जयपुर. राजस्थान के सियासी रण में मतदाताओं ने प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है. इस बार के वोटिंग पैटर्न के विश्लेषण से एक बात साफतौर पर निकलकर सामने आई है कि पुरुष मतदाताओं की तुलना में महिलाएं लोकतंत्र की सजग प्रहरी की भूमिका में उभरीं हैं. प्रदेश की 199 सीटों पर मतदान के प्रतिशत के लिहाज से महिलाएं पुरुषों से आगे निकल गईं हैं. प्रदेश की 88 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां महिलाओं ने मतदान प्रतिशत के लिहाज से पुरुषों को पीछे छोड़ दिया है.
यहां देखें आकंड़े : मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता का कहना है कि प्रदेश में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 74.53 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 74.72 फीसदी रहा है. इसी तरह प्रदेश की 88 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा रहा है. उन्होंने बताया कि पोकरण में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 87.40 और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 88.23 रहा है. घाटोल में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 85.30 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 85.40 रहा है. बाड़ी में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 83.84 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 84.66 रहा है.
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इसी तरह शाहपुरा में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 83.27 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 84.44 रहा. बायतु में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 81.90 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 85.04 रहा है. शिव में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 82.00 प्रतिशत और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 84.81 रहा है. तारानगर में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 81.35 और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 83.78 रहा है. इसी तरह भादरा में पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 82.22 और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 82.74 रहा है. चौरासी में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 81.34 और पुरुषों का मतदान प्रतिशत 82.20 रहा है. बांसवाड़ा में पुरुषों का मतदान प्रतिशत 80.70 और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 81.36 रहा.
2018 के मुकाबले बढ़ा महिला वोटिंग का प्रतिशत : साल 2018 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 74.71 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसमें पुरुषों का मतदान प्रतिशत 74.75 और महिलाओं का मतदान प्रतिशत 74.67 रहा था. वहीं, इस बार पुरुषों का वोटिंग प्रतिशत 74.53 और महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत 74.72 रहा है. इससे साफ है कि महिलाओं के वोटिंग प्रतिशत में कुछ बढ़ोतरी हुई है.
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यहां सबसे ज्यादा और सबसे कम महिला वोटिंग : चुनाव आयोग के आंकड़ों से साफ है कि पोकरण (88.23), कुशलगढ़ (87.54) और तिजारा (85.44) महिलाओं के लिहाज से सबसे ज्यादा मतदान वाली सीट रही है. वहीं, महिला मतदान के लिहाज से पिछड़ने वाली तीन प्रमुख सीटें हैं जोधपुर, टोडाभीम और बामनवास. जोधपुर में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 62.97 रहा, जबकि टोडाभीम में महिला वोटिंग 63.22 और बामनवास में महिला मतदान का आंकड़ा 63.63 फीसदी रहा.
महिलाओं के लिए अहम घोषणाएं : राजस्थान के चुनाव में महिलाओं की सुरक्षा और महिला उत्पीड़न का मुद्दा लगातार चर्चा में रहा. कांग्रेस ने गृह लक्ष्मी गारंटी के तहत हर साल महिला मुखिया को 10 हजार रुपए देने और 500 रुपए में घरेलू सिलेंडर की गारंटी देकर महिला मतदाताओं पर फोकस किया. इसके अलावा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस सरकार महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना भी लाई. भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में महिला सुरक्षा के लिए हर जिले में महिला थाना खोलने, हर थाने में महिला डेस्क बनाने और हर शहर में एंटी रोमियो स्क्वाड का वादा किया.
ये भी रहा कारण : भाजपा ने लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत हर बच्ची के जन्म पर 2 लाख रुपए का सेविंग बॉन्ड देने, केजी से पीजी तक निशुल्क शिक्षा और 12वीं पास होने पर स्कूटी देने की घोषणा की है. साथ ही 6 लाख ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग और आर्थिक मदद, उज्ज्वल योजना के तहत लाभार्थियों को 450 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर, मातृ वंदन योजना के तहत प्रसूता को 5 से बढ़कर 8 हजार रुपए देने और जरूरतमंद छात्राओं को हर साल बैंक खाते में 1200 देने की भी घोषणा की है.