जयपुर. ’देश की बेटियों को इंसाफ दो’, ’बलात्कारी को फांसी दो’ जैसे नारे लगाते हुए राजस्थान के छात्र रेसलर्स के समर्थन में उतरे. यहां राजस्थान विश्वविद्यालय कैंपस के बाहर छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नारेबाजी की. साथ ही केंद्र सरकार से बृजभूषण को गिरफ्तार करवा कर कार्रवाई की मांग की.
रेसलर्स केस में दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण को गिरफ्तार करने लायक सबूत नहीं मिलने की चर्चा के बीच राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र रेसलर्स के समर्थन में उतरे. राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्र नेता कमल चौधरी ने बताया कि देश की महिला पहलवान कई दिनों से अपने हक की मांग कर रही हैं. उन्होंने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण पर जो आरोप लगाए हैं, उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. कोर्ट के निर्देश पर एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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कमल ने कहा कि बृजभूषण के खिलाफ संगीन धाराओं में मामले दर्ज हुए हैं, इसमें सीधे गिरफ्तारी का प्रावधान है. लेकिन बृजभूषण को अब तक गिरफ्तार नहीं किया गया है. यही नहीं नए संसद भवन के उद्घाटन अवसर पर बृजभूषण तो बतौर अतिथि पहुंचा, जबकि पहलवान बेटियां सड़क पर रौंदी जा रही थीं, जो शर्म की बात है. वहीं विश्वविद्यालय की छात्रा दिव्या ने कहा कि जिस देश में नारी को पूजा जाता है. उसी देश में उसका अपमान किया जा रहा है. यही वजह है कि अब राजस्थान विश्वविद्यालय का छात्र उन पहलवानों के समर्थन में प्रोटेस्ट कर रहा है.
आपको बता दें कि 23 अप्रैल को रेसलर्स, बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दूसरी बार जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे. 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस में बृजभूषण पर पॉक्सो एक्ट और छेड़छाड़ को लेकर एफआईआर दर्ज की. लेकिन बृजभूषण पर कार्रवाई नहीं हुई. बाद में 3 मई की रात पहलवान और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प की तस्वीरें सामने आई. फिर खाप पंचायतों की ओर से अल्टीमेटम और कैंडल मार्च हुए और 28 मई को धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करने का फैसला लिया गया.
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वहीं 28 मई को संसद भवन पर महिला महापंचायत करने के लिए रवाना हुए रेसलर को हिरासत में लिया गया. जबकि 29 मई को प्रोटेस्ट कर रहे पहलवानों ने अपने मैडल गंगा में बहाने और इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला लिया. हालांकि 30 मई को हरिद्वार में हर की पौड़ी पर पहुंचे रेसलर्स ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देते हुए अपना ये फैसला टाल दिया.