जयपुर. पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग का अपहरण करके उसके साथ दुष्कर्म करने वाले अजय को बीस साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 32 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि डीएनए जांच में अभियुक्त की ओर से पीड़िता के साथ दुष्कर्म होना साबित है. वहीं यदि इसमें पीड़िता की सहमति भी हो तो उसका कोई महत्व नहीं है, क्योंकि नाबालिग की सहमति का कानून में कोई स्थान नहीं है.
अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक ने अदालत को बताया कि 11 मार्च 2022 को पीड़िता अपनी सहेली के घर पढ़ाई के लिए जा रही थी. रास्ते में अभियुक्त उसे मिला और फोटो वायरल करने की धमकी देकर अपने साथ हिंडौन ले गया. यहां उसने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया. वहीं इस दौरान पीड़िता के पिता ने ज्योति नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पीड़िता को बरामद कर अभियुक्त को गिरफ्तार किया.
दूसरी ओर अभियुक्त की ओर से अपने बचाव में कहा गया कि उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म नहीं किया है. पीड़िता अपने प्रेमी के साथ दिल्ली गई थी. इसकी जानकारी उसने पीड़िता के पिता को दी थी. वहीं पीड़िता और उसका प्रेमी जयपुर वापस लौटे तो वह उनके साथ पुलिस थाने गया था. यहां पीड़िता ने घटना की जानकारी पिता को देने पर नाराजगी जताई और उसे दुष्कर्म के मामले में फंसा दिया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को दुष्कर्म का आरोपी मानते हुए सजा सुनाई है.