जयपुर. राजधानी में पहले भी कई पार्षद निगम के सभासद भवन से निकलकर विधानसभा तक पहुंचे हैं, जिसमें किशनपोल विधानसभा से तीन बार विधायक रहे मोहनलाल गुप्ता का नाम सबसे अग्रणी है. मोहनलाल गुप्ता शहर के पहले महापौर रहे हैं. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इस बार भी वो ताल ठोक रहे हैं. वहीं, आदर्श नगर विधानसभा से दो बार विधायक चुने जा चुके हैं.
कई चेहरे निगम से पहुंचे विधानसभा : अशोक परनामी भी निगम में महापौर रहे हैं. हालांकि, पिछले विधानसभा चुनाव में उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा था, लेकिन इस बार फिर टिकट के लिए दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसी तरह सांगानेर विधानसभा से वर्तमान विधायक अशोक लाहोटी भी निगम में महापौर रह चुके हैं और इस बार फिर उनकी कोशिश रहेगी कि पार्टी उन्हें ही मौका दे. शहरी सरकार से निकलकर विधानसभा का दरवाजा खटखटाना वालों में कांग्रेस के नेता भी पीछे नहीं रहे हैं. वर्तमान में समाज कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष अर्चना शर्मा भी बीते दो विधानसभा चुनाव में मालवीय नगर विधानसभा से कांग्रेस का चेहरा रह चुकी हैं. हालांकि, इस बार कई वर्तमान और पूर्व पार्षद विभिन्न विधानसभा सीटों से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
पार्टी ने दिया पद अब विधानसभा के लिए दस्तक : इनके अलावा दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दलों में ऐसे नाम भी है जो पहले पार्षद रहे, उसके बाद पार्टी ने उनका कद बढ़ाते हुए या तो संगठन में पद दे दिया या फिर राजनीतिक नियुक्ति कर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे दी. लेकिन विधानसभा में पहुंचने का चार्म इससे कहीं ऊंचा होता है. यही वजह है कि इस बार वो भी अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. इसमें बीजेपी शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने मालवीय नगर से तो वहीं विप्र बोर्ड की उपाध्यक्ष मंजू शर्मा ने विद्याधर नगर से ताल ठोकी है.
शहरी जनप्रतिनिधियों की लंबी फेहरिस्त : इसके अलावा इस कतार में ग्रेटर नगर निगम की महापौर सौम्या गुर्जर सांगानेर से, हेरिटेज नगर निगम की महापौर मुनेश गुर्जर सिविल लाइंस, ग्रेटर निगम की पूर्व महापौर शील धाभाई झोटवाड़ा, पूर्व महापौर विष्णु लाटा ने सांगानेर, ग्रेटर नगर निगम के उप महापौर पुनीत कर्णावट मालवीय नगर, हेरिटेज नगर निगम के महापौर असलम फारुकी किशनपोल, पूर्व महापौर मनीष पारीक और मनोज भारद्वाज हवा महल से अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं.
वहीं, पार्षदों की अगर बात करें तो बीजेपी पार्षद विमल अग्रवाल ने हवा महल से, बीजेपी पार्षद कुसुम यादव और कांग्रेस पार्टी आयशा सिद्दीकी ने किशनपोल से, कांग्रेस पार्षद उमरदराज ने आदर्श नगर से, बीजेपी पार्षद रेखा राठौड़ और पूर्व बीजेपी पार्षद मान पंडित ने सिविल लाइंस, बीजेपी पार्षद अजय चौहान और कांग्रेस पार्षद प्रदीप तिवाड़ी ने विद्याधर नगर से, बीजेपी पार्षद राखी राठौड़ ने झोटवाड़ा से, बीजेपी पार्षद जितेंद्र श्रीमाली और कांग्रेस पार्षद करण शर्मा ने मालवीय नगर से, बीजेपी पार्षद पारस जैन, कांग्रेस पार्षद दिव्या सिंह और पूर्व कांग्रेस पार्षद धर्म सिंह सिंघानिया ने सांगानेर से टिकट मांगते हुए अपनी दावेदारी पेश की है.
पार्टी भी कर रही विचार : हालांकि, बगरू और आमेर से ऐसे कोई नाम सामने नहीं आए. उधर, विधानसभा चुनाव में नगरीय निकायों के प्रतिनिधियों के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस के कद्दावर नेता भी चर्चा कर रहे हैं. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि स्थानीय निकाय और पंचायती राज के जन प्रतिनिधि भी क्लेम कर सकते हैं. उनको अवसर मिलेंगे जिसके जीतने की संभावना होगी, उसे प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्राथमिकता भी देगी. ये सोच राहुल गांधी की है और इसी सोच पर कांग्रेस इस चुनाव में आगे बढ़ेगी. वहीं, बीजेपी सीधे तौर पर तो नहीं लेकिन सर्वे के जरिए शहरी सरकारों के नाम की जानकारी ले रही है और उनका दावा है कि सबसे पहले नाम की घोषणा भी वही करेंगे.
बहरहाल, पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को शहरी सीटों पर ही ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी थी और इस मशक्कत के बावजूद राजधानी की 10 में से महज 4 सांगानेर, मालवीय नगर, विद्याधर नगर और आमेर सीट ही निकाल पाए. जबकि परकोटे की तीन प्रमुख सीट हवामहल, किशनपोल और आदर्श नगर, इसके अलावा सिविल लाइंस, झोटवाड़ा, बगरू कांग्रेस के खाते में जुड़ी. ऐसे में इस बार पुराने चेहरों के साथ-साथ दोनों ही राजनीतिक दल नए चेहरे या फिर यूं कहें शहरी सरकार से जुड़े हुए जनप्रतिनिधियों पर भी मंथन कर रहे हैं.