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मूर्तिकला के जरिए दर्शाया महाकुंभ का अद्भुत दृश्य, मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने दिखाया कमाल - MAHA KUMBH 2025

जयपुर के मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ को अपनी कला के माध्यम से बड़ी बारीकी से दिखाया है.

मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति
मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 25, 2025, 6:53 AM IST

जयपुर : गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और प्रसिद्ध मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने अपनी अद्वितीय कला के जरिए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ का मनोरम दृश्य साकार किया है. चिकनी मिट्टी से निर्मित 16 इंच ऊंची इस अनोखी मूर्ति में महाकुंभ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को बारीकी से उकेरा गया है.

मूर्तिकला में अमृत स्नान का दृश्य : नवरत्न प्रजापति ने बताया कि 16 इंच की इस मूर्ति को चिकनी मिट्टी से तैयार किया है. समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदें विभिन्न स्थानों पर गिरी थीं, जिनमें से एक स्थान कुंभ पर्व का मुख्य केंद्र बना. इसी संदर्भ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी मूर्ति में एक कलश से अमृत की धारा बहते हुए दिखाया है. इस अमृत धारा में स्नान करने के लिए दूर-दूर से साधु-संत, ऋषि-मुनि, महात्मा, नागा साधु और अघोरी बाबा कुंभ में आते हैं.

पढ़ें. गजब ! पेंसिल की नोक पर आए 'श्री राम', जयपुर के इस कलाकार ने तैयार की कलाकृति

इस मूर्ति में यह संपूर्ण दृश्य बेहद सुंदरता से उकेरा गया है. मूर्तिकार प्रजापति की ओर से तैयार मूर्ति में एक किताब भी दर्शाई गई है, जिसमें एक अघोरी साधु ध्यानमग्न अवस्था में बैठा हुआ है. यह इस बात का प्रतीक है कि कुंभ मेले में वे महान तपस्वी और साधु-संत भी आते हैं, जो सालों तक पहाड़ों, गुफाओं और जंगलों में कठोर तपस्या करते हैं. उनकी यह नवीनतम कृति महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता को एक नए रूप में प्रस्तुत कर रही है, जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इससे पहले नवरत्न प्रजापति ने पेंसिल की नोक पर महज 1.3 सेंटीमीटर की प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनाई थी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.

जयपुर : गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर और प्रसिद्ध मूर्तिकार नवरत्न प्रजापति ने अपनी अद्वितीय कला के जरिए महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर प्रयागराज महाकुंभ का मनोरम दृश्य साकार किया है. चिकनी मिट्टी से निर्मित 16 इंच ऊंची इस अनोखी मूर्ति में महाकुंभ के धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को बारीकी से उकेरा गया है.

मूर्तिकला में अमृत स्नान का दृश्य : नवरत्न प्रजापति ने बताया कि 16 इंच की इस मूर्ति को चिकनी मिट्टी से तैयार किया है. समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदें विभिन्न स्थानों पर गिरी थीं, जिनमें से एक स्थान कुंभ पर्व का मुख्य केंद्र बना. इसी संदर्भ को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी मूर्ति में एक कलश से अमृत की धारा बहते हुए दिखाया है. इस अमृत धारा में स्नान करने के लिए दूर-दूर से साधु-संत, ऋषि-मुनि, महात्मा, नागा साधु और अघोरी बाबा कुंभ में आते हैं.

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इस मूर्ति में यह संपूर्ण दृश्य बेहद सुंदरता से उकेरा गया है. मूर्तिकार प्रजापति की ओर से तैयार मूर्ति में एक किताब भी दर्शाई गई है, जिसमें एक अघोरी साधु ध्यानमग्न अवस्था में बैठा हुआ है. यह इस बात का प्रतीक है कि कुंभ मेले में वे महान तपस्वी और साधु-संत भी आते हैं, जो सालों तक पहाड़ों, गुफाओं और जंगलों में कठोर तपस्या करते हैं. उनकी यह नवीनतम कृति महाकुंभ की पवित्रता और भव्यता को एक नए रूप में प्रस्तुत कर रही है, जो लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. इससे पहले नवरत्न प्रजापति ने पेंसिल की नोक पर महज 1.3 सेंटीमीटर की प्रभु श्रीराम की मूर्ति बनाई थी, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी.

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