जयपुर. प्रदेश में बढ़ती महिला हिंसा और दुष्कर्म के मामलों को लेकर बुधवार को राजधानी जयपुर में बीजेपी महिला मोर्चा की और से विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान पुलिस से हुई झड़प में सांसद रंजीता कोली सहित आधा दर्जन से भाजपा महिला कार्यकर्ता घायल हो गईं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घायल महिला कार्यकर्ताओं से मिलने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है. जोशी ने कहा कि लाठीचार्ज की जगह अपरधियों को पकड़ने का काम करती पुलिस तो महिलाएं सुरक्षित होतीं.
महिलाओं पर नहीं अपराधियों पर दिखाएं जोर : जोशी ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार ने पुलिस प्रशासन का उपयोग महिलाओं पर लाठीचार्ज करने के लिए किया, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है. सरकार ने महिलाओं पर लाठियां बरसाने की जगह अपराधियों को पकड़ने का काम किया होता तो शायद आज महिलाएं अपने आप को सुरक्षित महसूस करतीं. 12 जुलाई को झुंझुनू में किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे को लेकर बड़ा प्रदर्शन होगा, जिसमें सरकार को आईना दिखाया जाएगा. इसके अलावा 18 जुलाई को बेरोजगारों के मुद्दे को लेकर अजमेर की धरती पर प्रदर्शन होगा. जोशी ने कहा कि दिसम्बर 2018 में जब से प्रदेश की कांग्रेस सरकार आई है, उनकी अकर्मण्यता से प्रदेश महिला अपराध में देश के शीर्ष राज्यों में शुमार हो गया है.
ये हुईं घायल : भाजपा प्रदेश महिला मोर्चा के आक्रोश आंदोलन के दौरान घायल हुईं महिला कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर और सांसद दीया कुमारी सवाई मान सिंह अस्पताल और राजस्थान अस्पताल पहुंचीं. सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती भरतपुर सांसद रंजीता कोली, महिला कार्यकर्ता रेखा राठौड़, वर्तिका सेन, रानू पाराशर, सरिता गेना, अनुराधा से मिलकर चिकित्सकों से उनकी कुशलक्षेम पूछी.
प्रदेश सरकार महिला विरोधी : इसके बाद राजस्थान हॉस्पिटल भी गईं. वहां उन्होंने राजस्थान अस्पताल में भर्ती महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पूजा कपिल मिश्रा, महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अलका मूंदड़ा, प्रदेश उपाध्यक्ष जयश्री गर्ग, प्रदेश मीडिया प्रभारी स्नेहा कंबोज सहित अन्य घायल कार्यकर्ताओं से उनका हाल जाना और ईश्वर से उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. इस दौरान सांसद दीया ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान घायल महिलाओं को न तो पुलिस और न ही प्रशासन से कोई मदद मिली. इससे साफ है कि प्रदेश सरकार न केवल महिला विरोधी है, बल्कि महिलाओं के प्रति बेहद असंवेदनशील भी है.