जयपुर/बांसवाड़ा. अक्सर यह कहा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले अगर राजनीतिक (PM in Rajasthan Mangarh Dham) चतुराई कांग्रेस के किसी नेता में है तो वह राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत हैं. इस बात को आज मुख्यमंत्री गहलोत ने कहीं न कहीं साबित कर दिया. प्रधानमंत्री मोदी की सभा हो और कोई मुद्दा जनता से जुड़ा हो, उसे प्रधानमंत्री नजरअंदाज करें यह कम ही देखा गया है.
मानगढ़ धाम में मंगलवार को सभा के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi Statement on Mangarh Dham) के साथ मंच साझा किया. इस दौरान उन्होंने न केवल राजस्थान से जुड़ी मांग मंच पर रखी. वहीं, उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी विदेशों में इसलिए सम्मान पाते हैं कि वो वहां से आते हैं जो गांधी के आदर्शों का भारत है, जहां आजादी के इतने सालों बाद भी लोकतंत्र जिंदा है. इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री गहलोत ने इशारों ही इशारों में राजस्थान की चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना को देश की सबसे बेहतर स्वास्थ्य योजना बताते हुए प्रधानमंत्री से इस योजना का निरीक्षण करवाने की मांग की.
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इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भी मंच से मुख्यमंत्री गहलोत को सीनियर मुख्यमंत्री कहते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नाते गहलोत और मैं साथ काम कर चुके हैं. अशोक गहलोत मुख्यमंत्रियों की जमात में सबसे सीनियर मुख्यमंत्रियों में से एक थे. आज भी मंच पर बैठे सभी में गहलोत ही सबसे सीनियर मुख्यमंत्री हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने भी गहलोत की बातों का जवाब अपने अंदाज में दिया.
प्रधानमंत्री ने गहलोत को यह एहसास करवाया कि वो उनके साथ मुख्यमंत्री रहे और आज देश के प्रधानमंत्री बन गए, जबकि गहलोत आज भी एक प्रदेश के मुख्यमंत्री ही हैं. हालांकि, जानकार दोनों के इन बयानों को अपने-अपने हिसाब से व्यंग्य या तारीफ के तौर पर कयास लगा रहे हैं. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मानगढ़ धाम के विकास को लेकर 4 राज्यों को मिलकर योजना बनाने की बात कही. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि इस पूरे क्षेत्र का व्यापक विकास हो.
2024 के लिए गहलोत ने बचा लिए मुद्दे : कांग्रेस पार्टी के लिए बचाए 2024 लोकसभा चुनाव के लिए (Demand to declare Mangarh as national monument) आदिवासी क्षेत्रों और आम जन के मुद्दों के जरिए मंच पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गहलोत ने एक दूसरे पर हंस-हंस कर जमकर राजनीतिक बाणों की बौछार की. लेकिन इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत को सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक मुद्दे बचा कर रखने में कामयाब हो गए. कांग्रेस संभवतः इसे अपने घोषणापत्र में शामिल कर आदिवासी और आम लोगों से वोट मांगेगी. गहलोत ने बीते 2 दिनों में यह माहौल बना दिया था कि प्रधानमंत्री जब प्रदेश आएंगे तो वह कांग्रेस की लंबे समय से चली आ रही मांग मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करेंगे.
दूसरी तरफ प्रधानमंत्री मोदी एक कद्दावर नेता होते हुए दूसरी राजनीतिक पार्टी को यह मौका नहीं दे सकते थे कि कांग्रेस के दबाव में उन्होंने मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया. वहीं, मुख्यमंत्री गहलोत ने रतलाम-डूंगरपुर रेलवे लाइन के काम को मोदी सरकार के समय रुक जाने के संकेत जताए. उन्होंने यह भी संकेत दिए कि आने वाले समय में कांग्रेस पार्टी का यह अहम मुद्दा होगा.
उनकी सरकार आएगी तो इस रेलवे लाइन पर काम किया जाएगा. राजस्थान की जिस चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के लिए राहुल गांधी से गहलोत को तारीफ मिल चुकी है संभवतः 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में इसी तरह की स्वास्थ्य योजना रखें. ऐसे में साफ है कि गहलोत कांग्रेस पार्टी के लिए प्रधानमंत्री मोदी से अपने राजनीतिक चातुर्य के चलते कुछ राजनीतिक मुद्दे बचाने में सफल रहे हैं.