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Exclusive : पायलट के आरोपों पर राजेंद्र राठौड़ का जवाब, कहा- 108 के घोटाले तक जाएगी जांच की आंच - 108 के घोटाले तक जाएगी जांच की आंच

राजस्थान में राजनीतिक घमासान बढ़ता ही जा रहा है. मंगलवार से अपनी सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठने जा रहे सचिन पायलट ने राजनीतिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया है. वहीं पायलट के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा है हमारी जांच कराएंगे तो उसकी आंच 108 के घोटाले पर भी जाएगी.

political turmoil in rajasthan
पायलट के आरोपों पर राजेंद्र राठौड़ का जवाब, 108 के घोटाले तक जाएगी जांच की आंच
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Published : Apr 10, 2023, 5:50 PM IST

Updated : Apr 10, 2023, 6:28 PM IST

पायलट के आरोपों पर राजेंद्र राठौड़ का जवाब, 108 के घोटाले तक जाएगी जांच की आंच

जयपुर. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को अपनी सरकार के खिलाफ धरना देंगे. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय हुए घोटाले की जांच की मांग की है. पायलट के आरोपों पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जवाबी हमला बोला है. राठौड़ ने Etv भारत से खास बात करते हुए कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे सचिन पायलट पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अपनी सरकार के खिलाफ उनका गुस्सा जायज है, लेकिन जो भाजपा पर आरोप लगा रहे है, वो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार के मामलों की जांच कराओगे तो 108 एम्बुलेंस घोटालों की आंच उन तक भी आएगी.

अंतर्विरोध की रही है कांग्रेस की राजनीतिः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी. कांग्रेस की राजनीति शुरू से अंतर्विरोध की रही है. कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना लगाते रहे हैं. निशाना साधना चाहते हैं मुख्यमंत्री पर, पायलट यह सिद्ध करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री की सरपरस्ती में भ्रष्टाचार का तांडव हो रहा है. बस निगाहें बीजेपी की ओर कर लेते हैं. राठौड़ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह भूल जाते हैं इस कालखंड में सरकार के 4 साल 4 महीने गुजर गया जो भ्रष्टाचार के नाम रहा. उनकी ही पार्टी के विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्री के ऊपर आरोप लगाए.

ये भी पढ़ेंः तीन प्रभारी बदलकर भी नहीं थम रही कांग्रेस में रार, आलाकमान के सामने गहलोत-पायलट की तकरार जारी

विधानसभा में आरोप लगाते तो हम जवाब देतेः इसी सरकार में पर्यटन मंत्री ने अपने सार्वजनिक निर्माण मंत्री के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. इतना ही नहीं इंटरनेशनल ट्रॉस्परेंसी सर्वे में भी कहा गया कि 76 फीसदी लोगों के बिना रिश्वत के काम नहीं होते. पायलट अगर इन सब पर बात करते तो शायद उनकी बात को कोई महत्व मिलता. जब उनकी सरकार अंतिम पायदान पर है, तब उन्हें याद आया कि पिछली सरकार में आरोप लगाए थे. सचिन पायलट विधानसभा के सदस्य भी है. एक बार भी विधानसभा में आरोप लगाते तो हम उनका जवाब देते, लेकिन कपोल कल्पित बातें अचानक हो गईं. इस तरह की बात चलेगी तो 108 एंबुलेंस घोटाला भी उठेगा, जो पिछली सरकार के कार्यकाल का था. जब बात उठेगी तो कई परतें दर परतें खुलेंगी.

ये भी पढ़ेंः गहलोत सरकार के खिलाफ सचिन पायलट का अनशन, प्रेस कॉन्फ्रेस में दिखाए पुराने वीडियो

भ्रष्टाचार में लिप्त है प्रत्येक विभागः राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के मामलों की जांच के लिए सरकार ने कमीशन बनाया था, जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. सरकार की हिम्मत होती तो उस कमीशन को इंक्वायरी एक्ट के तहत गठन करती. इसलिए कांग्रेस की सियासत में इस तरह की बातें बेमानी हैं. इनका अपने सियासी लालच में पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री को खींचना राजनीति से प्रेरित है. राठौड़ ने कहा कि गहलोत शासन में प्रत्येक विभाग और योजना उच्च से लेकर निम्न स्तर तक भ्रष्टाचार में लिप्त है. अच्छा रहे कि हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक-एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की भी जांच कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार की हकीकत प्रदेश की जनता को पता चल सके.

वीर गुर्जर खड़ा हो गयाः राठौड़ ने कहा कि पायलट को सीधी लड़ाई लड़नी चाहिए. संक्रमण काल का वक्त खत्म हो गया. वीर गुर्जर सचिन पायलट खड़े हो गए हैं. अब उनके सब्र का बांध टूटने लगा है, लम्बी चुप्पी टूटी है. राठौड़ ने कहा कि पार्टी ने उन्हें क्या आश्वासन दिया क्या नहीं इस पर तो कुछ कह नहीं सकता, लेकिन उनकी इस बात की तारीफ करूंगा कि उन्होंने बहुत सब्र से काम लिया. उन्हें निकम्मा कहा वह नहीं बोले, निर्लज्ज कहा तब नहीं बोले, उन्हें गद्दार तक कहा तब भी नहीं बोले. उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा करवा दिया तब भी वह नहीं बोले. उनके आलाकमान ने अगर कोई बात कही होगी तो आलाकमान के निर्णय को उन्होंने खुली चुनौती दे रखी है. शायद वह भूल गए होंगे आलाकमान के दूत आए थे यहां उनकी बात करने. यहां उस समय एक-दो नहीं बल्कि 92 विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जो आज भी उच्च न्यायालय खंडपीठ में लंबित है. उसको भी याद कर लेते तो शायद इस तरह से आरोप-प्रत्यारोप नहीं करते.

जिनके हस्ताक्षर से सीएम ने चुनाव लड़ा वो धरने पर बैठ रहे हैंः सचिन पायलट की ओर से 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर धरने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इतने लम्बे समय के संसदीय जीवन में कई सरकार आते जाते देखा है. यह पहला मौका देख रहा हूं कि जिस प्रदेश अध्यक्ष के हस्ताक्षर पर अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ा है, वह खुद उनके खिलाफ धरने पर बैठेने जा रहे हैं. इसके मायने बहुत दूर तक जाएंगे. इस सरकार के 8 महीने के आखिरी कार्यकाल में मुझे भी संकटता नजर आ रही है.

पायलट के आरोपों पर राजेंद्र राठौड़ का जवाब, 108 के घोटाले तक जाएगी जांच की आंच

जयपुर. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट मंगलवार को अपनी सरकार के खिलाफ धरना देंगे. पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय हुए घोटाले की जांच की मांग की है. पायलट के आरोपों पर राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जवाबी हमला बोला है. राठौड़ ने Etv भारत से खास बात करते हुए कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे सचिन पायलट पूर्ववर्ती भाजपा शासन पर अनर्गल आरोप लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं. अपनी सरकार के खिलाफ उनका गुस्सा जायज है, लेकिन जो भाजपा पर आरोप लगा रहे है, वो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा सरकार के मामलों की जांच कराओगे तो 108 एम्बुलेंस घोटालों की आंच उन तक भी आएगी.

अंतर्विरोध की रही है कांग्रेस की राजनीतिः नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सचिन पायलट ने लंबे समय बाद चुप्पी तोड़ी. कांग्रेस की राजनीति शुरू से अंतर्विरोध की रही है. कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना लगाते रहे हैं. निशाना साधना चाहते हैं मुख्यमंत्री पर, पायलट यह सिद्ध करना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री की सरपरस्ती में भ्रष्टाचार का तांडव हो रहा है. बस निगाहें बीजेपी की ओर कर लेते हैं. राठौड़ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह भूल जाते हैं इस कालखंड में सरकार के 4 साल 4 महीने गुजर गया जो भ्रष्टाचार के नाम रहा. उनकी ही पार्टी के विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार के मंत्री के ऊपर आरोप लगाए.

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विधानसभा में आरोप लगाते तो हम जवाब देतेः इसी सरकार में पर्यटन मंत्री ने अपने सार्वजनिक निर्माण मंत्री के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है. इतना ही नहीं इंटरनेशनल ट्रॉस्परेंसी सर्वे में भी कहा गया कि 76 फीसदी लोगों के बिना रिश्वत के काम नहीं होते. पायलट अगर इन सब पर बात करते तो शायद उनकी बात को कोई महत्व मिलता. जब उनकी सरकार अंतिम पायदान पर है, तब उन्हें याद आया कि पिछली सरकार में आरोप लगाए थे. सचिन पायलट विधानसभा के सदस्य भी है. एक बार भी विधानसभा में आरोप लगाते तो हम उनका जवाब देते, लेकिन कपोल कल्पित बातें अचानक हो गईं. इस तरह की बात चलेगी तो 108 एंबुलेंस घोटाला भी उठेगा, जो पिछली सरकार के कार्यकाल का था. जब बात उठेगी तो कई परतें दर परतें खुलेंगी.

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भ्रष्टाचार में लिप्त है प्रत्येक विभागः राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार के मामलों की जांच के लिए सरकार ने कमीशन बनाया था, जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था. सरकार की हिम्मत होती तो उस कमीशन को इंक्वायरी एक्ट के तहत गठन करती. इसलिए कांग्रेस की सियासत में इस तरह की बातें बेमानी हैं. इनका अपने सियासी लालच में पूर्ववर्ती सरकार के मुख्यमंत्री को खींचना राजनीति से प्रेरित है. राठौड़ ने कहा कि गहलोत शासन में प्रत्येक विभाग और योजना उच्च से लेकर निम्न स्तर तक भ्रष्टाचार में लिप्त है. अच्छा रहे कि हर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के नामजद एक-एक मिनी मुख्यमंत्री के कारनामों की भी जांच कराई जाए ताकि भ्रष्टाचार की हकीकत प्रदेश की जनता को पता चल सके.

वीर गुर्जर खड़ा हो गयाः राठौड़ ने कहा कि पायलट को सीधी लड़ाई लड़नी चाहिए. संक्रमण काल का वक्त खत्म हो गया. वीर गुर्जर सचिन पायलट खड़े हो गए हैं. अब उनके सब्र का बांध टूटने लगा है, लम्बी चुप्पी टूटी है. राठौड़ ने कहा कि पार्टी ने उन्हें क्या आश्वासन दिया क्या नहीं इस पर तो कुछ कह नहीं सकता, लेकिन उनकी इस बात की तारीफ करूंगा कि उन्होंने बहुत सब्र से काम लिया. उन्हें निकम्मा कहा वह नहीं बोले, निर्लज्ज कहा तब नहीं बोले, उन्हें गद्दार तक कहा तब भी नहीं बोले. उनके खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा करवा दिया तब भी वह नहीं बोले. उनके आलाकमान ने अगर कोई बात कही होगी तो आलाकमान के निर्णय को उन्होंने खुली चुनौती दे रखी है. शायद वह भूल गए होंगे आलाकमान के दूत आए थे यहां उनकी बात करने. यहां उस समय एक-दो नहीं बल्कि 92 विधायकों ने इस्तीफा दिया था, जो आज भी उच्च न्यायालय खंडपीठ में लंबित है. उसको भी याद कर लेते तो शायद इस तरह से आरोप-प्रत्यारोप नहीं करते.

जिनके हस्ताक्षर से सीएम ने चुनाव लड़ा वो धरने पर बैठ रहे हैंः सचिन पायलट की ओर से 11 अप्रैल को शहीद स्मारक पर धरने को लेकर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इतने लम्बे समय के संसदीय जीवन में कई सरकार आते जाते देखा है. यह पहला मौका देख रहा हूं कि जिस प्रदेश अध्यक्ष के हस्ताक्षर पर अशोक गहलोत ने चुनाव लड़ा है, वह खुद उनके खिलाफ धरने पर बैठेने जा रहे हैं. इसके मायने बहुत दूर तक जाएंगे. इस सरकार के 8 महीने के आखिरी कार्यकाल में मुझे भी संकटता नजर आ रही है.

Last Updated : Apr 10, 2023, 6:28 PM IST
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