जयपुर. राजस्थान में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जमीनी तैयारी तेज करते हुए भाजपा सधी हुई रणनीति से आगे बढ़ रही है. बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में हाल में चुनावी उम्मीदवारों की घोषणा करके चौंकाया है. पार्टी ने कमजोर सीटों पर सबसे पहले उम्मीदवारों की घोषणा की है. पार्टी के इस कदम के बाद अब सभी की नजरें राजस्थान पर टिकी है, लेकिन यहां के हालात और परिस्थितियां अलग हैं. ऐसे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने राजस्थान के लिए चार स्तरीय मास्टर प्लान बनाया है.
बीजेपी प्रदेश में विधानसभा सीटों को 4 कैटेगरी ABCD के रूप में बांटते हुए आगे बढ़ रही है. पार्टी ने A श्रेणी में उन विधानसभा सीटों को रखा है, जो कि सेफ मानी जाती हैं, जबकि D श्रेणी में उन सीटों को रखा गया है जहां बीजेपी ने पिछले तीन चुनाव में जीत हासिल नहीं की है.
19 कमजोर तो 50 सुरक्षित सीटेंः पांच राज्यों के चुनावों को लेकर दिल्ली में बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व चुनावी रणनीति बनाने में जुटा है. कांग्रेस जहां जल्द उम्मीदवारों की सूची के ऐलान की बात कह रही है, वहीं बीजेपी ने इसे अमलीजामा पहनाना भी शुरू कर दिया . हाल में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का ताजा उदाहरण हैं. बीजेपी ने मध्यप्रदेश में 39 और छत्तीसगढ़ में 21 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. इस बीच पार्टी के शीर्ष नेता राजस्थान में भी जल्द उम्मीदवारों की घोषणा करने के फॉर्मूले पर काम कर रहे हैं. एमपी और छत्तीसगढ़ का फार्मूला अगर पार्टी राजस्थान में लागू करती है तो प्रदेश की 19 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर सकती है. ये 19 सीटें वो हैं जहां पार्टी लगातार तीन बार चुनाव हार चुकी है. वहीं, ये भी माना जा रहा है कि पार्टी उन 50 सीटों पर पहले नाम घोषित कर सकती है, जो कि जीत के लिहाज से सेफ मानी जाती हैं. बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी इस मामले में कहते हैं कि टिकट का फार्मूला हर बार पार्टी की तरफ से बनाया जाता है , उसी के आधार पर चुनाव लड़े जाते हैं और टिकटों का बंटवारा किया जाता है. इस बार भी पार्टी ने फार्मूला तैयार किया है, जिसके आधार पर पार्लियामेंट्री बोर्ड टिकट तय करेगा. उन्होंने कहा कि पार्टी वैसे तो 200 की 200 विधानसभा सीटों को प्राथमिकता देकर चुनाव लड़ रही है, हर सीट पार्टी के लिए महत्वपूर्व है. चतुर्वेदी ने यह भी कहा कि फिलहाल चुनाव समिति की घोषणा नहीं हुई है , जैसे ही समिति की घोषणा होगी उसके बाद टिकट बंटवारे का काम शुरू हो जाएगा.
विधानसभा सीटों को बांटा ABCD कैटेगरी मेंः राजस्थान में टिकट बंटवारे से पहले पार्टी ने विधानसभा सीटों को चार कैटेगरी ABCD में बांटा है. इनमें " A " कैटेगरी " में लगातार चुनाव जीतने वाली सीटों को रखा गया है,"B " कैटेगरी " में तीन में से दो चुनाव जीतने वाली सीटें शामिल की गई हैं. वहीं, " C कैटेगरी " में तीन में से एक चुनाव जीतने वाली सीटें है तो " D कैटेगरी " में उन सीटों को शामिल किया गया है, जहां लगातार तीन बार पार्टी हार रही है. बताया यह भी जा रहा है कि इस बार पार्टी कुछ उन सीटों पर सांसदों को भी चुनाव लड़ा सकती है, जो जमीनी तौर पर कठिन मानी जा रही है. वहीं, चर्चा इस बात की भी है कि पार्टी उन सीटों पर पहले उम्मीदवार उतार सकती है, जहां से पार्टी लगातार तीन बार से चुनाव जीत रही है. प्रदेश में ऐसी सीटों की संख्या 27 है.
इन सीटों पर यह है हालः प्रदेश में 19 सीटों पर बीजेपी को लगातार तीन बार से हार का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का निर्वाचन क्षेत्र सरदारपुरा , कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा का निर्वाचन लक्ष्मणगढ़ भी शामिल है. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री रमेश मीणा का निर्वाचन क्षेत्र सपोटरा, दांतारामगढ़, कोटपुतली, झुंझुनूं, सांचौर, बाड़मेर शहर, फतेहपुर, खेतड़ी , नवलगढ़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, लालसोट, सिकराय,टोडाभीम, बाड़ी , वल्लभनगर , बागीदोरा व बस्सी वह विधानसभा सीट है, जहां लगातार तीन बार से निर्दलीय चुनाव जीत रहे हैं. वहीं बीकानेर पूर्व, रतनगढ़, सोजत, पाली, बाली , सूरसागर, सिवाना, भीनमाल, रेवदर उदयपुर, राजसमंद, आसींद, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा दक्षिण, लाडपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, अलवर शहर, अजमेर उत्तर, अजमेर दक्षिण , ब्यावर, नागौर, रामगंज मंडी, झालरापाटन और खानपुर मिलाकर ये वह 27 सीटें हैं, जहां बीजेपी पिछले तीन चुनाव से जीत का दबदबा बनाए हुए है.