भरतपुर : महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है, जिसे भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व भक्तों के लिए शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर होता है. इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व विशेष संयोग में आ रहा है, जो इसे और भी शुभ बना रहा है.
इस बार महाशिवरात्रि का पर्व श्रवण नक्षत्र में पड़ रहा है, जो अत्यंत मंगलकारी माना जाता है. इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं, रात्रि जागरण करते हैं और विशेष पूजा-अर्चना द्वारा भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा से व्यक्ति को अद्भुत आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त होते हैं.
महाशिवरात्रि की तिथि और व्रत का समय : पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि इस बार चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी को सुबह 11 बजकर 08 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 27 फरवरी को सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगा. इस तिथि के अनुसार, व्रत 26 फरवरी को रखा जाएगा. इस अवसर पर शिव भक्त व्रत रखते हैं और पूरी रात भगवान शिव की उपासना में लीन रहते हैं.
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नवग्रह स्तोत्र के साथ पूजा का महत्व : पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन महादेव की नवग्रह स्तोत्र के साथ पूजा करने से ग्रहों की वक्री दशा और उनकी नकारात्मकता शांत होती है. ज्योतिष के अनुसार, यह पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होती है, जो किसी ग्रह दोष या जीवन में किसी प्रकार की परेशानियों का सामना कर रहे हैं.
महादेव पर विभिन्न सामग्रियों के अर्पण से लाभ
- दूध चढ़ाने से सुख और समृद्धि प्राप्त होती है.
- गन्ना या गन्ने का जूस चढ़ाने से ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है.
- कुश अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है.
- अक्षत (चावल) अर्पित करने से भंडार भरे रहते हैं.
महाशिवरात्रि पर विशेष पूजा का महत्व : पंडित शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि के विशेष अवसर पर की गई पूजा से विशेष लाभ प्राप्त होता है. श्रद्धालु इस दिन उपवास रखते हैं और रात्रि में जागरण कर भगवान शिव की उपासना करते हैं. चार प्रहर की पूजा करने से शिवजी प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल प्रदान करते हैं.
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महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व : पंडित प्रेमी शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक गहरा है. यह दिन आत्मचिंतन और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से जो लोग कठिन तपस्या और ध्यान में लीन होते हैं, उनके लिए यह दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है.
महाशिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा
- प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
- भगवान शिव के मंदिर जाएं और शिवलिंग का जल, दूध, शहद, दही, बेलपत्र, धतूरा आदि से अभिषेक करें.
- पूरे दिन उपवास रखें और रात में चार प्रहर की पूजा करें.
- शिव मंत्रों का जाप करें और भजन-कीर्तन करें.
- रात्रि जागरण कर शिव कथा सुनें और शिव चालीसा का पाठ करें.