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गुजरात चुनाव के लिए गहलोत समेत दो दर्जन मंत्री लगाए, हिमाचल में पायलट पर्यवेक्षक अन्य किसी को जिम्मेदारी नहीं

गुजरात चुनाव के लिए गहलोत वरिष्ठ पर्यवेक्षक और रघु शर्मा को प्रभारी बनाने के साथ ही करीब 2 दर्जन से ज्यादा मंत्री और विधायकों को जिम्मेदारियां सौंपी गई है. लेकिन हिमाचल में चुनाव तिथि घोषित (politics on Gujarat and Himachal pradesh election) होने के बाद भी वहां अकेले पायलट पर्यवेक्षक बनाया गया है जबकि अन्य किसी मंत्री या विधायक को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है.

politics on Gujarat and Himachal pradesh election
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Published : Oct 26, 2022, 4:02 PM IST

Updated : Oct 26, 2022, 4:11 PM IST

जयपुर. देश में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें से हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखें घोषित भी की जा चुकी हैं. जिन राज्यों में चुनाव होते हैं उनमें आसपास के राज्यों के उन नेताओं को भी चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी जाती है जहां पार्टी की सरकार होती है और जातिगत वोटर्स होते हैं. अब क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और गुजरात में रघु शर्मा को प्रभारी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक (politics on Gujarat and Himachal pradesh election) बनाया गया है. ऐसे में गुजरात चुनाव के लिए तो दो दर्जन से ज्यादा राजस्थान के मंत्री, विधायक और नेताओं को विधानसभा सीटों में जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

खास बात ये है कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव घोषित किए जा चुके हैं, फिर राजस्थान के मंत्रियों और विधायकों को वहां की चुनावी जिम्मेदारी से दूर रखा गया है, जबकि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को वहीं का पर्यवेक्षक बनाया गया है. राजस्थान के किसी मंत्री, विधायक को हिमाचल प्रदेश चुनाव में काम पर नहीं लगाया गया है. गुजरात में 22 मंत्री, विधायकों में से 20 गहलोत समर्थक हैं और दो पायलट समर्थक हैं.

गुजरात चुनाव के लिए गहलोत समेत दो दर्जन मंत्री लगाए

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हिमाचल प्रदेश में राजस्थान की ओर से या तो धीरज गुर्जर स्क्रीनिंग कमेटी के मेंबर बनाए गए थे या फिर सचिन पायलट को हिमाचल चुनाव का पर्यवेक्षक. पायलट और धीरज गुर्जर के अलावा जातिगत या अन्य आधार पर किसी राजस्थान के नेता को हिमाचल चुनाव में जिम्मेदारी नहीं दी गई है. हालांकि हिमाचल प्रदेश के चुनाव में हर बार की तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को स्टार प्रचारक जरूर बनाया गया (Gehlot and Pilot as star campaigner in Himachal) है लेकिन अन्य नेताओं को हिमाचल से दूर रखा गया है.

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यह होती है चुनाव में जिम्मेदारी देने की प्रक्रिया
किसी भी राज्य में होने वाले चुनाव में दूसरे राज्यों के प्रभावशाली नेताओं को उनकी चुनावी रणनीति बनाने की काबिलियत, उनका जनता के बीच प्रभाव और जातिगत आधार को देखते हुए दी जाती है. कौन नेता राज्य के लिए चुनाव में उपयुक्त होंगे. इसके लिए या तो चुनाव करवाने के लिए बनाई गई प्रमुख कमेटी के सदस्य, नाम तय करते हैं जिनमें उस प्रदेश का प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल होते हैं या फिर कई बार एआईसीसी भी यह नाम सीधे राज्यों से मांग लेती है.

पढ़ें. ये चुनावी साल का इफेक्ट! अब गहलोत बांटेंगे होनहारों को टैबलेट

अब क्योंकि गुजरात में प्रभारी राजस्थान के पूर्व मंत्री रघु शर्मा है और चुनाव संचालन समिति के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत है. ऐसे में राजस्थान के मंत्री, विधायकों को इन दोनों नेताओं की रिकमेंडेशन पर ही गुजरात भेजा गया है. जबकि हिमाचल में राजस्थान के नेताओं के रूप में केवल एक सचिन पायलट है जो भी प्रभारी या वरिष्ठ पर्यवेक्षक ने होकर केवल पर्यवेक्षक की भूमिका में है ऐसे में हिमाचल प्रदेश में राजस्थान के नेताओं को मौका नहीं दिया गया है.

खड़गे आज गुजरात चुनाव को लेकर करेंगे बैठक, गहलोत भी हो सकते हैं शामिल
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पार्टी की कमान संभालने के साथ ही काम भी शुरू कर दिया है. शाम 4:00 बजे मल्लिकार्जुन खड़गे. गुजरात की कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की बैठक लेंगे. इस बैठक में गुजरात चुनाव में वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाए गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी शामिल हो सकते हैं.

जयपुर. देश में हिमाचल प्रदेश और गुजरात में चुनाव होने जा रहे हैं. इनमें से हिमाचल प्रदेश के चुनाव की तारीखें घोषित भी की जा चुकी हैं. जिन राज्यों में चुनाव होते हैं उनमें आसपास के राज्यों के उन नेताओं को भी चुनाव जिताने की जिम्मेदारी दी जाती है जहां पार्टी की सरकार होती है और जातिगत वोटर्स होते हैं. अब क्योंकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है और गुजरात में रघु शर्मा को प्रभारी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को वरिष्ठ पर्यवेक्षक (politics on Gujarat and Himachal pradesh election) बनाया गया है. ऐसे में गुजरात चुनाव के लिए तो दो दर्जन से ज्यादा राजस्थान के मंत्री, विधायक और नेताओं को विधानसभा सीटों में जीत दिलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.

खास बात ये है कि हिमाचल प्रदेश में चुनाव घोषित किए जा चुके हैं, फिर राजस्थान के मंत्रियों और विधायकों को वहां की चुनावी जिम्मेदारी से दूर रखा गया है, जबकि राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को वहीं का पर्यवेक्षक बनाया गया है. राजस्थान के किसी मंत्री, विधायक को हिमाचल प्रदेश चुनाव में काम पर नहीं लगाया गया है. गुजरात में 22 मंत्री, विधायकों में से 20 गहलोत समर्थक हैं और दो पायलट समर्थक हैं.

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अब क्योंकि गुजरात में प्रभारी राजस्थान के पूर्व मंत्री रघु शर्मा है और चुनाव संचालन समिति के वरिष्ठ पर्यवेक्षक अशोक गहलोत है. ऐसे में राजस्थान के मंत्री, विधायकों को इन दोनों नेताओं की रिकमेंडेशन पर ही गुजरात भेजा गया है. जबकि हिमाचल में राजस्थान के नेताओं के रूप में केवल एक सचिन पायलट है जो भी प्रभारी या वरिष्ठ पर्यवेक्षक ने होकर केवल पर्यवेक्षक की भूमिका में है ऐसे में हिमाचल प्रदेश में राजस्थान के नेताओं को मौका नहीं दिया गया है.

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Last Updated : Oct 26, 2022, 4:11 PM IST
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