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राजस्थान विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव पर विपक्ष का हल्लाबोल, ''रोकर मानो तो ठीक या हंसकर मानो तो ठीक''

राजस्थान विधानसभा में शनिवार को CAA के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जाएगा. लेकिन सदन में प्रस्ताव से पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने CAA के खिलाफ प्रस्ताव को गलत करार दिया.

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Published : Jan 25, 2020, 12:39 PM IST

CAA पर संग्राम, Conflict over CAA, rajasthan vidhansabha
विधानसभा में CAA को लेकर संग्राम

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे दिन शनिवार को CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट ने निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन के पटल पर CAA के खिलाफ प्रस्ताव को रखा था. अब शनिवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सत्ता पक्ष बहुमत के साथ इसे पास कराने की कोशिश करेगा.

विधानसभा में CAA को लेकर संग्राम

लेकिन सदन में इससे ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने CAA के खिलाफ प्रस्ताव को गलत बताया. उन्होंने कहा, कि भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म हो रहे हैं. ये परेशान लोग नागरिकता पाना चाहते है. लेकिन कानूनी पेंच इतना कठिन था, कि उन्हें नागरिकता लेने में 11 साल से ज्यादा लग जाता था.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

ऐसे में केंद्र सरकार ने इस कानून का सरलीकरण किया. जब पूरा देश इस कानून का समर्थन कर रहा है, तो विपक्ष को उस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

राष्ट्रपति शासन की मांग पर कटारिया ने साफ कहा, कि देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जरूरत नहीं है. राजस्थान में गहलोत सरकार भले ही विधानसभा में प्रस्ताव पारित करे. लेकिन यह कानून लागू करना ही पड़ेगा, ''चाहे रो कर मानो तो ठीक या हंसकर मानो तो ठीक''.

कटारिया ने कहा, कि ये किसी को पता नहीं था, कि गांधी जी के चेले इस तरह से देश में हिंसा का माहौल बनाएंगे.

वहीं कांग्रेस के विधायक अमीन कागजी ने कहा, कि मोदी सरकार जो संशोधन कानून लेकर आई है, वह लोगों को धर्म के नाम पर बांटता है. इसलिए राजस्थान सरकार की तरफ से विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा रहा है.

अमीन कागजी ने ये भी कहा, कि देशभर में लोग CAA का विरोध कर रहे हैं. लोगों की भावनाओं को देखते हुए ही गहलोत सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आ रही है. अमीन कागजी के मुताबिक देशभर में उठे विरोध को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार को हठधर्मिता छोड़ते हुए इस कानून में फिर से संशोधन करना चाहिए.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा के चौथे सत्र के दूसरे दिन शनिवार को CAA के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट ने निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन के पटल पर CAA के खिलाफ प्रस्ताव को रखा था. अब शनिवार को इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सत्ता पक्ष बहुमत के साथ इसे पास कराने की कोशिश करेगा.

विधानसभा में CAA को लेकर संग्राम

लेकिन सदन में इससे ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने CAA के खिलाफ प्रस्ताव को गलत बताया. उन्होंने कहा, कि भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म हो रहे हैं. ये परेशान लोग नागरिकता पाना चाहते है. लेकिन कानूनी पेंच इतना कठिन था, कि उन्हें नागरिकता लेने में 11 साल से ज्यादा लग जाता था.

पढ़ें- बजट सत्र में जिस बैनर को पहनकर विधायक पहुंची थीं उस पर क्या लिखा था....

ऐसे में केंद्र सरकार ने इस कानून का सरलीकरण किया. जब पूरा देश इस कानून का समर्थन कर रहा है, तो विपक्ष को उस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए.

राष्ट्रपति शासन की मांग पर कटारिया ने साफ कहा, कि देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जरूरत नहीं है. राजस्थान में गहलोत सरकार भले ही विधानसभा में प्रस्ताव पारित करे. लेकिन यह कानून लागू करना ही पड़ेगा, ''चाहे रो कर मानो तो ठीक या हंसकर मानो तो ठीक''.

कटारिया ने कहा, कि ये किसी को पता नहीं था, कि गांधी जी के चेले इस तरह से देश में हिंसा का माहौल बनाएंगे.

वहीं कांग्रेस के विधायक अमीन कागजी ने कहा, कि मोदी सरकार जो संशोधन कानून लेकर आई है, वह लोगों को धर्म के नाम पर बांटता है. इसलिए राजस्थान सरकार की तरफ से विधानसभा में CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा रहा है.

अमीन कागजी ने ये भी कहा, कि देशभर में लोग CAA का विरोध कर रहे हैं. लोगों की भावनाओं को देखते हुए ही गहलोत सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आ रही है. अमीन कागजी के मुताबिक देशभर में उठे विरोध को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार को हठधर्मिता छोड़ते हुए इस कानून में फिर से संशोधन करना चाहिए.

Intro:
जयपुर

विधानसभा में सीएए को लेकर संग्राम , विपक्ष ने कहा संशोधन कानून देश भर में लागू होगा , रोक कर मानों तो थी या हस कर मानो तो ठीक , गांधी जी चेले हिंसा कर रहे है - नेता प्रतिपक्ष

एंकर:- राजस्थान में गहलोत सरकार सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव ला रही है , लेकिन प्रस्ताव से ठीक पहले नेताओं ने जुबानी जंग तेज है , पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने एक दूसरे पर सीधा हमला बोला , सत्ता पक्ष ने इस कानून को धर्म के नाम पर बांटने वाला बताया तो विपक्ष में बैठी बीजेपी ने साफ कह दिया कि यह कानून पूरे देश में लागू होगा फिर उसे हंसकर मानो तो ठीक और रोके मानो तो ठीक ।


Body:VO:- 15 विधानसभा का चौथा सत्र के दूसरे दिन आज सीएए के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया जाएगा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कैबिनेट निर्णय के खिलाफ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने सदन के पटल पर सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को रखा था, अब आज इस पूर्व प्रस्ताव पर चर्चा होगी और सत्ता पक्ष बहुमत के साथ इसे पास कराने की कोशिश करेगा लेकिन सदन से ठीक पहले सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगे नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव को गलत बताया उन्होंने कहा कि भारत देश की सीमा से सटे देशों में जिनमें पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश शामिल है वहां पर हिंदुओं के ऊपर जुल्म हो रहे उनके जुल्मों से परेशान लोग नागरिकता पाना चाहते लेकिन कानूनी पेच इतनी कठिन थी कि उन्हें नागरिकता लेने में 11 साल से अधिक लग जाता था , ऐसे में केंद्र सरकार इस कानून को सरलीकरण किया ऐसे में पूरा देश जब इस कानून का समर्थन कर रहा है तो विपक्ष को उस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए राष्ट्रपति शासन की मांग पर कटारा ने साफ कहा कि देश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जरूरत नहीं है राजस्थान में गहलोत सरकार भले ही खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित करें लेकिन यह कानून लागू करना ही पड़ेगा चाहे से रोकर मानो तो ठीक या हंसकर मानो तो ठीक , कटारिया ने कहा कि गांधी जी के चेले इस तरहं से देश मे हिंशा का माहौल बनाएंगे ये किसी को पता नही था , वही कांग्रेस के विधायक अमीन काकाजी ने कहां की सरकार की तरफ से आज विधानसभा में सीए के खिलाफ प्रस्ताव लाया जा रहा है यह प्रस्ताव इसलिए लाया जा रहा है क्योंकि देश में केंद्र की मोदी सरकार जोशी को लेकर संशोधन कानून लेकर आई है वह लोगों को धर्म के नाम पर बैठता है ऐसे में देशभर में जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं उनकी भावनाओं को देखते हुए गहलोत सरकार विधानसभा में प्रस्ताव लेकर आ रही है उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में उठे विरोध को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार को हठधर्मिता छोड़ते हुए इस कानून में पुनः संशोधन करना चाहिए
बाइट:- गुलाबचंद कटारिया - नेता प्रतिपक्ष
बाइट:- अमीन काकजी - कोंग्रेस विधायक


Conclusion:
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