जयपुर. कहते हैं कि जब सरकार बदलती है तो योजनाएं भी बदल जाती है. ये तब होता है जब अलग-अलग दल की सरकार बनती है. राजस्थान बीजेपी में सरकार नहीं बदल रही बल्कि अध्यक्ष बदलने के साथ ही कार्यक्रम बदल रहे हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने गहलोत सरकार के 4 साल पूरे होने पर पेपर लीक, महिला अत्याचार, कानून व्यवस्था बेरोजगारी सहित कई मुद्दों को लेकर जन आक्रोश अभियान शुरू किया था. अब अध्यक्ष बदलने के साथ ही इन कार्यक्रमों पर भी ब्रेक लग गया है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नए प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी 2 अप्रैल को बीजेपी मुख्यालय पर कोर ग्रुप की बैठक करने जा रहे हैं. इस बैठक में इन्हीं सब मुद्दों पर नए सिरे से सरकार को घेरने की रणनीति पर मंथन होगा.
गहलोत सरकार के खिलाफ बनेगी रणनीतिः बता दें कि नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने अपनी नियुक्ति के 4 दिन बाद 27 मार्च को पदभार ग्रहण किया था. हालांकि दिन भर के स्वागत सत्कार के बाद देर रात वह दिल्ली के लिए निकल गये थे. जोशी ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित तमाम बड़े नेताओं से मुलाकात की. अब इसके बाद 2 अप्रैल को प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में गहलोत सरकार की नाकामियों और केंद्र सरकार की योजनाओं को आम जनता के स्तर तक पहुंचाया जाए. उसके लिए नए सिरे से रणनीति पर चर्चा होगी. बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सहप्रभारी विजया राहटकर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, वरिष्ठ नेता ओम माथुर, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल,अल्का गुर्जर और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी शामिल होंगे.
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इन मुद्दों पर मंथन संभवः सीपी जोशी के अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली कोर ग्रुप की बैठक होगी. माना जा रहा है कि इस बैठक में आगामी चुनावी तैयारियों के साथ सरकार को घेरने वाले अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. इसके साथ ही आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा होगी. बैठक में केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने को लेकर भी चर्चा होगी. बता दें कि अध्यक्ष पद संभालने के साथ ही सीपी जोशी ने कहा था कि अब कहीं पर भी अगर कोई होर्डिंग लगेंगे तो वह केंद्र सरकार की योजनाओं के लगाए जाएंगे. केंद्र की योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया था. ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि कोर ग्रुप की बैठक में केंद्र सरकार की योजनाओं से जिनको लाभ मिल रहा है, उन लाभार्थियों को पार्टी से जोड़ने की योजना पर भी चर्चा होगी.
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क्या है जन आक्रोशः दरअसल प्रदेश कांग्रेस की गहलोत सरकार के चार साल पूरे होने पर दिसंबर में जन आक्रोश अभियान शुरू किया गया था. अभियान के पहले चरण में 200 विधानसभा क्षेत्रों में सभा के जरिये गहलोत सरकार की नाकामी को आम जनता तक पहुंचाया गया था. दूसरे चरण में 16 मार्च से प्रत्येक जिले में विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया था. भरतपुर जिले से अभियान की शुरुआत हुई, लेकिन उसके बाद अभियान रुक सा गया. बाद में तय हुआ कि 27 मार्च से लगातार अलग-अलग जिलों में विरोध प्रदर्शन होंगे. जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ संगठन के नेता भी शामिल होंगे. इस बीच 27 मार्च को ही अध्यक्ष बदल गया. अध्यक्ष बदलने के साथ उक्त अभियान पर भी ब्रेक लग गया. अभियान 5 अप्रैल तक चलना था, जिसमें सभी 33 जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम होने थे. अब अभियान समाप्ति के समय को खत्म होने में 6 दिन से भी कम वक्त बचा है. ऐसे में अब ये माना जा रहा है कि नए अध्यक्ष के साथ नया आगाज होगा.