जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट को लेकर कांग्रेस के भीतर मंथन जारी है. पार्टी की ओर से पूर्व में 2 महीने पहले टिकट देने को लेकर दावा किया गया था, लेकिन सितंबर का महीना निकलने के बाद भी अभी तक टिकट पर निर्णय नहीं हो सका है. अभी अक्टूबर के शुरुआती सप्ताह में भी टिकट जारी होने की संभावना दिखाई नहीं दे रही है.
ऐसे में साफ है कि कांग्रेस पार्टी के टिकट की पहली सूची नवरात्रि शुरू होने के बाद यानी आचार संहिता लगने के बाद ही जारी होगी. राजनीति के जानकारों की मानें तो अब कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की सूची 15 अक्टूबर के बाद ही आनी शुरू होगी.
शुक्रवार को कोर कमेटी की बैठक में बनेगी रणनीति : राजधानी जयपुर के कांग्रेस वार रूम में राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर कोर कमेटी की बैठक शुक्रवार को बुलाई गई है, हालांकि कोर कमेटी की बैठक पहले होनी थी, लेकिन नेताओं की व्यस्तता के चलते यह बैठक नहीं हो सकी. अब कोर कमेटी के समन्वयक सुखजिंदर सिंह रंधावा की अध्यक्षता में बनी 10 सदस्यीय कोर कमेटी की बैठक 6 अक्टूबर को होगी.
कोर कमेटी में प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य भंवर जितेंद्र सिंह, सचिन पायलट, हरीश चौधरी, महेंद्रजीत मालवीय, मोहन प्रकाश, सीपी जोशी और कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष गोविंद राम मेघवाल शामिल हैं. कोर कमेटी की बैठक में टिकटों के साथ ही चुनावी रणनीति पर भी चर्चा होगी.
प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक में पास होगा प्रस्ताव : पार्टी सूत्रों का कहना है कि कोर कमेटी की बैठक के एक-दो दिन में ही प्रदेश इलेक्शन कमेटी की भी बैठक होगी और प्रदेश इलेक्शन कमेटी की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास होगा कि प्रदेश कांग्रेस इलेक्शन कमेटी टिकट को लेकर अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान पर छोड़ेगी. यह एक प्रक्रिया है जो हर बार चुनाव से पहले होती है. इसके बाद भेजे गए 3-3 नाम के पैनल पर दिल्ली में डिस्कशन होता है और कांग्रेस आलाकमान टिकट को लेकर अंतिम निर्णय करता है.
टिकट के लिए नेताओं की दिल्ली की दौड़ तय : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हों या फिर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा वे लगातार यह कहते नजर आए कि टिकट समय से पहले दे दिए जाएंगे, ताकि प्रत्याशियों को तैयारी का समय भी मिले. साथ ही टिकट के लिए दिल्ली जाकर प्रत्याशियों को अपनी ऊर्जा भी समाप्त नहीं करनी पड़े, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. सूत्रों ने बताया कि नवरात्र में जब पहली सूची वो आएगी, जिस पर कोई विवाद नहीं है. ऐसे में मतलब साफ है कि डेढ़ सौ से ज्यादा टिकट पर मंथन नामांकन दाखिल करने की आखिर तक चलता रहेगा. ऐसे में टिकट के लिए कांग्रेस नेताओं की दिल्ली दौड़ तय है.