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जयपुर वासियों के लिए खुशखबरी ! रिंग रोड प्रोजेक्ट को रेलवे ने दिखाई हरी झंडी... - जयपुर न्यूज

राजधानी के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में बेशुमार रिंग रोड प्रोजेक्ट के लिए रेलवे की ओर से एक बड़ी खुशखबरी मिली है. रेलवे ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है. जिसके तुरंत बाद से आरओबी को गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जाने का काम तेज हो गया है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
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Published : Sep 1, 2019, 5:27 PM IST

जयपुर. शहर के बहुचर्चित और बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड में हर रोज कोई ना कोई अड़चनें आती रहती हैं. ऐसे में इस प्रोजेक्ट में रेलवे की ओर से आ रही अड़चनें अब खत्म हो गई हैं. इस प्रोजेक्ट में आरओबी बनाए जाने का काम अब तेज हो गया है. जयपुर-बांदीकुई रेल लाइन पर बन रहे इस आरओबी को गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है. यह आरओबी करीब 105 मीटर लंबा है और गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जाने वाला देश का सबसे लंबा ब्रिज होने जा रहा है.

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बता दे कि बीते 4 महीनों से रिंग रोड के उत्तरी कॉरिडोर में जयपुर-बांदीकुई और जयपुर सवाई माधोपुर रेलवे लाइन पर बनने वाले फ्लाईओवर को लेकर, एनएचएआई और रेलवे के बीच विवाद चल रहा था. हालांकि बीते महीने रेलवे ने इसमें अपना रुख सकारात्मक दिखाते हुए आरओबी बनाने की परमिशन दे दी थी. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट के काम ने गति पकड़ ली है.

गर्डर टेक्नोलॉजी से बनेगा आरओबी

रेलवे बोर्ड से परमिशन मिलने के बाद यहां देश का पहला आधुनिक तकनीक से बनने वाला आरओबी का काम चल रहा है. इस ब्रिज को बोस्ट्रिंग स्टील गर्डर टेक्नोलोजी से बनाया जा रहा है. वहीं रिंग रोड के तहत बन रहे करीब 105 मीटर लंबे आरओबी में पुश मेथड तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसमें बीच में कोई पिलर मौजूद नहीं होगा.

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इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के दौरे के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने धारीवाल को विश्वास दिलाया था कि रिंग रोड परियोजना के सड़क का काम अगले 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. वहीं धारीवाल ने रिंग रोड के अंतिम स्वरूप को लेकर अभी 18 महीने का समय और लगने की बात कही थी. लेकिन अब जयपुर-बांदीकुई रेलवे लाइन पर शुरू हुए आरओबी के काम के बाद माना जा सकता है, कि जयपुर वासियों को जल्द हादसों और ट्रैफिक से निजात मिलेगी.

जयपुर. शहर के बहुचर्चित और बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड में हर रोज कोई ना कोई अड़चनें आती रहती हैं. ऐसे में इस प्रोजेक्ट में रेलवे की ओर से आ रही अड़चनें अब खत्म हो गई हैं. इस प्रोजेक्ट में आरओबी बनाए जाने का काम अब तेज हो गया है. जयपुर-बांदीकुई रेल लाइन पर बन रहे इस आरओबी को गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है. यह आरओबी करीब 105 मीटर लंबा है और गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जाने वाला देश का सबसे लंबा ब्रिज होने जा रहा है.

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बता दे कि बीते 4 महीनों से रिंग रोड के उत्तरी कॉरिडोर में जयपुर-बांदीकुई और जयपुर सवाई माधोपुर रेलवे लाइन पर बनने वाले फ्लाईओवर को लेकर, एनएचएआई और रेलवे के बीच विवाद चल रहा था. हालांकि बीते महीने रेलवे ने इसमें अपना रुख सकारात्मक दिखाते हुए आरओबी बनाने की परमिशन दे दी थी. जिसके बाद इस प्रोजेक्ट के काम ने गति पकड़ ली है.

गर्डर टेक्नोलॉजी से बनेगा आरओबी

रेलवे बोर्ड से परमिशन मिलने के बाद यहां देश का पहला आधुनिक तकनीक से बनने वाला आरओबी का काम चल रहा है. इस ब्रिज को बोस्ट्रिंग स्टील गर्डर टेक्नोलोजी से बनाया जा रहा है. वहीं रिंग रोड के तहत बन रहे करीब 105 मीटर लंबे आरओबी में पुश मेथड तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. जिसमें बीच में कोई पिलर मौजूद नहीं होगा.

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इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के दौरे के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने धारीवाल को विश्वास दिलाया था कि रिंग रोड परियोजना के सड़क का काम अगले 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. वहीं धारीवाल ने रिंग रोड के अंतिम स्वरूप को लेकर अभी 18 महीने का समय और लगने की बात कही थी. लेकिन अब जयपुर-बांदीकुई रेलवे लाइन पर शुरू हुए आरओबी के काम के बाद माना जा सकता है, कि जयपुर वासियों को जल्द हादसों और ट्रैफिक से निजात मिलेगी.

Intro:जयपुर - रिंग रोड प्रोजेक्ट में रेलवे की ओर से आ रही अड़चनें अब खत्म हो गई है। यहां आरओबी बनाए जाने का काम अब तेज हुआ है। जयपुर-बांदीकुई रेल लाइन पर बन रहे इस आरओबी को गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जा रहा है। करीब 105 मीटर लंबा ये आरओबी गर्डर टेक्नोलॉजी से बनाया जाने वाला देश का सबसे लंबा ब्रिज होगा।


Body:बीते 4 महीनों से रिंग रोड के उत्तरी कॉरिडोर में जयपुर-बांदीकुई और जयपुर सवाई माधोपुर रेलवे लाइन पर बनने वाले फ्लाईओवर को लेकर, एनएचएआई और रेलवे के बीच विवाद चल रहा था। हालांकि बीते महीने रेलवे ने इसमें अपना रुख सकारात्मक करते हुए आरओबी बनने की परमिशन दे दी। जिसके बाद यहां काम ने गति पकड़ी है। रेलवे बोर्ड से परमिशन मिलने के बाद यहां देश का पहला आधुनिक तकनीक से बनने वाला आरओबी का काम चल रहा है। इस ब्रिज को बोस्ट्रिंग स्टील गर्डर टेक्नोलोजी से बनाया जा रहा है। रिंग रोड के तहत बन रहे करीब 105 मीटर लंबे आरओबी में पुश मेथड तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। जिसमें बीच में कोई पिलर नहीं होगा।


Conclusion:इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के दौरे के दौरान एनएचएआई के अधिकारियों ने धारीवाल को विश्वास दिलाया था, कि रिंग रोड परियोजना के सड़क का काम अगले 6 महीने में पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि धारीवाल ने रिंग रोड के अंतिम स्वरूप को लेकर अभी 18 महीने का समय और लगने की बात कही थी। लेकिन अब जयपुर-बांदीकुई रेलवे लाइन पर शुरू हुए आरओबी के काम के बाद माना जा सकता है, कि जयपुर वासियों को जल्द हादसों और ट्रैफिक से निजात मिलेगी।
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