जयपुर. राजस्थान में भाजपा की ओर से किसान की जमीन नीलाम होने को लेकर लगाए गए पोस्टर अब विवाद में आ गए हैं. भाजपा ने पोस्टर में जिस किसान माधोराम की तस्वीर काम में ली, वही किसान 200 बीघा जमीन का मालिक निकला. राजस्थान में जगह-जगह पोस्टर लगने के बाद वह किसान सामने आया और उसने साफ किया कि उसने कभी जमीन पर लोन नहीं लिया न ही उसकी जमीन नीलाम हुई है. रविवार को किसान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी मुलाकात की और इन पोस्टरों को हटवाने की बात कही.
'पोस्टर हटवा दीजिए, मेरी बेइज्जती हो रही' : मुख्यमंत्री गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि किसान मेरे पास आया और कहा कि मेरे पास 200 बीघा जमीन है. मैंने कभी कर्ज लिया ही नहीं लिया और मेरी फोटो राजस्थान भर में लगा दी गई कि मेरी जमीन नीलाम हो गई. ऐसे पोस्टर लगने से मेरी इंसल्ट हुई है. हालात यह हैं कि चाय वाला भी पहले पैसे लेता है उसके बाद चाय देता है. वह किसान मुझे बार-बार कह रहा है कि मेरे पोस्टर हटवा दीजिए, मेरी बेइज्जती हो रही है. सीएम गहलोत ने कहा कि यही भाजपा की हकीकत है जो चुनाव के शुरू में ही इस तरह के काम कर रही है. भाजपा इसी तरह के झूठ को चेहरा बनाएगी और यही माधोराम का चेहरा होगा, जिसपर भाजपा चुनाव लड़ेगी.
पढ़ें. नहीं सहेगा राजस्थान कैंपेन पोस्टर में फंसी भाजपा, पोकरण का किसान करेगा मानहानि का दावा
ये है मामला : राजस्थान में 'नहीं सहेगा राजस्थान' अभियान के तहत भाजपा की ओर से अलग-अलग मुद्दों पर पोस्टर लगाए गए हैं. इसी क्रम में किसान की जमीन नीलामी का दावा करते हुए एक पोस्टर लगाई गई, जिसपर विवाद खड़ा हो गया है. पोस्टर में दावा किया गया था कि राजस्थान के 19 हजार से ज्यादा किसानों की जमीन कर्ज के चलते नीलम की गई है. इस पोस्टर में जैसलमेर जिले के पोकरण के एक किसान की फोटो का इस्तेमाल किया गया. अब इस किसान ने यह दावा किया है कि उसकी जानकारी के बिना तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है और वह आज भी 200 बीघा जमीन का मालिक है.