जयपुर. नेत्रदान को महादान कहा गया है. ताकि इस दुनिया को अलविदा कहने के बाद नेत्रदान करने वाले लोगों के नेत्र जरूरतमंदों के काम आ सके. राजस्थान नेत्रदान के मामले में आज सबसे (Rajasthan ahead in eye donation) आगे है. इससे पहले सिर्फ अंगदान में ही राजस्थान को अग्रणी माना जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां 11 हजार से अधिक लोगों को नेत्रदान के जरिए नई रोशनी मिली है. आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान (Eye Bank Society of Rajasthan) की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक नेत्रदान के माध्यम से कॉर्निया डोनेट करने वाले लोगों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों में इजाफा हुआ है. हर साल अधिक से अधिक लोग कॉर्निया डोनेट कर रहे हैं. जिसके बाद राजस्थान ही नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के जरूरतमंदों को भी नई रोशनी दी जा रही है.
राजस्थान में हुए कॉर्निया डोनेट से (Rajasthan ahead in donating cornea) अभी तक पंजाब और हरियाणा में 234, दिल्ली में 176, गुजरात में 200 से अधिक, उत्तर प्रदेश में 150 से अधिक और मध्य प्रदेश में करीब 160 से अधिक लोगों को नई रोशनी मिली है. बात अगर इस साल की करें तो अभी तक राजस्थान में तकरीबन 1600 से अधिक लोगों ने कॉर्निया डोनेट किया है, जिनमें से लगभग 1000 से अधिक लोगों को यह कॉर्निया लगा भी दिया गया है.
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8 साल में 2 गुना: आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान की ओर से निरंतर प्रयास किया जा रहा है कि अधिक से अधिक लोग नेत्रदान से जुड़े, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके. पिछले कुछ सालों में आई बैंक सोसाइटी के इस प्रयास से राजस्थान ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के लोगों को भी रोशनी मिली है.
वहीं, पिछले 8 सालों में कॉर्निया कलेक्शन और ट्रांसप्लांट लगभग दोगुने हो चुके हैं. आंकड़ों की बात करें तो 8 साल पहले जहां कॉर्निया कलेक्शन का आंकड़ा सिर्फ एक हजार के करीब था तो वहीं ट्रांसप्लांट 600 के करीब था. जबकि मौजूदा समय में कॉर्निया कलेक्शन 1600 से अधिक हो चुका है, जबकि कॉर्निया ट्रांसप्लांट का आंकड़ा 1000 के आंकड़े को पार कर गया है.
आगे कुल आंकड़ों की बात करें तो अब तक लगभग 17000 से अधिक नेत्रदाताओं ने कॉर्निया दान किए हैं, जिसके बाद लगभग 11000 से अधिक लोगों को नई रोशनी मिली है.