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जयपुर से भेजे तेल से अयोध्या में तैयार होगा प्रसाद, सीता रसोई के लिए रवाना होगा 2100 पीपे तेल - अयोध्या में बनेगा प्रसाद

अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. वहां पहुंचने वाले रामभक्तों, संत और महंतों की सेवा का सौभाग्य जयपुर को भी मिल रहा है. अयोध्या में सीता रसोई में जयपुर से भेजे जाने वाले सरसों के तेल से प्रसाद और भोजन तैयार होगा. बुधवार को सरसों के तेल के 2100 पीपे अयोध्या भेजे जाएंगे. खास बात ये है कि अयोध्या भेजने के लिए तैयार किए गए तेल के पीपों पर श्रीराम जन्म स्तुति भी अंकित की गई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 9, 2024, 10:05 PM IST

जयपुर. राम मंदिर उद्घाटन के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल को साक्षी बनने के लिए कुछ न कुछ जतन कर रहे हैं.

जयपुर वासियों की माने तो ऐसा लग रहा है मानो घर में कोई विवाह हो रहा है, और सभी उसी की तैयारी में जुटे हुए हैं. जयपुर के लिए सौभाग्य की बात ये भी है कि अयोध्या में तैयार होने वाला प्रसाद जयपुर से भेजे जाने वाले सरसों के तेल में निर्मित होगा. सरसों तेल निर्माता डॉ मनोज मुरारका ने बताया कि राम जन्मभूमि पर जो भी खाद्य पदार्थ इस्तेमाल होगी, वो पूरी तरह सात्विक हो, इसीलिए सरसों के तेल को इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है.

पढ़ें: अजमेर में बनी मशीन से अयोध्या में बनेंगी रोटियां, एक मशीन 1 घंटे में बनती है 12 सौ रोटियां

धर्म ग्रंथों में ये तक लिखा है कि जब भगवान श्री राम के पिता दशरथ का देहावसान हो गया था, तब उनका कोई भी पुत्र उनके पास नहीं था. इस वजह से देह को कई दिनों तक रखने के लिए उसे सरसों के तेल में ही संरक्षित किया गया था. यही नहीं भगवान हनुमान और शनि देव की पौराणिक कथा भी है ऐसे में इस तेल का धार्मिक महत्व हमेशा से रहा है. चूंकि राजस्थान हमेशा से सरसों के लिए प्रसिद्ध रहा है, इस वजह से राजस्थान का चयन किया गया, लेकिन भगवान श्री राम सबके हैं इसलिए सरसों अलग-अलग राज्यों से मंगवाया गया, जिसमें राजस्थान के अलावा बंगाल, बिहार, यूपी और हरियाणा की सरसों भी शामिल है. यहां जब सरसों के बीज से तेल निकाला जा रहा था उस वक्त लगातार रामधुन चलाई गई.

पढ़ें: राम मंदिर निर्माण : 34 साल पहले किया गया था बंशी पहाड़पुर के प्रसिद्ध पत्थर का चयन

2100 सरसों तेल की पीपे शोभायात्रा के साथ होगी रवाना: धर्म यात्रा महासंघ के संरक्षक सुरेश पाटोदिया ने बताया कि धर्म यात्रा महासंघ, विश्व हिंदू परिषद और श्री श्याम संध्या सेवा परिवार के तत्वावधान में माता सीता की रसोई के लिए 2100 सरसों तेल की पीपे शोभायात्रा के साथ रवाना किया जाएगा. ये शोभायात्रा चांदपोल स्थित गंगा माता मंदिर से राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विभिन्न मंदिरों के संत महंतों के सानिध्य में हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट का लवाजमा, बग्घियों में संत महंत विराजमान होकर शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे. शोभायात्रा में रामस्वरूप की झांकी भी शामिल होगी. शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए गलता गेट पर पूर्ण होगी. वहीं, शोभायात्रा का जगह-जगह डिप्टी सीएम, विधायक, सांसद यहां तक की आदर्श नगर और किशनपोल के अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले विधायक भी स्वागत करेंगे. शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा और आरती कर स्वागत किया जाएगा.

जयपुर. राम मंदिर उद्घाटन के लिए पूरी अयोध्या नगरी ही नहीं देश-विदेश में भी धार्मिक स्थलों पर तैयारी चल रही है. 22 जनवरी को अयोध्या में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक इस ऐतिहासिक पल को साक्षी बनने के लिए कुछ न कुछ जतन कर रहे हैं.

जयपुर वासियों की माने तो ऐसा लग रहा है मानो घर में कोई विवाह हो रहा है, और सभी उसी की तैयारी में जुटे हुए हैं. जयपुर के लिए सौभाग्य की बात ये भी है कि अयोध्या में तैयार होने वाला प्रसाद जयपुर से भेजे जाने वाले सरसों के तेल में निर्मित होगा. सरसों तेल निर्माता डॉ मनोज मुरारका ने बताया कि राम जन्मभूमि पर जो भी खाद्य पदार्थ इस्तेमाल होगी, वो पूरी तरह सात्विक हो, इसीलिए सरसों के तेल को इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया है.

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धर्म ग्रंथों में ये तक लिखा है कि जब भगवान श्री राम के पिता दशरथ का देहावसान हो गया था, तब उनका कोई भी पुत्र उनके पास नहीं था. इस वजह से देह को कई दिनों तक रखने के लिए उसे सरसों के तेल में ही संरक्षित किया गया था. यही नहीं भगवान हनुमान और शनि देव की पौराणिक कथा भी है ऐसे में इस तेल का धार्मिक महत्व हमेशा से रहा है. चूंकि राजस्थान हमेशा से सरसों के लिए प्रसिद्ध रहा है, इस वजह से राजस्थान का चयन किया गया, लेकिन भगवान श्री राम सबके हैं इसलिए सरसों अलग-अलग राज्यों से मंगवाया गया, जिसमें राजस्थान के अलावा बंगाल, बिहार, यूपी और हरियाणा की सरसों भी शामिल है. यहां जब सरसों के बीज से तेल निकाला जा रहा था उस वक्त लगातार रामधुन चलाई गई.

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2100 सरसों तेल की पीपे शोभायात्रा के साथ होगी रवाना: धर्म यात्रा महासंघ के संरक्षक सुरेश पाटोदिया ने बताया कि धर्म यात्रा महासंघ, विश्व हिंदू परिषद और श्री श्याम संध्या सेवा परिवार के तत्वावधान में माता सीता की रसोई के लिए 2100 सरसों तेल की पीपे शोभायात्रा के साथ रवाना किया जाएगा. ये शोभायात्रा चांदपोल स्थित गंगा माता मंदिर से राज्यपाल कलराज मिश्र, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विभिन्न मंदिरों के संत महंतों के सानिध्य में हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. इस यात्रा में हाथी, घोड़े, ऊंट का लवाजमा, बग्घियों में संत महंत विराजमान होकर शोभायात्रा का हिस्सा बनेंगे. शोभायात्रा में रामस्वरूप की झांकी भी शामिल होगी. शोभायात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए गलता गेट पर पूर्ण होगी. वहीं, शोभायात्रा का जगह-जगह डिप्टी सीएम, विधायक, सांसद यहां तक की आदर्श नगर और किशनपोल के अल्पसंख्यक समुदाय से आने वाले विधायक भी स्वागत करेंगे. शोभायात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा और आरती कर स्वागत किया जाएगा.

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