दिल्ली/जयपुर. राजस्थान भाजपा की कोर ग्रुप की बैठक (Rajasthan BJP Core Group meeting) दिल्ली में हुई. इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, संगठन मंत्री बीएल सन्तोष, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रदेश संगठन मंत्री चन्द्रशेखर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखवात, कैलाश चौधरी, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सहित कोर कमेटी के मेंबर मौजूद रहे.
बैठक में संभवत: प्रदेश की राजनीतिक हालात, कांग्रेस गुटबाजी से बनते बिगड़ते हालात और चुनावी तैयारियों पर चर्चा (Rajasthan Assembly Election 2023) हुई. क्योंकि मौजूदा समय में बीजेपी में अलग-अलग नेता अपना अलग-अलग वर्चस्व दिखाने की कोशिश में लगे हैं, ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व के पास इसकी लगातार शिकायतें भी पहुंची हैं. माना जा रहा है कि बैठक में सभी नेताओं को जो अलग-थलग अपनी शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें भी पार्टी से अलग चलकर कार्य नहीं करने की नसीहत दी गई.
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केन्द्रीय नेतृत्व संतुष्ट नहीं- कोर ग्रुप की बैठक में केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान भाजपा के काम से संतुष्ट नजर नहीं आया. पार्टी में चल रही अंदरूनी खींचतान और नेताओं की अपनी वर्चस्व की लड़ाई पर मिल रही शिकायतों पर भी नाराजगी जताई गई. बैठक में जिस तरह से केन्द्रीय नेतृत्व ने सख्ती दिखाई उससे ऐसा लग रहा है कि गुजरात चुनाव के बाद केंद्रीय नेतृत्व राजस्थान में सक्रिय होगा. आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमान अपने हाथ में लेगा. माना ये भी जा रहा है कि संभवतः दिसंबर बाद राजस्थान में प्रभारी मंत्री नियुक्त होगा, जो यात्रा, दौरे, बैठकें और पार्टी में शामिल होने वाले नेता जैसे सभी मुद्दे पर दिल्ली की राय से तय करेगा.
अलगथलग नहीं करें काम- सूत्रों की मानें तो बैठक में एक सीनियर नेता ने प्रदेश में अलग-अलग तरीके से नेताओं की यात्राओं को लेकर मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बीजेपी के कुछ नेता अपने अपने लीडरशिप के हिसाब से यात्राएं निकालकर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पार्टी के अंदर और कार्यकर्ताओं में असंतुलन का माहौल बना हुआ है. ऐसे में केंद्र के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी में समन्वय जरूरी है और यह जिम्मेदारी संगठन मंत्री और प्रदेशाध्यक्ष की है.
जन आक्रोश रैली पर चर्चा- राजस्थान भाजपा कोर ग्रुप बैठक में कहा गया कि गुजरात चुनाव के कारण नेता इससे सटे इलाकों पर प्रदेश के नेता विशेष फ़ोकस करें. साथ ही राजस्थान में जन आक्रोश रैली को लेकर सभी को दी गई पुरजोर तरीके से जुटने होने की हिदायत दी गई. बैठक में दिसंबर में होने वाली जयपुर रैली को सफल बनाने का टास्क दिया गया. बैठक में कांग्रेस के 92 विधायकों के इस्तीफों से जुड़ा मुद्दा भी उठा. केंद्रीय नेतृत्व ने इन इस्तीफों को लेकर संवैधानिक स्थिति की जानकारी भी मांगी है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है अगले कुछ दिनों में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों को लेकर कुछ रणनीति तय की जा सकती है.
बता दें कि प्रदेश में पिछले दिनों अलग-अलग नेताओं की यात्राओं को लेकर काफी कुछ सियासी बयानबाजी हुई थी. कोर ग्रुप की मीटिंग से पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर ने भी इस बात का संकेत दिया था कि केंद्रीय नेतृत्व के सामने कोई न कोई अर्जेंट विषय आया है, इसीलिए कोर ग्रुप की अचानक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई.