत्व देते हुए कैंसर मरीजों जैसी गंभीर बीमारियों का निशुल्क इलाज की घोषणा कर राहत दी है. इससे प्रदेश का एक बड़ा तबका लाभान्वित होगा.

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Intro:राजस्थान में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस की जबरदस्त तैयारी सरकार बनने के साथ ही प्रदेश के हर तबके पर दिया ध्यान ओबीसी स्वर्ण युवा बीपीएल और किसान को साधने के साथ लोकसभा चुनाव को साथ में का कांग्रेस का प्रयास


Body: लोकसभा चुनाव में में 2 महीने से भी कम का समय बचा है लेकिन लोकसभा चुनाव में कैसे राजस्थान में जीत मिले इसके लिए सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने मात्र 2 महीने में ही एक के बाद एक ऐसी योजना लागू की है जिससे राजस्थान की गहलोत सरकार प्रदेश के हर व्यक्ति को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है बल्कि इन योजनाओं से वह राजस्थान के हर तबके तक अपनी पहुंच बनाते दिख रही है। राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो हर किसी ने कहा था कि इसमें कांग्रेस के गहलोत पायलट फैक्टर का तो फायदा हुआ ही था इसके साथ ही राजस्थान कांग्रेस के घोषणा पत्र के वायदो ने भी जनता को अपनी ओर खींचा। राजस्थान में इससे पहले भी पार्टियां घोषणा पत्र चुनावों से पहले लेकर आती थी लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने आने की 2 महीनों के अंदर ही बड़ी घोषणाओं को पूरा कर दिया है। और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण भी लोकसभा चुनाव में बचा कम समय था और अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बनने के साथ ही उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मिलकर जिस तरीके से 2 महीनों में ही अपनी ज्यादातर घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया उसे देख कर लगता है कि गहलोत ही जान गए हैं कि अगर उन्हें लोकसभा में राजस्थान में जीत दर्ज करनी है तो ऐसे में उन्हें अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए 5 साल तक लोगों को इंतजार नहीं कर आना होगा बल्कि लोगों को यह मैसेज देना होगा कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनती है तो जिस तरीके से राजस्थान सरकार ने आम लोगों के लिए रास्ते खोले हैं उसी तरीके से केंद्र भी अपनी घोषणाओं को जल्द से जल्द टाइम बाउंड तरीके से पूरा करेगा वैसे भी बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो हालत हुई थी उसके बाद आप दूध की जली कांग्रेस छाछ भी फूंक फूंक कर पी रही है क्योंकि कांग्रेस को पता है कि उसके पास विधानसभा चुनाव में पूर्ण थी भाजपा सरकार की तमाम नाराजगी ओं के बावजूद भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी 101 विधायक ही ला सकी है इनमें से भी एक विधायक गठबंधन दल का है ऐसे में कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव से पहले ही कमर कसते हुए अपने वादे एक के बाद एक करके पूरे करना शुरू कर दिए हैं ताकि कांग्रेस जो बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी और उपचुनाव में उसे 2 सीटें मिली थी इस संख्या को वह बढ़ाकर कम से कम 20 तक ले जाएं जानकारों की माने तो गहलोत इन वादों को पूरा कर प्रदेश में हर तबके को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं गहलोत सरकार के 2 महीने का शासन काल साफ तौर पर बता रहा है कि 60 दिनों में गहलोत ने प्रदेश के हर तबके को फायदा देने का प्रयास किया है और अपने लिए गए निर्णय और उनकी घोषणाओं से गहलोत ने एक भी तबके को महरूम नहीं रहने दिया है चाहे ओबीसी की क्रीमी लेयर में बढ़ोतरी हो बीपीएल को एक रुपए में अनाज देने की बात हो महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का संकल्प हो आर्थिक रूप से पिछड़े स्वर्णो के लिए प्रदेश में 10% आरक्षण देना हो युवाओं के लिए बेरोजगारी भत्ता और महिला शिक्षा फ्री करना हो गुर्जर समाज के आंदोलन को समाप्त करने के लिए उन्हें 5% आरक्षण के लिए बिल्ला ना हो या फिर प्रदेश के किसान की कर्ज माफी हो हर मामले में गहलोत ने त्वरित गति से जो निर्णय लिए हैं वह अब तक कोई भी सरकार नहीं कर पाई है खास बात यह है कि इस तरीके के निर्णय अब तक सरकारे जाते समय करती है लेकिन गहलोत ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ मिलकर सरकार आते ही यह बड़े निर्णय लिया वह सब बताते हैं कि गहलोत के दिमाग में साफ तौर पर अब आगामी लोकसभा चुनाव है जिसमें जीत उनकी प्राथमिकता भी है और वह प्रदेश की जनता को एक मैसेज भी देना चाहते हैं कि कांग्रेस की सरकार अगर केंद्र में बनती है तो जनता को और भी राहत मिलेगी गहलोत और पायलट ने ने इशारों इशारों में बता दिया है कि अगर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनेगी तो ऐसे में किसानों को पूर्ण कर्ज माफी तो मिलेगी इसके साथ ही युवाओं के लिए अधिक से अधिक रोजगार महिलाओं के लिए चुनाव में 33% आरक्षण के साथ ही हर व्यक्ति को मिनिमम वेज गारंटी योजना का फायदा मिलेगा कहा जा रहा है कि राजस्थान की गहलोत सरकार आचार संहिता लगने से पहले राहुल गांधी की उस घोषणा को पायलट प्रोजेक्ट की तरह राजस्थान में लागू कर सकती है जिसमें उन्होंने मिनिमम वेज हर नागरिक को मिलने के अधिकार की बात कही थी ऐसे में लोकसभा चुनाव में भले ही अब कम समय बचा हो लेकिन 2 महीने के समय का इस्तेमाल जिस तरीके से राजस्थान सरकार ने किया है उससे लगता है कि वह जनता को साधने में कामयाब रही है हालांकि इन योजनाओं का फायदा आम जनता तक तो पहुंच गया है लेकिन कांग्रेस पार्टी को इन योजनाओं को कितना फायदा होता है इसका जवाब तो लोकसभा चुनाव के नतीजे ही बताएंगे

आपको बताते हैं कि किस तबके को साद कर गहलोत पायलट ने कितने प्रतिशत वोट को प्रभावित किया है
1.किसान- सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड करीब 2300000 किसान समेत कुल 3000000 किसानों को कर्ज माफी का सीधा फायदा होगा। इसके अलावा राजस्थान के सभी किसानों को गहलोत आगामी 5 साल तक बिजली बिल नहीं बढ़ाने की घोषणा के साथ साधने का प्रयास किया है इसके साथ ही पशुपालक किसानों को हर लीटर दूध पर ₹2 का बोनस देकर 500000 पशुपालकों को गहलोत सरकार ने सीधा फायदा दिया है
2. ओबीसी- प्रदेश में करीब 52% से 54% ओबीसी तक का है गहलोत सरकार ने ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर ढाई लाख रुपए से बढ़ाकर ₹800000 कर दी है जिससे पूरे ओबीसी को फायदा होगा
3. महिलाएं- आधी आबादी महिलाओं को साधने के लिए कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 33% महिलाओं के आरक्षण के लिए संकल्प पारित किया इसके साथ ही प्रदेश में महिला शिक्षा को फ्री कर दिया है जिससे 230000 छात्राएं सीधी लाभान्वित होगी
4. बेरोजगारी भत्ता- युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बेरोजगार भत्ते की बात कही थी गहलोत सरकार ने 2 महीने के अंदर ही इस घोषणा को लागू करते हुए महिला युवा बेरोजगार के लिए साढे तीन हजार तो पुरुष युवा बेरोजगारों के लिए ₹3000 रुपए महीने का बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है इस योजना से 160000 युवा लाभान्वित होंगे तो गहलोत सरकार ने युवाओं के लिए इन घोषणाओं को करके उस 7500000 नए मतदाता को अपने साथ करने का प्रयास किया है जो इस बार ही मतदान करने आया था
5. बीपीएल. प्रदेश में एक करोड़ 74 लाख बीपीएल और स्टेट बीपीएल है इन सभी के लिए गहलोत सरकार ने निर्णय लेते हुए एक रुपए किलो गेहूं देने का फैसला किया है जिससे सीधे तौर पर बीपीएल लाभान्वित होगा
6 स्वर्ण मतदाता- प्रदेश में करीब 18% संख्या स्वर्ण मतदाता की है जो अब तक भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना गया है लेकिन इस बार गहलोत सरकार ने केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में 10% आर्थिक तौर पर पिछड़े स्वर्णो को आरक्षण देकर इस 18% स्वर्ण वोट बैंक में सेंध लगाई है
7 गुर्जर- सरकार बनने के साथ ही गुर्जरों ने जिस तरीके से आरक्षण की मांग शुरू की थी लग रहा था कि यह गहलोत सरकार के लिए आते ही बड़ी अग्निपरीक्षा साबित होगा लेकिन जिस तरीके से गहलोत ने गुर्जरों को आरक्षण का बिल विधानसभा में पास करवाकर उन्हें अपने पक्ष में किया है सीधे तौर पर 5% गुर्जर मतदाताओं पर इसका असर होगा
8. दिव्यांग- सरकारी सेवा में दिव्यांगों का आरक्षण गहलोत सरकार ने 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है ऐसे में दिव्यांगों को साधने का काम भी गहलोत ने इस निर्णय से कर लिया है
9.वृद्धावस्था पेंशन- गहलोत सरकार ने आते ही वृद्धावस्था पेंशन 75 वर्ष से अधिक आयु वालों की ₹750 से बढ़ाकर ₹1000 की तो 75 वर्ष से कम आयु वालों की वृद्धावस्था पेंशन ₹500 से बढ़ाकर साडे ₹750 रुपए की है गहलोत के इस निर्णय से सीधे तौर पर 46 लाख पेंशन पाने वाले लोगों को फायदा होगा

10.निशुल्क दवा योजना- प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने कैंसर मरीजों को राहत देते हुए एक बड़ा फैसला लेते हुए निशुल्क दवा योजना के तहत कैंसर की दवाओं को भी निशुल्क दवा योजना में शामिल कर दिया है
बाइट सचिन पायलट उप मुख्यमंत्री राजस्थान और प्रदेश अध्यक्ष राजस्थान कांग्रेस
पीटीसी अजीत


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