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गहलोत सरकार के 4 साल पूरे, आज मुख्यमंत्री होंगे मीडिया से मुखातिब

गहलोत सरकार अपने 4 साल पूरे होने को लेकर जश्न मनाने की तैयारी में है. सरकार का यह जश्न आज से शुरू हो जाएगा. 28 दिसंबर तक अलग अलग कार्यक्रम किए जाएंगे. वहीं, सीएम अशोक गहलोत आज मीडिया से मुखातिब होंगे और अपने 4 साल की उपलब्धियों का जिक्र करेंगे.

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Published : Dec 17, 2022, 9:14 AM IST

Updated : Dec 17, 2022, 9:42 AM IST

ashok gehlot
गहलोत सरकार के 4 साल पूरे

जयपुर. 17 दिसंबर को गहलोत सरकार ने 4 साल पूरे कर लिए हैं. 4 साल के सफर नामे में अशोक गहलोत को बतौर मुख्यमंत्री कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा. हालंकि, गहलोत शनिवार दोपहर मीडिया से मुखातिब होकर अपने 4 साल की उपलब्धियों का जिक्र भी करने वाले हैं. कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार अपनों से ही घिरी, तो कई मर्तबा विपक्ष के आरोपों के बावजूद सरकार पर इसका गहरा असर नहीं देखा गया.

4 साल की उपलब्धि बताकर मीडिया से मिलेंगे गहलोत- राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है; जवाहर कला केंद्र में आयोजित की जा रही पांच दिवसीय प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह 11 बजे उद्घाटन करेंगे. इस दौरान गहलोत सरकार के 4 साल के विकास कार्यों को दर्शाया जाएगा. जनसंपर्क निदेशालय की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. इस प्रदर्शनी में सरकार के विभिन्न 25 विभागों की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया है. प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद सीएम गहलोत प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे.

हालात यह रहे कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक बार कहा कि साल भर एक ही सत्र चलने से विधायकों को प्रश्न पूछने के मौके कम मिलते हैं. तो हाल में 91 विधायकों के इस्तीफे के बावजूद आज भी जनता इस बात को लेकर पशोपेश में है कि क्या राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार में वे सभी कांग्रेस विधायक उनके जनप्रतिनिधि हैं या फिर नहीं. इस दौरान सरकार के लिए कानून व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती रही.

पढ़ें- गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ: फ्लैगशिप योजनाओं के जरिए अब आमजन को साधने की रणनीति तैयार

4 साल में अलवर में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक बड़ा बवाल प्रदेश में मच गया था. उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड ने भी सरकार की किरकिरी करवाई. भीलवाड़ा में लड़कियों की नीलामी और हाल ही में राजू ठेठ की गैंगवार में मारे जाने का मसला लॉ एंड ऑर्डर के मामले में सरकार को लगातार नाकाम साबित करता रहा. इन सब के बावजूद 4 साल के सफरनामा में मुख्यमंत्री ने प्रदेश को कानून व्यवस्था के लिहाज से ऑल इज वेल के रास्ते पर बढ़ता हुआ बताया.

वहीं, युवाओं के रोजगार के लिहाज से अशोक गहलोत सरकार का 4 साल कसौटी पर रहा. पहले बजट में 75 हजार नौकरियों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने दूसरे बजट में 53 हजार 151, तीसरे बजट में 50 हजार नौकरियों की घोषणा की थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि चौथे बजट के बाद चुनावी साल में प्रवेश करने से पहले अशोक गहलोत लगभग एक लाख नौकरियों का ऐलान कर सकते हैं. सरकार का कहना है कि अब तक 1 लाख 36 हजार सरकारी नौकरियां दे चुके हैं, जबकि 1 लाख 21 हज़ार सरकारी भर्तियां फिलहाल प्रक्रियाधीन है. वहीं, 1 लाख अतिरिक्त पदों पर भी भर्ती प्रस्तावित है.

मुफ्त स्मार्टफोन का आज भी इंतजार- अपने पिछले बजट में अशोक गहलोत सरकार की तरफ से महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने की घोषणा की गई थी. इस घोषणा के बाद उम्मीद की जा रही थी कि राजस्थान सरकार चौथी सालगिरह पर यह सौगात दे सकती है. लेकिन आज भी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है और उम्मीद की जाती है कि किसी भी पल सरकार इसकी घोषणा कर सकती है. लिहाजा स्मार्टफोन जैसी बड़ी घोषणा को लेकर भी प्रतीक्षा हो रही है. चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड परिवारों को जन आधार कार्ड के आधार पर यह स्मार्टफोन दिए जाने थे. सरकार की उड़ान योजना भी चर्चा में रही. बालिकाओं और महिलाओं को हर महीने 12 सेनेटरी नैपकिन निशुल्क सरकार की ओर से दिए जाने का दावा किया गया. जिसके तहत लगभग एक करोड़ 45 लाख किशोरियों और महिलाओं को लाभ प्राप्त हुआ.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 4 साल का रिपोर्ट कार्ड, जानिए प्रदेश में अपराध घटा या बढ़ा

यह रही है महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  • अशोक गहलोत सरकार के 4 साल में अगर महत्वपूर्ण योजनाओं की बात की जाए जिन्हें उनकी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है तो उनमें सबसे अहम मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसके तहत 10,00,000 का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा और 5,00,000 का दुर्घटना बीमा सरकार की तरफ से दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस योजना में अब तक 27,60,000 मरीजों को 3195 करोड़ का निशुल्क इलाज किया जा चुका है.
  • अशोक गहलोत सरकार के लिए चुनौती ओल्ड पेंशन स्कीम भी रहने वाली है. जिसका ऐलान मुख्यमंत्री की ओर से किया गया था. 1 जनवरी 2004 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पूर्व पेंशन योजना यानी OPS के तहत माना जाएगा.
  • 38 लाख 18 हजार परिवारों को बिजली बिल शून्य करके सस्ती घरेलू बिजली देने का भी सब्सिडी के जरिए गहलोत सरकार ने ऐलान किया था.
  • कृषि बिजली दर में 4 साल में किसी तरह की वृद्धि नहीं करने का ऐलान किया गया. इसके लिए 16000 करोड़ का वार्षिक अनुदान किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए गहलोत सरकार ने किया था.
  • मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना के तहत कृषि बिजली कनेक्शन पर ₹1000 प्रतिमाह दिए जा रहे थे. इसके अतिरिक्त अनुदान से 8 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य होने का दावा किया गया.
  • ₹8 में पौस्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन भी गरीबों को देने के लिए इंदिरा रसोई को शुरू किया गया. प्रदेश में 951 इंद्र रसोई संचालित हैं, जिनमें राज्य सरकार की ओर से हर थाली पर ₹17 की सब्सिडी दी जा रही है.
  • अनाथ और अन्य पत्र अनुसार बच्चों को हर महीने ₹500 से लेकर ₹25 की आर्थिक सहायता दी जा रही है. पालनहार योजना के तहत अब तक सरकार का दावा है कि 6 लाख 64 हजार बच्चे लाभान्वित हुए हैं.
  • इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के बाद शहरों में 100 दिन के रोजगार की गारंटी राज्य सरकार ने दी है. गहलोत सरकार के कार्यकाल में अब तक 3 लाख 50 हजार जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं.
  • महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के तहत प्रदेश में 1 शिक्षा सुधार की कवायद की गई. दावा है कि 1670 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है.
  • स्कूल और कॉलेज जाने वाली बालिकाओं को स्कूटी का वितरण सरकार की ओर से किया गया. अब तक 20 हजार बालिकाओं को हर साल स्कूटी का वितरण किया जा रहा है.
  • मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफार्म वितरण योजना भी सरकार ने शुरू की है. जिसके तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के 2 सेट निशुल्क दिए गए हैं.
  • मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को भी महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को हर मंगलवार और शुक्रवार इसके तहत दूध वितरण किया जा रहा है.
  • राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल को दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बता कर दावा किया गया. लगभग 30 लाख लोगों ने इसमें भाग लिया. शहरी ओलंपिक खेल 26 जनवरी 2023 से प्रस्तावित है जो हर साल आयोजित होंगे.

जयपुर. 17 दिसंबर को गहलोत सरकार ने 4 साल पूरे कर लिए हैं. 4 साल के सफर नामे में अशोक गहलोत को बतौर मुख्यमंत्री कई उतार-चढ़ाव से गुजरना पड़ा. हालंकि, गहलोत शनिवार दोपहर मीडिया से मुखातिब होकर अपने 4 साल की उपलब्धियों का जिक्र भी करने वाले हैं. कई मुद्दे हैं जिन पर सरकार अपनों से ही घिरी, तो कई मर्तबा विपक्ष के आरोपों के बावजूद सरकार पर इसका गहरा असर नहीं देखा गया.

4 साल की उपलब्धि बताकर मीडिया से मिलेंगे गहलोत- राज्य सरकार के चार साल पूरे होने पर एक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है; जवाहर कला केंद्र में आयोजित की जा रही पांच दिवसीय प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सुबह 11 बजे उद्घाटन करेंगे. इस दौरान गहलोत सरकार के 4 साल के विकास कार्यों को दर्शाया जाएगा. जनसंपर्क निदेशालय की ओर से प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. इस दौरान मंत्रिमंडल के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. इस प्रदर्शनी में सरकार के विभिन्न 25 विभागों की उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया है. प्रदर्शनी के अवलोकन के बाद सीएम गहलोत प्रेस वार्ता को संबोधित करेंगे.

हालात यह रहे कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने एक बार कहा कि साल भर एक ही सत्र चलने से विधायकों को प्रश्न पूछने के मौके कम मिलते हैं. तो हाल में 91 विधायकों के इस्तीफे के बावजूद आज भी जनता इस बात को लेकर पशोपेश में है कि क्या राजस्थान के अशोक गहलोत सरकार में वे सभी कांग्रेस विधायक उनके जनप्रतिनिधि हैं या फिर नहीं. इस दौरान सरकार के लिए कानून व्यवस्था सबसे बड़ी चुनौती रही.

पढ़ें- गहलोत सरकार की चौथी वर्षगांठ: फ्लैगशिप योजनाओं के जरिए अब आमजन को साधने की रणनीति तैयार

4 साल में अलवर में दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक बड़ा बवाल प्रदेश में मच गया था. उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड ने भी सरकार की किरकिरी करवाई. भीलवाड़ा में लड़कियों की नीलामी और हाल ही में राजू ठेठ की गैंगवार में मारे जाने का मसला लॉ एंड ऑर्डर के मामले में सरकार को लगातार नाकाम साबित करता रहा. इन सब के बावजूद 4 साल के सफरनामा में मुख्यमंत्री ने प्रदेश को कानून व्यवस्था के लिहाज से ऑल इज वेल के रास्ते पर बढ़ता हुआ बताया.

वहीं, युवाओं के रोजगार के लिहाज से अशोक गहलोत सरकार का 4 साल कसौटी पर रहा. पहले बजट में 75 हजार नौकरियों की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री गहलोत ने दूसरे बजट में 53 हजार 151, तीसरे बजट में 50 हजार नौकरियों की घोषणा की थी. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि चौथे बजट के बाद चुनावी साल में प्रवेश करने से पहले अशोक गहलोत लगभग एक लाख नौकरियों का ऐलान कर सकते हैं. सरकार का कहना है कि अब तक 1 लाख 36 हजार सरकारी नौकरियां दे चुके हैं, जबकि 1 लाख 21 हज़ार सरकारी भर्तियां फिलहाल प्रक्रियाधीन है. वहीं, 1 लाख अतिरिक्त पदों पर भी भर्ती प्रस्तावित है.

मुफ्त स्मार्टफोन का आज भी इंतजार- अपने पिछले बजट में अशोक गहलोत सरकार की तरफ से महिलाओं को स्मार्टफोन दिए जाने की घोषणा की गई थी. इस घोषणा के बाद उम्मीद की जा रही थी कि राजस्थान सरकार चौथी सालगिरह पर यह सौगात दे सकती है. लेकिन आज भी इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं है और उम्मीद की जाती है कि किसी भी पल सरकार इसकी घोषणा कर सकती है. लिहाजा स्मार्टफोन जैसी बड़ी घोषणा को लेकर भी प्रतीक्षा हो रही है. चिरंजीवी योजना में रजिस्टर्ड परिवारों को जन आधार कार्ड के आधार पर यह स्मार्टफोन दिए जाने थे. सरकार की उड़ान योजना भी चर्चा में रही. बालिकाओं और महिलाओं को हर महीने 12 सेनेटरी नैपकिन निशुल्क सरकार की ओर से दिए जाने का दावा किया गया. जिसके तहत लगभग एक करोड़ 45 लाख किशोरियों और महिलाओं को लाभ प्राप्त हुआ.

पढ़ें- गहलोत सरकार के 4 साल का रिपोर्ट कार्ड, जानिए प्रदेश में अपराध घटा या बढ़ा

यह रही है महत्वपूर्ण उपलब्धियां

  • अशोक गहलोत सरकार के 4 साल में अगर महत्वपूर्ण योजनाओं की बात की जाए जिन्हें उनकी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है तो उनमें सबसे अहम मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसके तहत 10,00,000 का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा और 5,00,000 का दुर्घटना बीमा सरकार की तरफ से दिया जाएगा. सरकार का दावा है कि इस योजना में अब तक 27,60,000 मरीजों को 3195 करोड़ का निशुल्क इलाज किया जा चुका है.
  • अशोक गहलोत सरकार के लिए चुनौती ओल्ड पेंशन स्कीम भी रहने वाली है. जिसका ऐलान मुख्यमंत्री की ओर से किया गया था. 1 जनवरी 2004 से नियुक्त सभी सरकारी कर्मचारियों को पूर्व पेंशन योजना यानी OPS के तहत माना जाएगा.
  • 38 लाख 18 हजार परिवारों को बिजली बिल शून्य करके सस्ती घरेलू बिजली देने का भी सब्सिडी के जरिए गहलोत सरकार ने ऐलान किया था.
  • कृषि बिजली दर में 4 साल में किसी तरह की वृद्धि नहीं करने का ऐलान किया गया. इसके लिए 16000 करोड़ का वार्षिक अनुदान किसानों को सस्ती बिजली देने के लिए गहलोत सरकार ने किया था.
  • मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना के तहत कृषि बिजली कनेक्शन पर ₹1000 प्रतिमाह दिए जा रहे थे. इसके अतिरिक्त अनुदान से 8 लाख किसानों का बिजली बिल शून्य होने का दावा किया गया.
  • ₹8 में पौस्टिक और गुणवत्तापूर्ण भोजन भी गरीबों को देने के लिए इंदिरा रसोई को शुरू किया गया. प्रदेश में 951 इंद्र रसोई संचालित हैं, जिनमें राज्य सरकार की ओर से हर थाली पर ₹17 की सब्सिडी दी जा रही है.
  • अनाथ और अन्य पत्र अनुसार बच्चों को हर महीने ₹500 से लेकर ₹25 की आर्थिक सहायता दी जा रही है. पालनहार योजना के तहत अब तक सरकार का दावा है कि 6 लाख 64 हजार बच्चे लाभान्वित हुए हैं.
  • इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के बाद शहरों में 100 दिन के रोजगार की गारंटी राज्य सरकार ने दी है. गहलोत सरकार के कार्यकाल में अब तक 3 लाख 50 हजार जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं.
  • महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल के तहत प्रदेश में 1 शिक्षा सुधार की कवायद की गई. दावा है कि 1670 अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है.
  • स्कूल और कॉलेज जाने वाली बालिकाओं को स्कूटी का वितरण सरकार की ओर से किया गया. अब तक 20 हजार बालिकाओं को हर साल स्कूटी का वितरण किया जा रहा है.
  • मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफार्म वितरण योजना भी सरकार ने शुरू की है. जिसके तहत सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों को यूनिफॉर्म के 2 सेट निशुल्क दिए गए हैं.
  • मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना को भी महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. सरकारी स्कूल में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को हर मंगलवार और शुक्रवार इसके तहत दूध वितरण किया जा रहा है.
  • राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेल को दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन बता कर दावा किया गया. लगभग 30 लाख लोगों ने इसमें भाग लिया. शहरी ओलंपिक खेल 26 जनवरी 2023 से प्रस्तावित है जो हर साल आयोजित होंगे.
Last Updated : Dec 17, 2022, 9:42 AM IST
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