जयपुर. भजनलाल शर्मा की सरकार और उनके मंत्रियों को लेकर काउंटडाउन शुरु हो गया है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिल्ली से नए मंत्रियों की लिस्ट लेकर लौटेंगे. राजस्थान में बीजेपी की भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार कल यानी शनिवार को होगा. दोपहर 3:15 बजे कैबिनेट में शामिल होने वाले विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे, हालांकि अभी यह जानकारी नहीं सामने आई है कि कितने विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा. इस दौरान महकमों के बंटवारे पर तस्वीर का रुख फिलहाल साफ नहीं हो सका है. वहीं, शुक्रवार को दिल्ली में सीएम भजनलाल शर्मा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. बताया जा रहा है कि नड्डा से चर्चा के बाद ही मंत्रियों के लिस्ट पर अंतिम मुहर लगेगी.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के पोर्टफोलियो नहीं मिले हैं. ऐसे में शपथ के बाद महकमों के लिए नए माननीय तय है,कि इंतजार करेंगे. पर असल सवाल फिलहाल मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले चेहरों का है और इन चेहरों का चुनाव किस आधार पर होगा, इसे लेकर कयासों का सिलसिला अब भी बरकरार है. मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह हो सकता है मंत्रियों के कोटे में अस्सी फीसदी से ज्यादा नाम सामने आए या फिर राजस्थान में लोकसभा चुनाव तक एक दर्जन के करीब सीटों को खाली रखा जाएगा. चर्चा के मुताबिक 17 मंत्री और बनाए जाने की बात सामने आ रही है. ऐसे में मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री मिलाकर कुल बीस विधायक भजनलाल शर्मा की टीम में शामिल हो जाएंगे. गौरतलब है कि राजस्थान सरकार में मौजूदा 200 विधायकों की संख्या के अनुसार अधिकतम तीस विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल होने का मौका मिलेगा.
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क्या सभी सांसद बनेंगे मंत्री !: राजस्थान में भजनलाल सरकार में शामिल 115 विधायकों में चार सांसद भी जीतकर आए हैं. इनमें से राजसमंद से सांसद रही दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री पद मिलने के साथ ही काबीना मंत्री का दर्जा तय हो चुका है. वहीं, झोटवाड़ा से नए नवेले विधायक और जयपुर ग्रामीण के सांसद रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ क्षेत्र और जातिगत चेहरों की गिनती में फिलहाल पिछड़ते हुए दिख रहे हैं. माना जा रहा है कि एमपी की तर्ज पर तिजारा विधायक बाबा बालकनाथ भजनलाल की टीम में शामिल हो जाएंगे और राज्यसभा को छोड़कर सवाई माधोपुर की तकदीर बने डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा पूर्वी राजस्थान में भाजपा के करिश्मे में भागीदार होने का इनाम हासिल करने में कामयाब होंगे. किरोड़ी लाल और बालकनाथ के लिए पिछड़ा और आदिवासी होना भी मंत्री पद की राह को आसान बना रहा है.
पहली बार को मिलेगा मौका !: पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद संगठन और स्ट्रगल की राह से निकले पहली दफा जीतकर माननीय बने नेताओं में अब मंत्री पद को लेकर उम्मीद जाहिर होने लगी है. सियासी पंडित बता रहे हैं कि पांच साल राजस्थान को मिलाजुला तजुर्बा दशा और दिशा देगा. लिहाजा युवाओं की सेकंड लाइन तैयार करने के हिसाब से सचिवालय में कमरा और स्टाफ मिलना भी तय हो सकता है, हालांकि जंबो कैबिनेट होने पर ही ऐसा मुमकिन है, क्योंकि विपक्ष में तजुर्बेकार नेताओं की लंबी फेहरिस्त सदन में सरकार चलाने के लिए अनुभवी नेताओं पर निगाह रखेगी. कल मंत्री बनने वालों में प्रतापपुरी , उदयलाल भड़ाना , नौक्षम चौधरी जैसे नामों को इस लिस्ट में आगे समझा जा रहा है. वहीं जेठानंद व्यास को लेकर भी इंतजार रहेगा.
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वरिष्ठ नेता और राजे समर्थकों पर रहेगी निगाह: पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थन में सीएम का फेस तय होने से पहले आवाज उठाने वाले नेताओं की लिस्ट भी लंबी थी. कई विधायकों ने खुलकर राजे के समर्थन में आवाज बुलंद की थी. इनमें कालीचरण सराफ , प्रताप सिंह सिंघवी और बहादुर सिंह कोली जैसे नाम शामिल हैं. श्रीचंद कृपलानी , पुष्पेन्द्र सिंह, अनिता भदेल जैसे नेताओं को लेकर आलाकमान के फैसले पर भी निगाह रहेगी. हमीर सिंह भायल , अर्जुनलाल जीनगर , जितेन्द्र गोठवाल , सिद्धि कुमारी, दीप्ति किरण माहेश्वरी और संदीप शर्मा को लगातार जीत की तोहफा भी मिल सकता है.
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जातिगत समीकरण भी होंगे अहम: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर माना जा रहा है कि बीजेपी को जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान भी रखना होगा. मेवाड़ से आदिवासी चेहेरे के साथ ही हाड़ौती और पूर्वी राजस्थान से एसटी नेताओं को चुनने के लिए संतुलन का खास ख्याल रखना होगा. इसी तरह से मेवाड़ में एक मात्र एससी विधायक अर्जुनलाल जीनगर की लगातार जीत और एकमात्र गुर्जर विधायक उदयलाल भड़ाना पर फैसले को लेकर निगाह रहेगी. मारवाड़ और पूर्वी राजस्थान के एससी चेहरे भी पार्टी के लिए फैसला लेने में मुश्किल पैदा करेंगे. 12 जाट विधायक और भारी राजपूत नेताओं में से किसे मौका मिलेगा इसके लिए इंतजार करना होगा. ऐसे ही ब्राह्मण सीएम के बाद कितने चेहरे मंत्री बनेंगे , संतुलन के दौरान इसका ख्याल भी रखा जाएगा. मूल ओबीसी को लेकर भी राजस्थान में हर बार चर्चा की जाती है, ऐसे में कौन-कौन मंत्री बनने की लिस्ट में आएगा , देखना दिलचस्प होगा.