जयपुर. बीजेपी ने अपना 2023 विधानसभा चुनाव का संकल्प पत्र जारी कर दिया है. भाजपा ने इसे पवित्र ग्रंथ नाम दिया है. बीजेपी के संकल्प पत्र को तैयार करने में जिन-जिन नेताओं और पदाधिकारियों की भूमिका रही है, उनके नाम पार्टी ने संकल्प पत्र में बड़े-बड़े अक्षरों में लिखे हैं.
पार्टी की ओर से अधिकृत रूप से जिनको राजस्थान संकल्प पत्र समिति सदस्य के रूप में नाम दिया है उसमें कांग्रेस नेता ममता शर्मा का भी नाम शामिल है. ऐसे में अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि क्या भाजपा के संकल्प पत्र में कांग्रेस नेताओं की भी भूमिका रही है ? क्योंकि ममता शर्मा करीब 21 दिन पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जा चुकी है .
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समिति सदस्य में कांग्रेस नेता का नाम: दरअसल 17 अगस्त को प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से संकल्प पत्र तैयार करने के लिए 25 सदस्य समिति का गठन किया था. समिति के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सह-संयोजक में राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री एवं पूर्व विधायक अल्का गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह , पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व मंत्री राजस्थान सरकार प्रभु लाल सैनी, समिति चेयरमैन नगर निगम ग्रेटर राखी राठौड़ का नाम था . वहीं राजस्थान महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा को भी 25 सदस्यीय समिति में रखा गया था. समिति के गठन के बाद 25 अक्टूबर यानी 21 दिन पहले ममता शर्मा भाजपा को छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गई. गुरुवार को बीजेपी ने अपना संकल्प पत्र जारी किया, उसमें संकल्प पत्र को तैयार करने में जिन सदस्यों की भूमिका रही उसमें ममता शर्मा का भी नाम भी शामिल है .
क्या ममता शर्मा भूमिका रही ?: ममता शर्मा का नाम बीजेपी के संकल्प पत्र में आने के बाद अब सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि यह नाम लिखते वक्त कोई गलती हुई है या वाकई ममता शर्मा के ऐसे महत्वपूर्ण सुझाव इस संकल्प पत्र बनाने में रहे जिसकी वजह से कांग्रेस में शामिल होने के बाद भी बीजेपी ने उनका नाम दिया गया है. हालांकि ममता पूर्व में कांग्रेस में थी, लेकिन पिछले चुनाव में जब इन्हे कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया था तो वो भाजपा में शामिल हो गई थी और पीपल्दा विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी के तौर चुनाव मैदान में उतरी थीं, लेकिन ममता शर्मा को कांग्रेस प्रत्याशी रामनारायण मीणा के सामने हार का सामना करना पड़ा था.