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पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की हुई घर वापसी, इन नेताओं ने भी थामा भाजपा का दामन

राजस्थान विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी हो गई है. गुरुवार को भाटी समेत कई नेताओं ने पार्टी का दामन थामा है.

Rajasthan Assembly Election 2023
देवी सिंह भाटी की हुई घर वापसी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 28, 2023, 10:53 PM IST

जयपुर. प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा लगातार अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटी है. एक तरफ जहां नए नेताओं की जॉइनिंग हो रही है, वहीं दूसरी ओर बगावती तेवर अपनाने और रूठे हुए नेताओं को मना कर पार्टी में वापसी कराई जा रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के धुर विरोधी देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी हो गई है.

इन्होंने थामा भाजपा का दामनः भारतीय जनता पार्टी में बीकानेर के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की वापसी हुई है. वहीं, सीकर के कोचिंग संचालक श्रवण चौधरी, भागचंद सैनी, डॉ. बीएल रनवा ने भी भाजपा का दामन थामा है. इन सभी नेताओं को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई गई.

भाटी और मेघवाल के बीच अदावतः बता दें कि पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं में माने जाते हैं, लेकिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से खुली अदावत हमेशा चर्चाओं में रही है. भाटी और मेघवाल की अदावत साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त खुले तौर दिखाई दी जब भाटी ने बीजेपी के बीकानेर से लोकसभा उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ प्रचार किया था.

पढ़ें : Rajasthan Politics : आसान नहीं वसुंधरा राजे के समर्थकों की घर वापसी, जानें कहां और किसने फंसाया पेंच

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों बीकानेर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी देवी सिंह भाटी को भाजपा में वापसी कराने की बात सामने आई थी, लेकिन उस वक्त उनकी वापसी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि भाजपा ने पार्टी में वापसी करने वाले नेताओं के लिए कमेटी गठित की है. उस कमेटी के मुखिया अर्जुन राम ही मेघवाल थे. हालांकि, सब समीकरण बदल गए और उसी कमेटी की सिफारिश पर भाटी की वापसी हुई है.

नड्डा और शाह के दौरे के बाद बदले समीकरणः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के राजस्थान दौरे के बाद अब बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के सियासी समीकरणों में काफी बदलाव आने वाले हैं. इसका पहला बदलाव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी के साथ देखने को मिल रही है.

दरअसल, 2 दिन तक राजस्थान के दौरे पर रहे नड्डा और शाह ने प्रदेश भाजपा के नेताओं को साफ संदेश दे दिया कि कोई भी स्वयंभू राजनीति नहीं करेगा. नेता की शान और पहचान कमल का फूल होना चाहिए. जेपी नड्डा और अमित शाह की ओर से मिले इस संकेत के बाद अब आपसी मनमुटाव और गुटबाजी पर सभी नेताओं को अंकुश लगाना होगा. बताया जा रहा है कि देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी पर पहले सबसे बड़ा रोड़ा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे, लेकिन अब वह भी भाटी की खिलाफत नहीं कर रहे हैं. माना ये भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदेश भाजपा में अभी और कई नए समीकरण देखने को मिलेंगे.

जयपुर. प्रदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के बीच भाजपा लगातार अपने कुनबे को मजबूत करने में जुटी है. एक तरफ जहां नए नेताओं की जॉइनिंग हो रही है, वहीं दूसरी ओर बगावती तेवर अपनाने और रूठे हुए नेताओं को मना कर पार्टी में वापसी कराई जा रही है. इसी कड़ी में गुरुवार को भाजपा मुख्यालय पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी और केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के धुर विरोधी देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी हो गई है.

इन्होंने थामा भाजपा का दामनः भारतीय जनता पार्टी में बीकानेर के कद्दावर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की वापसी हुई है. वहीं, सीकर के कोचिंग संचालक श्रवण चौधरी, भागचंद सैनी, डॉ. बीएल रनवा ने भी भाजपा का दामन थामा है. इन सभी नेताओं को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई गई.

भाटी और मेघवाल के बीच अदावतः बता दें कि पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं में माने जाते हैं, लेकिन केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल से खुली अदावत हमेशा चर्चाओं में रही है. भाटी और मेघवाल की अदावत साल 2019 के लोकसभा चुनाव में उस वक्त खुले तौर दिखाई दी जब भाटी ने बीजेपी के बीकानेर से लोकसभा उम्मीदवार अर्जुन राम मेघवाल के खिलाफ प्रचार किया था.

पढ़ें : Rajasthan Politics : आसान नहीं वसुंधरा राजे के समर्थकों की घर वापसी, जानें कहां और किसने फंसाया पेंच

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पिछले दिनों बीकानेर में आयोजित एक कार्यक्रम में भी देवी सिंह भाटी को भाजपा में वापसी कराने की बात सामने आई थी, लेकिन उस वक्त उनकी वापसी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि भाजपा ने पार्टी में वापसी करने वाले नेताओं के लिए कमेटी गठित की है. उस कमेटी के मुखिया अर्जुन राम ही मेघवाल थे. हालांकि, सब समीकरण बदल गए और उसी कमेटी की सिफारिश पर भाटी की वापसी हुई है.

नड्डा और शाह के दौरे के बाद बदले समीकरणः बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के राजस्थान दौरे के बाद अब बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा के सियासी समीकरणों में काफी बदलाव आने वाले हैं. इसका पहला बदलाव पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के करीबी देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी के साथ देखने को मिल रही है.

दरअसल, 2 दिन तक राजस्थान के दौरे पर रहे नड्डा और शाह ने प्रदेश भाजपा के नेताओं को साफ संदेश दे दिया कि कोई भी स्वयंभू राजनीति नहीं करेगा. नेता की शान और पहचान कमल का फूल होना चाहिए. जेपी नड्डा और अमित शाह की ओर से मिले इस संकेत के बाद अब आपसी मनमुटाव और गुटबाजी पर सभी नेताओं को अंकुश लगाना होगा. बताया जा रहा है कि देवी सिंह भाटी की भाजपा में वापसी पर पहले सबसे बड़ा रोड़ा केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल थे, लेकिन अब वह भी भाटी की खिलाफत नहीं कर रहे हैं. माना ये भी जा रहा है कि आने वाले दिनों में प्रदेश भाजपा में अभी और कई नए समीकरण देखने को मिलेंगे.

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