जयपुर. प्रदेश में विधानसभा चुनाव तो देश में लोकसभा चुनाव होने हैं. चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल अपने अपने स्तर पर तैयारियों में लगे हैं. वहीं, बीजेपी ने इस बार भी अपने सोशल मीडिया के हथियार को और नए तरीके से तैयार कर लिया है. कांग्रेस की नाकामियों और केंद्र की योजनाओं को सीधा आम जनता तक पहुंचाने के लिए बीजेपी ने इस बार व्हाट्सएप को अपना प्रमुख हथियार बनाया है.
पार्टी के निर्देश पर आईटी विभाग ने 52 हजार बूथों पर एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप बनाने के साथ पार्टी के प्रत्येक कार्यकर्ता के व्हाट्सएप ग्रुप को एक साथ जोड़ने जा रही है, ताकि चुनाव में सीधा कम्युनिकेशन हो सके. इन व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए बीजेपी के साइबर योद्धा गहलोत सरकार की नाकामियों को आम जन तक पहुंचाएंगे. इसके साथ ही केंद्र की योजनाओं का प्रचार प्रसार करेंगे.
पढ़ें : BJP Mission 2023: महिलाओं के सहारे राजस्थान भाजपा बोलेगी गहलोत सरकार पर धावा, ये है पूरा प्लान
एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुपः बीजेपी आईटी विभाग के सह प्रभारी हीरेंद्र कौशिक ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ता और कैडर बेस पार्टी है. जिले से लेकर बूथ तक कार्यकर्ता अलग अलग गतिविधियों के जरिए सक्रिय भूमिका में रहता है. इसी कड़ी में पिछले 20 वर्षों से पार्टी का आईटी विभाग भी हर दिन अलग-अलग क्रियाकलापों के जरिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कौशिक ने बताया कि अब माहौल आगामी चुनाव का है. इसी साल 2023 में विधानसभा चुनाव और 2024 लोकसभा चुनाव है. इस चुनाव में कांग्रेस सरकार के कुशासन की पोल खोलने और केंद्र की सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आम जन तक पहुंचाने के लिए आईटी विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
चुनाव को लेकर आईटी विभाग के कार्यकर्ताओं का एक कैडर बूथ स्तर तक तैयार किया है, जिनकी ये जिम्मेदारी रहेगी कि वो इस कांग्रेस सरकार के कुशासन की पोल खोलें. साथ ही केंद्र की मोदी सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों और योजनाओं को प्रत्येक बूथ तक पहुंचाया जाएं. कौशिक ने बताया कि इस बार तैयारी है कि सीधा मतदाताओं और पार्टी के कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद हो, इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को तैयार किया जा रहा है. इस प्लेटफार्म में एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप होंगे.
52 हजार बूथ पर एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुपः हीरेंद्र कौशिक ने बताया कि पार्टी ने 52 हजार बूथ पर व्हाट्सएप के जरिए जनता से जुड़ने का प्लान बनाया है. इसके लिए एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप बनाए जाएंगे. ग्रुप दो तरह के होंगे. एक ग्रुप बूथ से जुड़े पदाधिकारियों का होगा, वहीं दूसरे ग्रुप में उस बूथ के मतदाताओं को जोड़ा जाएगा, ताकि लोगों से सीधा संवाद हो सके और अधिक से अधिक जानकारी कम वक्त में सही तरीके से पहुंचे. कौशिक ने बताया कि एक लाख व्हाट्सएप ग्रुप की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कुछ टेक्निकल फोर्मल्टी पूरी होनी है. जैसे ही वो पूरी होगी, उसके साथ हर हाथ में भाजपा की योजनाओं की जानकारी होगी. अब तक 14 हजार व्हाट्सएप ग्रुप बन चुके हैं और काम भी कर रहे हैं. कौशिक ने बताया कि पार्टी का लक्ष्य प्रदेश के कुल 30 प्रतिशत मतदाताओं तक अपनी सीधी पहुंच बनाना है.
इस तरह से होगा कामः प्रदेश में इस बार विधानसभा और लोकसभा चुनाव में राजस्थान में साढ़े पांच लाख से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे. पार्टी की तैयारी है कि प्रत्येक बूथ की समिति में 11 सदय और 30 पन्ना प्रमुख होते हैं, इनका एक ग्रुप होगा. इसी तरह से 52 हजार बूथ पर 52 हजार व्हाट्सएप ग्रुप बन जाएंगे. दूसरा मतदाता व्हाट्सएप ग्रुप होगा, जिसमें उस बूथ के प्रबुद्धजन, नव मतदाता और केंद्र की योजनाओं के लाभार्थी शामिल होंगे. इस तरह से एक लाख से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप तैयार होंगे. इन ग्रुप में पार्टी गतिविधियों के साथ गहलोत सरकार की कमियों को भी जन-जन तक पहुंचाया जाएगा. माना जा रहा है कि पार्टी इन व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए 3 करोड़ से ज्यादा लोगों तक सीधी पकड़ बनाने की तैयारी में है.
अब जमाना व्हाट्सएप का : हीरेंद्र कौशिक बताते हैं कि वर्ष 20213-14 के चुनाव में फेसबुक की बड़ी भूमिका रही. इसके बाद 2018-19 में ट्वीटर और इंस्टाग्राम के जरिए पार्टी ने मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाई. इस बार 2023-24 के चुनाव में व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जनता के बीच पहुंच रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी 2002 में जब मोबाइल फोन भी नहीं आया था, उस वक्त ही अपने आईटी विभाग का गठन कर लिया था. बीजेपी नवाचार करने की क्षमता रखती है. अपकमिंग जो ट्रेंड है, उनको फॉलो करती है. पार्टी चाहती है कि आमजन भी भाजपा की विचारधारा से जुड़े. इसके लिए पार्टी व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए निचले पायदान तक जाएगी. कौशिक ने बताया कि पार्टी ऑन ग्राउंड कैंपेनिंग के साथ ऑनलाइन कैंपेनिंग पर भी फोकस कर रही है, जिसमें ऐसा नहीं है कि व्हाट्सएप का ही इस्तेमाल होगा. ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम को भी हथियार बनाया जाएगा.