जयपुर. बजट से ठीक एक दिन पहले सरकार ने इकोनॉमिक सर्वे पेश किया था. जिससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि ये बजट टैक्सपेयर्स के लिए खास होगा और लोगों को राहत मिलेगी. बजट में हुआ भी ऐसा ही. केंद्र सरकार ने बजट 2023-24 पेश करते हुए आयकर छूट की सीमा को 7 लाख तक बढ़ाया है. नए इनकम टैक्स मेथड से पहले 5 लाख तक की सालाना इनकम वाले को कोई टैक्स भरने की जरूरत नहीं होती थी, वहीं अब ये सीमा बढ़ाकर ₹7 लाख कर दी गई है.
चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष डॉ. केएल जैन ने बताया कि जैसी अपेक्षा थी कि ये बजट न केवल उत्पादकता को बढ़ावा देने वाला होगा, बल्कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से उद्योगों को बढ़ावा देने वाला होगा. एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए नई गारंटी योजना बनाने की बात की गई है. ताकि बैंकों से ऋण की उपलब्धता एमएसएमई सेक्टर को हो जाए. साथ ही सरकारी सेक्टर और प्राइवेट सेक्टर दोनों में इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए गए हैं.
इनकम टैक्स में आशा के अनुरूप छूट दी गई. लोगों के पास यदि बजट होगा, तो डिमांड बढ़ेगी, डिमांड बढ़ेगी तो मैन्युफैक्चरिंग बढ़ेगा, सर्विस सेक्टर बढ़ेगा और उससे जनरेशन ऑफ एंप्लॉयमेंट ज्यादा होगा. उसी तरह नए-नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स को 1 साल के लिए लाभ फिर दिया गया है. यूनिकॉर्न युवाओं को ध्यान में रखकर ये बात कही गई है. कृषि के क्षेत्र में जैसी की उम्मीद थी, खर्च बढ़ाया गया है. अन्य सभी स्रोतों पर शिक्षा स्वास्थ्य पर भी बढ़ाकर प्रावधान किए गए हैं.
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इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड की जो रिपोर्ट आई थी जिसमें भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का जिक्र किया गया था, उसके अनुरूप ये बजट बनाया गया है. जिससे निवेश ज्यादा से ज्यादा भारत में हो. आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी कदम उठाए गए हैं. जिन सामग्रियों पर लगाम लगाने की आवश्यकता थी वहां कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई है. वहीं जिससे भारत आत्मनिर्भर बने और यहां वस्तुओं का निर्माण पूरा हो सके उन पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई है.
इनकम टैक्स के 6 स्लैब को घटाकर 5 स्लैब किया गया है. उम्मीद के अनुरूप तीन लाख तक स्लैब को टैक्स फ्री कर दिया गया है. क्योंकि जब तक मिडिल क्लास लोगों के हाथ में पैसा नहीं होगा, तब तक उसका वैलनेस स्टैंडर्ड नहीं बढ़ पाएगा. वैलनेस को ध्यान में रखते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, हाउसिंग, शौचालय, स्वच्छ भारत अभियान इन सब से जुड़ी जो प्राइम मिनिस्टर योजना थी, उन सभी को बरकरार रखते हुए और वृद्धि की गई है. राजस्थान चेंबर ऑफ कॉमर्स ने इस बजट को सोच के अनुरूप बताया.
देश में इनकम टैक्स रिटर्न यानी ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं. 1 अप्रैल 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था. सरकार ने नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट ऑप्शन कर दिया है. यानी बजट में इनकम टैक्स से दी गई राहत सिर्फ इसी पर लागू होगी. अगर आप पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो कोई राहत नहीं मिलेगी, यदि पुराना टैक्स रिजीम चुनते हैं तो अपने निवेश के लिए सारे डॉक्यूमेंट देने होंगे और पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा.
नया टैक्स सिस्टम चुनने वालों के लिए रिबेट की लिमिट 7 लाख रुपए कर दी गई. पहले ये 5 लाख रुपए थी. बजट में सैलरीड क्लास को एक और राहत दी है. नए टैक्स सिस्टम में 50 हजार रुपए का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी शामिल कर लिया गया है, यानी 7.50 लाख रुपए तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. लेकिन यदि नौकरी की बजाय बिजनेस से कमाई कर रहे हैं तो स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा नहीं मिलेगा. यानी इनकम 7 लाख रुपए से एक रुपया भी ज्यादा हुई तो टैक्स चुकाना होगा.
नए टैक्स सिस्टम के लिए वित्त मंत्री ने नए स्लैब्स का भी ऐलान कर दिया है. उनके लिए अब 3 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री होगी. पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 2.5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी. अगर इनकम 2.5 से 5 लाख के बीच है तो आपको 5 लाख 2.5 लाख 2.5 लाख रुपए पर 5 फीसदी टैक्स देना होगा. हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A का फायदा उठाकर अभी भी 5 लाख रुपए तक की सालाना इनकम पर टैक्स बचा सकेंगे.