जयपुर. विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले राजस्थान के सियासी हलकों से एक बार फिर 'पर्ची' बाहर निकली है. कांग्रेस ने राज्य की भजनलाल सरकार को पर्ची की सरकार करार दिया. वहीं, दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने बयान पर पलटवार किया है. भाजपा की ओर से कहा गया कि कांग्रेस को किसी तरह का बयान देने का अधिकार नहीं है. जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है. कांग्रेस में तो पर्ची छोड़िए कान में फुसफुसाकर ही फैसले सुना दिए जाते हैं.
जमीन खिसकती है तो इसी तरह के बयान देते हैं : कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है. कांग्रेस की इस रणनीति पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि कांग्रेस किसको चुनावी मैदान में उतारती है, ये उसका अपना फैसला है, लेकिन जो बयानबाजी हो रही है वो सही नहीं है. कोई बयान देने से पहले उन्हें यह देख लेना चाहिए कि जनता ने उन्हें पूरी तरह से नकार दिया है. यहां पहले चिट की सरकार थी. बीते पांच सालों तक यहां झूठ और लूट के अलावा कोई दूसरा काम नहीं हुआ. अब भजनलाल सरकार सशक्त, मजबूत नेतृत्व के साथ काम कर रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के बयान पर जोशी ने कहा कि जब जमीन खिसकती है तो वो ऐसे ही बयान देते हैं, लेकिन अब उन्हें कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है.
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पर्ची कोई बुरी बात नहीं : पर्ची को लेकर की नेता प्रतिपक्ष की ओर से दिए गए बयान पर किरोड़ी लाल मीणा ने पलटवार करते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष कुछ भी बयान दें, लेकिन उनके तो कान में रहते हैं. हमारे यहां तो कम से कम पर्ची सामने आती है, कान में फुसफुसाकर न तो प्रदेश अध्यक्ष बनाते हैं और न ही नेता प्रतिपक्ष. हमारे यहां तो पर्ची होती है, सबके सामने जाती है और सबके सामने ही खुलती है. मीणा ने कहा कि पर्ची लाना कोई बुरी बात नहीं है. पर्ची मैंने भी विधानसभा में कई बार लगाई है और उसे पर्ची के आधार पर ही विधानसभा में कई सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पर्ची की परंपरा हरिशंकर भाबड़ा ने डाली थी और पर्ची अच्छी चीज है.