जयपुर. प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने अपने उम्मीदवारों का एक बड़ा रिपोर्ट कार्ड तैयार कर लिया है. उम्मीद की जा रही थी कि सितंबर के अंत तक उम्मीदवारों की पहली सूची जारी हो जाएगी, लेकिन अब उस पर ब्रेक लग गया है. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का माहौल खड़ा करने के लिए भाजपा ने परिवर्तन संकल्प यात्रा शुरू कर दी है. इस यात्रा के शुरू होने के साथ अब सितंबर में लिस्ट जारी होने की उम्मीद कमोबेस खत्म हो गई है. जानकार ये मान रहे हैं कि पार्टी अगर उम्मीदवारों की सूची जारी कर देती है तो टिकट न मिलने वाले नेताओं और कार्यकताओं की नाराजगी का बड़ा असर यात्रा पर पड़ सकता है. ऐसे में पार्टी पहले यात्रा के जरिए एकजुटता दिखाकर सत्ता वापसी का माहौल तैयार करेगी. इसके बाद ही छुपे हुए उम्मीदवारों के नाम सामने लाएगी.
नाराजगी का डर : देश के पांच राज्यों में इसी साल चुनाव होने हैं, इनमें से एक राजस्थान भी है. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. माना जा रहा था कि उसी तर्ज पर राजस्थान में भी बीजेपी इसी खास प्लान को लेकर काम कर रही है. ABCD श्रेणियों में उम्मीदवारों की सूची तैयार की जा रही है, लेकिन राजस्थान में परिवर्तन यात्राओं के चलते अब बीजेपी पहली लिस्ट जारी करने के बिल्कुल भी मूड में नहीं लग रही है. पहले ये माना जा रहा था कि सितंबर के अंत तक पहली सूची जारी हो जाएगी, लेकिन परिवर्तन संकल्प यात्राएं शुरू होने के साथ इस उम्मीद पर विराम लग गया है. बीजेपी ने अभी पूरा फोकस राजस्थान में निकाली जा रही अपनी परिवर्तन संकल्प यात्रा पर कर दिया है.
उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते छिपाए हुए : वरिष्ठ पत्रकार श्यामसुंदर शर्मा भी मानते हैं बीजेपी को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं बीजेपी के टिकटों की घोषणा की गई तो, टिकट कटने पर उम्मीदवारों की नाराजगी बीजेपी को भारी न पड़ जाए. टिकट कटने के बाद नेता और उम्मीदवार परिवर्तन यात्रा से दूरी बना सकते हैं और इसका नुकसान पार्टी को यात्रा के जरिए बनाए जाने वाले चुनावी माहौल पर पड़ सकता है. यात्रा के माध्यम से बीजेपी राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों को साधने की पूरी कोशिश करेगी. टिकट के दावेदार अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए परिवर्तन यात्राओं में भीड़ जुटाकर हिस्सा लेंगे, इसलिए पार्टी परिवर्तन यात्रा निकलने तक टिकटों के उम्मीदवारों को लेकर अपने पत्ते छिपाए रखना चाहेगी.
सामूहिक नेतृत्व में चुनाव होंगे : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की खास रणनीति है. प्रदेश में इस बार कोई एक चेहरा नहीं होगा, टिकट में भी किसी एक नेता की मर्जी नहीं चलेगी, सामूहिक नेतृत्व में चुनाव होंगे और सामूहिक रायशुमारी से टिकटों का वितरण होगा. बीजेपी परिवर्तन संकल्प यात्रा के जरिए भी नेताओं और जनता का मन टटोलने की कोशिश करेगी, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव को जीतने में आसानी रहे.
अक्टूबर के मिल चुके संकेत : श्याम सुंदर शर्मा कहते हैं कि पिछले दिनों राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बयान सामने आए, उससे ये साफ हो गया था कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तर्ज पर राजस्थान में पार्टी टिकट डिक्लेयर करने का फार्मूला नहीं आजमाएगी. पहले पार्टी का पूरा फोकस यात्रा पर ही होगा. यात्रा 25 सितंबर तक पूरी होगी उसके बाद दिल्ली में प्रदेश चुनाव को लेकर बैठक प्रस्तावित है. इस बैठक में यात्रा के फीडबैक के साथ टिकटों पर मंथन होगा. प्रदेश में चुनाव समिति को लेकर भी पार्टी ने स्थिति को स्पष्ट नहीं किया है. राजनीति के पंडित ये मान रहे हैं कि यात्रा समाप्ति के बाद चुनाव समिति की घोषणा होगी, उसके बाद ही टिकटों को लेकर कोई रुख स्पष्ट होगा. इन सब में अक्टूबर का पहला सप्ताह आना तो लगभग तय है.