जयपुर. राजस्थान में विधानसभा चुनाव में अब 5 महीने से भी कम का समय बाकी बचा है. ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए रणनीति तैयार करने में जुट गई है. अब क्योंकि चुनाव जीत कर अगर कांग्रेस पार्टी सरकार बनाना चाहती है तो ऐसे में कांग्रेस पार्टी को सबसे योग्य प्रत्याशियों का चयन कर उन्हें मैदान पर उतरना होगा. कौन विधायक चुनाव जीत रहा है, कौन हार रहा है, इसे लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार सर्वे करवा रही है और अब विधायकों का दूसरा सर्वे भी हो चुका है. ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी सालासर में 1 और 2 जुलाई को प्रशिक्षण शिविर के नाम पर कांग्रेस विधायकों की क्लास सालासर में लगाने जा रही है.
वन-टू-वन दूसरा सर्वे रखा जाएगा विधायकों के सामने : जिन विधायकों का पहला सर्वे सही आया था, उनके सामने तो ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन जिन विधायकों के सर्वे में पहले भी समस्या थी और नए सर्वे में भी अगर उनकी स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें यह पूछा जाएगा कि वह चुनाव कैसे जीतेंगे ? माना जा रहा है कि जिन विधायकों का सर्वे खराब आएगा उनकी टिकट पर संकट के बादल भी हैं. कांग्रेस पार्टी ऐसे विधायकों को यह स्पष्ट भी कर सकती है कि अगर उनके जीतने के हालात नहीं है तो वह अपनी जगह किसी जिताऊ नेता को चुनाव जीताएं. सीट छोड़ने वाले विधायकों को बाद में सरकार बनने पर राजनीतिक नियुक्ति देकर एडजस्ट कर दिया जाएगा.
सॉफ्ट हिंदुत्व का भी मैसेज : कांग्रेस पार्टी की ओर से विधायकों का दो दिवसीय अधिवेशन क्योंकि सालासर जैसी धार्मिक जगह पर किया जा रहा है, तो साफ है कि कांग्रेस पार्टी अपने सॉफ्ट हिंदुत्व के मैसेज को भी आम जनता के सामने रखेगी. जिस तरह से सालासर को राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है, वहां 2 दिन मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक रहेंगे और मंदिर के दर्शन करेंगे. उससे कांग्रेस अपने सॉफ्ट हिंदुत्व का भी नरेटिव जनता के सामने रखेगी.
प्रभारी रंधावा, तीनों सह प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री करेंगे विधायकों से बात : सालासर में होने वाली विधायकों की कार्यशाला में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा तीनों, सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन, अमृता धवन और वीरेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे. इनके अलावा संगठन के केवल काम संभालने वाले नेताओं को ही विधायकों की कार्यशाला में बुलाया गया है. वैसे पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा पहले यह सेमिनार खाटूश्याम में करना चाहते थे, लेकिन पार्किंग और अन्य व्यवस्थाओं के चलते सालासर में यह कार्यक्रम फाइनल हुआ है.
पायलट की क्या रहेगी भूमिका, यह भी हो जाएगा साफ : जिस तरह से 1 और 2 जुलाई को कांग्रेस पार्टी की ओर से विधायकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बुलाया गया है. उसमें नजर इस बात पर भी रहेगी कि क्या सचिन पायलट भी इस दो दिवसीय कार्यशाला में शामिल होंगे ? संभव है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जो सुलह का फार्मूला कांग्रेस आलाकमान की ओर से तय किया गया है, उसके अनुसार मैसेज भी पार्टी के सभी विधायकों को दे दिया जाएगा. मतलब साफ है कि इस सेमिनार के जरिए यह भी पता चल जाएगा कि पायलट विधानसभा चुनाव में किस भूमिका में दिखाई देंगे.