जयपुर. लोकसभा चुनाव में दो महीने से भी कम समय बचा है ऐसे में राजस्थान की 25 सीटों पर जीत के लिए गहलोत सरकार ने जबरदस्त तैारी शुरू कर दी है. सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने मात्र दो महीने में ही एक के बाद एक ऐसी योजनाएं लागू की है जिससे हर तबके के वोटरों को साधा जा सके. इन योजनाओं के मार्फत कांग्रेस राजस्थान वोटरों तक अपनी पहुंच बनाते दिख रही है.
कांग्रेस का मुकाम प्रदेश में सत्ता हासिल करने के साथ-साथ लोकसभा चुनावों को साधना भी था. घोषणा पत्र में किए वादों के दम राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की नजर अब आगामी लोकसभा चुनावों पर है. तभी तो घोषणा पत्र में किए वादों को लेकर सरकार ने सत्ता में आते ही तत्परता दिखाई और गुटबाजी दूर कर अपनी ज्यादातर घोषणाओं को अमलीजामा पहनाया. कांग्रेस को पता था कि लोकसभा चुनाव जीतने के लिए उसे अपनी घोषणाओं को जल्द पूरा करना होगा, बहुत हद तक गहलोत सरकार जनता में ये संदेश देने में कामयाब भी हुई कि वो वादाखिलाफी नहीं करेगी.
गहलोत सरकार ने योजनाओं को लागू कर जिस तरीके से आम लोगों के लिए रास्ते खोले हैं उसी तरीके से केंद्र भी अपनी घोषणाओं को जल्द से जल्द टाइम बाउंड तरीके से पूरा करेगा. वैसे भी बीते लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जो हालत हुई थी उसके बाद अब दूध की जली कांग्रेस छाछ भी फूंक फूंक कर पी रही है. क्योंकि सत्ताविरोधी लहर के बावजूद भी कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी 101 विधायक ही ला सकी है इनमें से भी एक विधायक गठबंधन दल का है.
ऐसे में गहलोत सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले ही कमर कसते हुए अपने वादे पूरे करना शुरू कर दिए हैं ताकि कांग्रेस जो बीते लोकसभा चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई थी और उपचुनाव में उसे 2 सीटें मिली थी इस संख्या को वह बढ़ाकर कम से कम 20 तक लाया जा सके. जानकारों की माने तो गहलोत इन वादों को पूरा कर प्रदेश में हर तबके को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ता और आरक्षण संबंधी बड़े वादों को पूरा कर गहलोत सरकार ने प्रदेश के कई तबकों को एक साथ साधने का काम किया है.
आपको बताते हैं कि किस तबके को साध कर गहलोत-पायलट ने कितने प्रतिशत वोट को प्रभावित किया है
1.किसान वर्ग- सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड करीब 23,00000 किसान समेत कुल 30,00000 किसानों को कर्ज माफी का सीधा फायदा होगा. इसके अलावा राजस्थान के सभी किसानों को आगामी 5 साल तक बिजली बिल नहीं बढ़ाने की घोषणा भी की है. इसके साथ ही पशुपालक किसानों को हर लीटर दूध पर ₹2 का बोनस देकर 50,0000 पशुपालकों को गहलोत सरकार ने सीधा फायदा दिया है.
2. ओबीसी वर्ग- प्रदेश में ओबीसी वोटरों की संख्या सबसे अधिक है. ऐसे में गहलोत सरकार ने ओबीसी क्रीमी लेयर के लिए सीमा ढ़ाई लाख रुपए से बढ़ाकर ₹800000 कर दी है जिससे पूरे ओबीसी को फायदा होगा.
3. महिलाएं- महिला वोटरों को साधने के लिए कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 33% महिलाओं के आरक्षण के लिए संकल्प पारित किया. इसके साथ ही प्रदेश में महिला शिक्षा को पूर्ण तरीके से निशुल्क कर दिया है जिससे प्रदेश की 23,0000 छात्राएं लाभान्वित होंगी.
4. युवा वर्ग- युवाओं को अपने साथ जोड़ने के लिए कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में बेरोजगार भत्ते की बात कही थी. इस घोषणा को लागू करते हुए युवा बेरोजगारों (पुरूष और महिला) के लिए साढ़े तीन हजार तो पुरुष युवा बेरोजगारों के लिए ₹3000 रुपए महीने का बेरोजगारी भत्ता शुरू किया है. इस योजना से 16,0000 युवा लाभान्वित होंगे जिससे लोकसभा चुनाव में हिस्सा लेने वाले करीब 75 लाख नए मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास किया है.
5. बीपीएल- प्रदेश में एक करोड़ 74 लाख बीपीएल और स्टेट बीपीएल हैं. इन सभी के लिए गहलोत सरकार ने निर्णय लेते हुए एक रुपए किलो गेहूं देने का फैसला किया है जिससे सीधे तौर पर बीपीएल वर्ग लाभान्वित होगा.
6 सवर्ण- प्रदेश में करीब 18% संख्या सवर्ण मतदाता की है जो अब तक भाजपा का परंपरागत वोट बैंक माना गया है. लेकिन इस बार गहलोत सरकार ने केंद्र की तर्ज पर प्रदेश में 10% आर्थिक पिछड़े स्वर्णो को आरक्षण देकर इस भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाई है.
7 गुर्जर- सरकार बनने से पहले गुर्जरों को आरक्षण देने का वादा किया था. जब गुर्जरों ने आन्दोलन शुरू किया तो लग रहा था इस अग्नीपरीक्षा में गहलोत सरकार को बड़ी नाकामी झेलनी पड़ सकती है. करीब 9 दिन तक चले आन्दोलन और विधानसभा में जिस तरीके से गहलोत सरकार ने आरक्षण बिल पास करवाकर गुर्जर मतदाताओं को पक्ष में ले लिया इसका असर लोकसभा चुनावों पर भी पड़ेगा.
8. दिव्यांग- सरकारी सेवा में दिव्यांगों का आरक्षण गहलोत सरकार ने 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है. ऐसे में दिव्यांगों को साधने का काम भी गहलोत ने इस निर्णय से कर लिया है.
9. सीनियर सिटीजन- गहलोत सरकार ने आते ही वृद्धावस्था पेंशन 75 वर्ष से अधिक आयु वालों की ₹750 से बढ़ाकर ₹1000 कर दी है साथ ही 75 वर्ष से कम आयु वालों की वृद्धावस्था पेंशन ₹500 से बढ़ाकर साडे ₹750 रुपए की है. गहलोत के इस निर्णय से सीधे तौर पर 46 लाख पेंशन पाने वाले लोगों को फायदा होगा.
10.निशुल्क दवा योजना- पूर्ववर्ती सरकार की महत्वकांक्षी भामाशाह योजना को लेकर जहां प्रदेश में असमंजस की स्थिति थी, उससे निपटते हुए गहलोत सरकार ने अपनी पुरानी निशुल्क दवा योजना को ही महत्व देते हुए कैंसर मरीजों जैसी गंभीर बीमारियों का निशुल्क इलाज की घोषणा कर राहत दी है. इससे प्रदेश का एक बड़ा तबका लाभान्वित होगा.