जयपुर. अब अगले माह से आम लोगों के लिए राजस्थान विधानसभा में बने संग्रहालय (Rajasthan Assembly Museum) को खोल दिया जाएगा. जिसमें विधानसभा में अब तक रहे सभी स्पीकर, मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष के स्टैच्यू लगाए गए हैं. साथ ही इस संग्रहालय में विधानसभा के स्वरूप और नियमों की भी जानकारी दी गई है. बताया गया कि 14 नवंबर से एक महीने तक यहां बच्चों की एंट्री पूरी तरह से फ्री होगी. इसके बाद आम लोगों के लिए संग्रहालय को खोल दिया जाएगा. ऐसे में कोई भी शख्स टिकट लेकर इस संग्रहालय को (Statue of former Chief Ministers in museum) देख सकेगा. इस संग्रहालय में प्रदेश के अब तक के सभी विधानसभा स्पीकरों और मुख्यमंत्रियों के स्टैच्यू के साथ ही उनके बारे में विधिवत जानकारियां भी दी गई है. वहीं, इस संग्रहालय को राजनीतिक आख्यान संग्रहालय नाम दिया गया है. जिसमें जागीरदारी प्रथा के अंत से लेकर पंचायती राज के उद्गम और राजस्थान में धीरे-धीरे आए परिवर्तन के दौरों के बारे में बताया गया है.
सदन के मौजूदा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि इस डिजिटल म्यूजियम के माध्यम से नई पीढ़ी को राजस्थान की राजनीति और इससे जुड़े अहम किरदारों के साथ ही राजस्थान में संसदीय लोकतंत्र के विकास के बारे में जानकारी हासिल होगी. इस म्यूजियम का शुभारंभ 16 जुलाई को तत्कालीन सीजीआई जस्टिस एनवी रमन्ना ने किया था और अब इसे 14 नवंबर से स्कूली व कॉलेजों के बच्चों के देखने के लिए खोला जाएगा. वहीं, दिसंबर माह के बाद इसे आम लोग भी टिकट लेकर देख सकेंगे. संग्रहालय सोमवार से शनिवार तक खुला रहेगा. हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि संग्रहालय की छुट्टी मंगलवार को रखी जाएगी या गुरुवार को.
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राजे को पसंद नहीं आया उनका स्टैच्यू: संग्रहालय में अब तक रहे प्रदेश के सभी मुख्यमंत्रियों और विधानसभा अध्यक्षों के सिलिकॉन से बने स्टैच्यू लगाए गए हैं. विधानसभा सत्र के दौरान जब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस संग्रहालय को देखने पहुंची थी तो उन्हें उनका स्टैच्यू पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा कि यह स्टैच्यू उनकी तरह नहीं रहा है. ऐसे में अब 20 दिनों में राजे का नया स्टैच्यू संग्रहालय में लगाया जाएगा.
स्पीकर सीपी जोशी ने नई पीढ़ी को विधानसभा के नियम कानूनों की जानकारी देने के लिए राजस्थान विधानसभा में इस संग्रहालय का निर्माण करवाया है. लेकिन यह दुख खुद स्पीकर सीपी जोशी समेत पिछले कई विधानसभा अध्यक्षों को रहा कि सदन की बैठकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. तमाम प्रयासों के बावजूद स्पीकर सीपी जोशी भी विधानसभा में बैठकों की संख्या नहीं बढ़ा सके हैं और आज भी सालाना बैठकों की संख्या अधिकतम 30 से 40 तक ही सीमित रही है. लेकिन संग्रहालय में 60 बैठकों की जानकारी मुहैया कराई गई है. वहीं, संग्रहालय में जो तस्वीर शून्यकाल की जगह लगाई गई है, उसमें भी स्पीकर के साथ राज्यपाल को दिखाया गया है. जबकि हकीकत यह है कि राज्यपाल कभी शून्यकाल में विधानसभा में मौजूद ही नहीं रहते हैं.