जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारी में राजस्थान कांग्रेस के साथ ही ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने भी कमर कस ली है. यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली स्क्रीनिंग कमेटी, प्रदेश इलेक्शन कमेटी और पॉलिटिकल अफेयर कमेटी का गठन कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान कांग्रेस के चुनाव की रणनीति बनाने के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री को भी लगा दिया गया है, ताकि चुनाव में किसे टिकट देना है, किसका टिकट काटना है, क्या रणनीति चुनाव में रहेगी ?
इन तमाम बातों को लेकर स्ट्रेटजी बनाने में देरी नहीं हो जाए. बहरहाल एक ओर तो कांग्रेस की कमेटियों में ज्यादातर वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों को शामिल किया गया है, लेकिन अब तक आई सूचियों में से 2 नाम ऐसे हैं जो सर्वाधिक वरिष्ठता के बावजूद अब तक अपना स्थान कमेटियों में नहीं बना सके हैं. इन दो नेताओं में मंत्री शांति धारीवाल और मंत्री महेश जोशी का नाम शामिल है, जो राजस्थान सरकार ने ही नहीं बल्कि संगठन में भी अपना महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं, लेकिन जिस तरह से इन दोनों नेताओं के नाम कमेटियों से नदारद है. लगता है कि 25 सितंबर की घटना को लेकर एआईसीसी की नाराजगी अब तक इन दोनों नेताओं से बनी हुई है और जो वर्तमान हालात बने हुए हैं. उसे लगता है कि अगर टिकट वितरण में भी इन दोनों नेताओं के टिकट पर भी कैसी चल जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
विधायकों के इस्तीफा प्रकरण में दोनों नेताओं को मिल चुके हैं कारण बताओ नोटिस, धर्मेंद्र राठौड़ भी थे शामिल : राजस्थान में 25 सितंबर 2022 को जब मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर में जब विधायक दल की बैठक लेने पहुंचे थे, उसके बाद जो घटनाक्रम हुआ और कांग्रेस के विधायकों ने जिस तरह से अपने इस्तीफे स्पीकर को सौंपे. उसके बाद से कांग्रेस आलाकमान में नाराजगी है, क्योंकि विधायक दल की बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री को लेकर एक लाइन का प्रस्ताव लेना था. लेकिन कांग्रेस वाला कमान विधायकों के आगे कमजोर पड़ गया. जिसके चलते कांग्रेस आलाकमान की भी खासी किरकिरी हुई.
ऐसे में अब लगता है कि चुनाव के समय कांग्रेस पार्टी सारी बगावतों को ध्यान रखेगी और जो नेता कांग्रेस फर्स्ट की सोच वाले हैं उनको ही टिकट में प्राथमिकता मिलेगी. हालांकि, 25 सितंबर की घटना में कारण बताओ नोटिस पाने वाले तीसरे नेता धर्मेंद्र राठौड़ भी थे, लेकिन धर्मेंद्र राठौर न तो विधायक हैं न हीं उनके पास संगठन में कोई ऐसा पद है, जिसके चलते उनका नाम मंत्री शांति धारीवाल और मंत्री महेश जोशी के साथ जोड़ा जा सके.
पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री टटोलेंगे राजस्थान के चुनाव की नब्ज : राजस्थान की विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस की ओर से बनाए गए वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री जयपुर पहुंच चुके हैं. शुक्रवार को मधुसूदन मिस्त्री पीएसी और पीईसी के नेताओं के साथ बैठक कर राजस्थान के विधानसभा चुनाव की नब्ज टटोलते दिखाई देंगे. शुक्रवार को होने वाली बैठक में दोनों कमेटियों के सदस्य मौजूद रहेंगे, जिसमें टिकट वितरण चुनाव स्टेटस जी से लेकर तमाम विषयों पर चर्चा होगी.