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Rajasthan coaching institutes bill 2023: स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री की स्टेकहोल्डर्स से वार्ता पर बेरोजगारों ने सवाल उठाए (youth opposed meeting for coaching institute bill) हैं. उनका आरोप है कि इसमें छात्रों के हित रखने के लिए किसी छात्र प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया गया.

youth opposed meeting for coaching institute bill
कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल 2023 पर स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल
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Published : Jan 27, 2023, 9:55 PM IST

Updated : Jan 27, 2023, 11:42 PM IST

स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

जयपुर. कोचिंग संस्थानों को लेकर विधानसभा में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल लाया जाना है. जिस पर मंथन जारी है. इसे लेकर शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने स्टेकहोल्डर्स से वार्ता की. जिस पर बेरोजगारों ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों पर आने वाला बिल कैसा होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च शिक्षा मंत्री बंद कमरे में कोचिंग संस्थानों के साथ बिल को लेकर चर्चा की. जिसमें बेरोजगार, युवा और छात्रों का पक्ष रखने वाला कोई मौजूद ही नहीं.

प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन और इन पर निगरानी, अध्ययनरत विद्यार्थियों और अभिभावकों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2023 का प्रारूप राज्य सरकार के विचाराधीन है. विधेयक का प्रारूप विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव भी आमंत्रित किए गए हैं. वहीं इस क्रम में प्रस्तावित विधेयक पर स्टेकहोल्डर्स की मांग पर मीटिंग कॉल की गई. जिसमें कोचिंग संचालकों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक, अभिभावक और एडवोकेट्स को भी शामिल किया.

पढ़ें: Guideline for coaching institutes: कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगाम, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी की नीति

हालांकि इस मीटिंग में बेरोजगारों का पक्ष रखने के लिए किसी प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया. जिस पर बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये बिल मिलीभगत से आएगा. जैसे पहले भी मिलीभगत से विधानसभा में कागजों में बनी यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव आया था. उन्होंने इसे युवा बेरोजगारों के हित में लाए जाने वाला बिल बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बिल के सुझाव में युवा बेरोजगारों का पक्ष रखने की मांग की.

पढ़ें: राजस्थान: RPSC पेपर लीक मामले में सरगना की कोचिंग पर चला बुलडोजर

उधर, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने राजस्थान उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक लेते हुए विद्यार्थियों और शिक्षकों की नियमित रूप से यूनिवर्सिटी आने की मॉनिटरिंग करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस परिषद् का गठन विद्यार्थियों तक उच्च शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने और जवाबदेही तय करने के लिए की गई है. परिषद के हितधारकों के सभी सुझावों को अमल में लाने का प्रयास विभाग करेगा.

पढ़ें: कोचिंग छात्रों से मिलीं संगीता बेनीवाल, स्टूडेंट्स को किया मोटिवेट...कहा- अपने फ्रेंड के सीक्रेट मेंटर बनें

इस दौरान संकल्प किया गया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षण नीति 2020 के मुख्य घटकों में से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम 2023-24 से लागू किया जाएगा. जबकि बहु विषयक स्नातक डिग्री कार्यक्रम और मल्टी एण्ट्री एण्ड एक्सिट 2025 से लागू किया जाएगा. वहीं उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के कार्यों को गति दी जाएगी. रूसा लाभार्थी संस्थाओं की थर्ड पार्टी ऑडिट करवाई जाएगी.

स्टेकहोल्डर्स के साथ मीटिंग पर बेरोजगारों ने उठाए सवाल

जयपुर. कोचिंग संस्थानों को लेकर विधानसभा में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट बिल लाया जाना है. जिस पर मंथन जारी है. इसे लेकर शुक्रवार को उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव ने स्टेकहोल्डर्स से वार्ता की. जिस पर बेरोजगारों ने सवाल उठाते हुए कहा कि कोचिंग संस्थानों पर आने वाला बिल कैसा होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उच्च शिक्षा मंत्री बंद कमरे में कोचिंग संस्थानों के साथ बिल को लेकर चर्चा की. जिसमें बेरोजगार, युवा और छात्रों का पक्ष रखने वाला कोई मौजूद ही नहीं.

प्रदेश में कोचिंग संस्थानों के रजिस्ट्रेशन और इन पर निगरानी, अध्ययनरत विद्यार्थियों और अभिभावकों के मानसिक तनाव को कम करने के लिए राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट (कंट्रोल एंड रेगुलेशन) बिल 2023 का प्रारूप राज्य सरकार के विचाराधीन है. विधेयक का प्रारूप विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव भी आमंत्रित किए गए हैं. वहीं इस क्रम में प्रस्तावित विधेयक पर स्टेकहोल्डर्स की मांग पर मीटिंग कॉल की गई. जिसमें कोचिंग संचालकों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक, अभिभावक और एडवोकेट्स को भी शामिल किया.

पढ़ें: Guideline for coaching institutes: कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर लगाम, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी की नीति

हालांकि इस मीटिंग में बेरोजगारों का पक्ष रखने के लिए किसी प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया. जिस पर बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये बिल मिलीभगत से आएगा. जैसे पहले भी मिलीभगत से विधानसभा में कागजों में बनी यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव आया था. उन्होंने इसे युवा बेरोजगारों के हित में लाए जाने वाला बिल बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस बिल के सुझाव में युवा बेरोजगारों का पक्ष रखने की मांग की.

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उधर, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेन्द्र सिंह यादव ने राजस्थान उच्चतर शिक्षा परिषद की बैठक लेते हुए विद्यार्थियों और शिक्षकों की नियमित रूप से यूनिवर्सिटी आने की मॉनिटरिंग करने के लिए सॉफ्टवेयर विकसित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस परिषद् का गठन विद्यार्थियों तक उच्च शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने, इस क्षेत्र में काम कर रही संस्थाओं की गुणवत्ता सुधारने और जवाबदेही तय करने के लिए की गई है. परिषद के हितधारकों के सभी सुझावों को अमल में लाने का प्रयास विभाग करेगा.

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इस दौरान संकल्प किया गया कि प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षण नीति 2020 के मुख्य घटकों में से चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम 2023-24 से लागू किया जाएगा. जबकि बहु विषयक स्नातक डिग्री कार्यक्रम और मल्टी एण्ट्री एण्ड एक्सिट 2025 से लागू किया जाएगा. वहीं उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख शासन सचिव भवानी सिंह देथा ने कहा कि राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के कार्यों को गति दी जाएगी. रूसा लाभार्थी संस्थाओं की थर्ड पार्टी ऑडिट करवाई जाएगी.

Last Updated : Jan 27, 2023, 11:42 PM IST
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