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सात साल बाद पुनः बहाली के बाद वापस निलंबन, अधिकरण ने रोक लगाकर मांगा जवाब

राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण ने प्रबोधक को निलंबित करने के आदेश की क्रियांविति पर रोक लगा दी है.

Rajasthan Civil Service Appellate,  Rajasthan Civil Service Appellate Tribunal
अधिकरण ने रोक लगाकर मांगा जवाब.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 27, 2023, 9:26 PM IST

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण ने प्रबोधक के निलंबन से बहाली के बाद दुबारा निलंबित करने से जुड़े मामले में राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी, टोंक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अधिकरण ने अपीलार्थी को पुन: निलंबित करने के 20 अक्टूबर 2023 के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है.

अधिकरण के सदस्य शुचि शर्मा व सदस्य चेतन देवड़ा की पीठ ने यह आदेश पीपलू उपखंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हाडी खुर्द के प्रबोधक बजरंग लाल कीर की ओर से दायर अपील पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी को आपराधिक मामले के चलते टोंक डीईओ ने 6 मई 2015 को निलंबित कर दिया था. वहीं 31 अक्टूबर 2022 को टोंक डीईओ ने उसे 7 वर्ष से ज्यादा की निलंबन अवधि और छात्र हित को देखते हुए बहाल कर दिया.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: उदयपुरवाटी नगरपालिका चेयरमैन के निलंबन पर रोक

वहीं गत बीस अक्टूबर को टोंक डीईओ ने यह कहते हुए पुन: बहाली के आदेश को वापस ले लिया कि इस आदेश का शिक्षा निदेशक ने अनुमोदन नहीं किया है. इसे चुनौती देते हुए अपील में कहा गया कि प्रबोधक को नियुक्ति देने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को होता है. ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी ही प्रबोधक को निलंबित और बहाल करने के लिए सक्षम अधिकारी की श्रेणी में आता है. ऐसे में अपीलार्थी के पुन: बहाली के आदेश को शिक्षा निदेशक से अनुमोदन कराने की जरूरत ही नहीं है. ऐसे में इस आधार पर उसके पुन: बहाली के आदेश को वापस लेना विधि विरूद्ध है. इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी के पुन: बहाली के आदेश को वापस लेने वाले आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने पुन: बहाली के आदेश को वापस लेने वाले आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण ने प्रबोधक के निलंबन से बहाली के बाद दुबारा निलंबित करने से जुड़े मामले में राज्य के प्रमुख शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक और जिला शिक्षा अधिकारी, टोंक सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अधिकरण ने अपीलार्थी को पुन: निलंबित करने के 20 अक्टूबर 2023 के आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगा दी है.

अधिकरण के सदस्य शुचि शर्मा व सदस्य चेतन देवड़ा की पीठ ने यह आदेश पीपलू उपखंड के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हाडी खुर्द के प्रबोधक बजरंग लाल कीर की ओर से दायर अपील पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. अपील में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अधिकरण को बताया कि अपीलार्थी को आपराधिक मामले के चलते टोंक डीईओ ने 6 मई 2015 को निलंबित कर दिया था. वहीं 31 अक्टूबर 2022 को टोंक डीईओ ने उसे 7 वर्ष से ज्यादा की निलंबन अवधि और छात्र हित को देखते हुए बहाल कर दिया.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: उदयपुरवाटी नगरपालिका चेयरमैन के निलंबन पर रोक

वहीं गत बीस अक्टूबर को टोंक डीईओ ने यह कहते हुए पुन: बहाली के आदेश को वापस ले लिया कि इस आदेश का शिक्षा निदेशक ने अनुमोदन नहीं किया है. इसे चुनौती देते हुए अपील में कहा गया कि प्रबोधक को नियुक्ति देने का अधिकार जिला शिक्षा अधिकारी को होता है. ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी ही प्रबोधक को निलंबित और बहाल करने के लिए सक्षम अधिकारी की श्रेणी में आता है. ऐसे में अपीलार्थी के पुन: बहाली के आदेश को शिक्षा निदेशक से अनुमोदन कराने की जरूरत ही नहीं है. ऐसे में इस आधार पर उसके पुन: बहाली के आदेश को वापस लेना विधि विरूद्ध है. इसलिए जिला शिक्षा अधिकारी के पुन: बहाली के आदेश को वापस लेने वाले आदेश को रद्द किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अधिकरण ने पुन: बहाली के आदेश को वापस लेने वाले आदेश की क्रियान्विति पर अंतरिम रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

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