जयपुर. विधानसभा चुनाव 2018 में जयपुर की 10 में से 6 सीटों पर कांग्रेस जबकि 4 पर बीजेपी प्रत्याशियों ने पार्टी का परचम फहराया था. इस बार दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने जीते हुए कैंडिडेट का टिकट काटकर नए चेहरों को मौका दिया है. कांग्रेस ने हवामहल सीट से कैबिनेट मंत्री महेश जोशी का टिकट काटकर जयपुर शहर अध्यक्ष आर.आर. तिवाड़ी को प्रत्याशी बनाया है.
वहीं, कैबिनेट मंत्री लालचंद कटारिया का टिकट काटकर एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक चौधरी को चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने का मौका दिया है. कांग्रेस की ही तरह बीजेपी ने भी अपने जीते हुए कैंडिडेट सांगानेर से विधायक अशोक लाहोटी का टिकट काटकर भजनलाल शर्मा को और नरपत सिंह राजवी को जयपुर से बाहर भेज कर विधाधर नगर से दीया कुमारी को चुनावी मैदान में उतारा है. चुनावी रण में बीजेपी ने दो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और अशोक परनामी का भी टिकट कट गया है.
अरुण चतुर्वेदी की जगह सिविल लाइन से गोपाल शर्मा, जबकि अशोक परनामी की जगह आदर्श नगर से रवि नैय्यर पर पार्टी ने दांव खेला है. इनके अलावा झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत की जगह राज्यवर्धन सिंह राठौड़, किशनपोल से मोहनलाल गुप्ता की जगह चंद्रमनोहर बटवाड़ा और हवा महल से सुरेंद्र पारीक की जगह बालमुकुंद आचार्य पर पार्टी ने भरोसा जताया है.
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हालांकि बाकी सीटों पर चेहरों को रिपीट किया गया है. बीजेपी ने मालवीय नगर से कालीचरण सराफ, बगरू से कैलाश वर्मा और आमेर से सतीश पूनिया को रिपीट किया है, जबकि कांग्रेस ने सिविल लाइन से प्रताप सिंह खाचरियावास, किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज, मालवीय नगर से अर्चना शर्मा, विद्याधर नगर से सीताराम अग्रवाल, बगरू से गंगा देवी और आमेर से प्रशांत शर्मा को दोबारा मौका दिया है. जयपुर में मालवीय नगर, बगरू और आमेर ही ऐसी सीट है, जहां दोनों ही राजनीतिक दलों ने अपने पुराने चेहरों पर ही बाजी खेली है. वहीं, हवा महल और झोटवाड़ा ऐसी सीट हैं जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने ही नए चेहरे को मौका दिया है.
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टिकटों के ऐलान के बाद एक तरफ बीजेपी की सूची पर संघ की छाप होना बताया जा रहा है. जिसके दम पर बीजेपी जयपुर के सभी 10 सीटों पर काबिज होने का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस अपने पुराने चेहरों पर भरोसा जताते हुए उन्हीं के जरिए 2018 की 6 सीटों को 10 सीटों तक बढ़ाने का दंभ भर रही है. देखना होगा कि इस बार जयपुर की जनता किन के दावों पर मुहर लगाती है.