जयपुर. राजस्थान के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन आज गुरुवार को पांचवें दिन भी जारी रहा. इस दौरान एक तरफ विश्वविद्यालय परिसर में छात्रनेताओं का धरना और भूख हड़ताल जारी है. वहीं, आज अपनी मांग को लेकर छात्र नेताओं ने अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन कर अपनी आवाज सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक पहुंचाने का प्रयास किया. इस दौरान छात्र नेता कोमल मोहनपुरिया अर्थी बनाकर उस पर लेट गईं. जबकि एक अन्य छात्र मेघराज हाथ में पेट्रोल की बोतल लेकर विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार के पास बने होर्डिंग पर चढ़ गया.
छात्रों के प्रदर्शन के दौरान स्टूडेंट्स और पुलिस के बीच नोक-झोंक भी देखने को मिली. इससे पहले भूख हड़ताल पर बैठे एक छात्रनेता मोहित की तबीयत भी बिगड़ गई थी. इसके बाद पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करवाया है. आंदोलन कर रहे छात्र नेताओं ने सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन और प्रदेश की सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाया है. प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्र विश्वविद्यालय के मुख्यद्वार के सामने धरने पर बैठ गए. जिन्हें पुलिस ने हटाने की कोशिश की तो छात्र और पुलिस आमने-सामने हो गए. इस बीच कुछ छात्रों को चोट भी आई हैं. कुछ छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है.
सरकार तक आवाज पहुंचाने का रास्ता नहीं बचा—कोमल: छात्र नेता कोमल मोहनपुरिया विश्वविद्यालय परिसर में मुख्यद्वार के पास अर्थी सजाकर उस पर लेट गई. उनका कहना है कि पांच दिन से स्टूडेंट्स का आंदोलन चल रहा है. भूख हड़ताल जारी है और धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है. लेकिन सरकार की ओर से अब तक सुनवाई नहीं की गई है. छात्र नेता चार-पांच साल से स्टूडेंट्स के बीच दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. भूखे-प्यासे स्टूडेंट्स के लिए संघर्ष किया है. आज वही छात्र नेता खुद लाचार सा महसूस कर रहे हैं. हम सरकार से गुहार कर रहे हैं. कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई की भी आवाज सरकार नहीं सुन रही है. अब हमारे पास सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का कोई रास्ता तक नहीं बचा है.
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गांधी से भगत सिंह बनना पड़ा तो भी पीछे नहीं हटेंगे—राहुल महला: छात्र नेता राहुल महला का कहना है कि उन्होंने गांधीवादी तरीके से इस आंदोलन का आगाज किया था. लेकिन सरकार अगर उनकी मांग पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया, तो भगत सिंह बनने से भी पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर अगर जवाहरलाल नेहरू मार्ग भी जाम करना पड़ा, तो राजस्थान विश्वविद्यालय का छात्र कभी पीछे नहीं हटेगा. उन्होंने कहा कि सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र शक्ति की आवाज दबाने का प्रयास कर रही है.
कोई सुध लेने तक नहीं आया: छात्र नेता महेश चौधरी का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर हम लगातार पांच दिन से आंदोलन कर रहे हैं. भूख हड़ताल पर बैठे हैं, लेकिन न तो प्रशासनिक अधिकारी और न ही विश्वविद्यालय का कोई अधिकारी हमारी सुध लेने आया है. मेडिकल जांच के नाम पर औपचारिकता की गई है. हमारे दस साथी बीमार हो गए और कुछ अभी भी भूख हड़ताल पर डटे हैं. उनकी भी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही है. छात्र सड़कों पर हैं, लेकिन उनकी सुध नहीं ली जा रही है. यह सरकार के तानाशाही रुख का उदाहरण है. आज राजस्थान का युवा मुख्यमंत्री से मांग कर रहा है कि हठधर्मिता छोड़े और प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव करवाने का आदेश दिया जाए.
सरकार की मंशा लाशों पर राजनीति करने की : छात्रनेता हरफूल चौधरी के अनुसार, उनकी भूख हड़ताल का आज पांचवा दिन है. आज तक उनका मेडिकल नहीं करवाया गया. जांच भी नहीं करवाई गई. हमारी हालत नाजुक है लेकिन सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन ने हमें मरने के लिए छोड़ दिया है. मांग पूरी होने तक हम डटे रहेंगे फिर चाहे हमारी लाश ही यहां से जाए. अगर सरकार की मंशा लाशों पर राजनीति करने की है, तो हम उसके लिए भी तैयार हैं. हम आखिरी सांस तक अपनी मांग को लेकर लड़ते रहेंगे. उन्होंने पुलिस पर भी आरोप लगाया.