जयपुर. रेलवे दावा अधिकरण ने यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से गिरने के चलते यात्री की मौत होने पर रेलवे की जिम्मेदारी तय की है. अधिकरण ने पश्चिम-मध्य रेलवे के जीएम को निर्देश दिए हैं कि वह मृतक के आश्रितों को 8 लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति अदा करे. इसके साथ ही दुर्घटना की तिथि से हर्जाना राशि पर 9 फीसदी ब्याज भी अदा करने को कहा है. अधिकरण ने यह आदेश अंजलि व अन्य की ओर से दायर क्लेम याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
क्लेम याचिका में अधिवक्ता हरिशंकर गौड़ ने अधिकरण को बताया कि आनंद सरोन 9 नवंबर, 2022 को अपने दो साथियों के साथ कामाख्या एक्सप्रेस से कामाख्या से मोरबी जा रहा था. इस दौरान सुबह के समय वह हाथ धोने के लिए ट्रेन के गेट के पास खड़ा था। सालोदा रेलवे फाटक के पास ट्रेन के झटके लगने से वह बाहर गिर गया और गंभीर रूप से घायल होने के चलते उसकी मौत हो गई. याचिका में कहा गया कि उसका पति वैध टिकट लेकर यात्रा कर रहा था और चलती ट्रेन के गिरने के चलते उसकी मौत हुई है.
ऐसे में रेलवे प्रशासन उसे क्षतिपूर्ति के तौर पर 8 लाख रुपये व ब्याज का भुगतान करें. वहीं, अधिकरण की ओर से डीएमआर की रिपोर्ट पेश की गई, जिसमें माना गया कि मौके से मृतक के पास से यात्रा का टिकट बरामद नहीं हुआ था, लेकिन बाद में सहयात्री की ओर से टिकट मुहैया कराया गया था, जिससे साबित है कि मृतक घटना के समय रेल यात्री था. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अधिकरण ने रेलवे प्रशासन को आदेश दिए हैं कि वह मृतक के आश्रितों को आठ लाख रुपए ब्याज सहित अदा करे.