जयपुर. सूबे की सियासत में जारी अंतर्कलह थमने का नाम (Rajasthan Political Crisis) नहीं ले रही है. आलम यह है कि अब खुले तौर पर गहलोत और पायलट खेमे के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. इसी बीच पायलट खेमे से आने वाले राजस्थान एनएसयूआई के पूर्व अध्यक्ष व प्रदेश यूथ कांग्रेस के मौजूदा उपाध्यक्ष राकेश मीणा ने (Youth Congress Vice President Rakesh Meena resigns) अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मीणा ने सोशल मीडिया पर इस्तीफे की घोषणा की. साथ ही उन्होंने हाल ही में हुई यूथ कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक में अनुशासनहीनता और खुद के व्यतीत होने की बात का भी उल्लेख किया है.
मीणा ने लिखा कि जिस तरह से गहलोत सरकार में राजनीतिक नियुक्तियों में बंदरबांट की गई, रातोरात नए बोर्ड व निगमों का गठन किया गया, नियुक्तियों में पक्षपात हुई वह उचित नहीं है. आगे उन्होंने लिखा कि जब पार्टी विपक्ष में होती है तो वो कार्यकर्ता ही होते हैं, जो लगातार संघर्ष करते हैं. पार्टी के लिए काम करते हैं और जब सरकार सत्ता में आती है तो उस कार्यकर्ता को दरकिनार कर दिया जाता है, लेकिन यह रवैया सही नहीं है. ऐसा नहीं होना चाहिए. इससे कार्यकर्ता निराश होते हैं.
साथ ही उन्होंने लिखा कि उन्हें पार्टी में जो दायित्व मिला, वह राहुल गांधी जी की सोच और लोकतंत्रिक व्यवस्था के कारण मिला. युवा कांग्रेस में कई कार्यकर्ताओं का दो से तीन बार प्रमोशन किया गया है, लेकिन उन्हें और उनके साथ प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कुछ अन्य कार्यकर्ताओं का एक बार भी प्रमोशन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि जिनके यूथ कांग्रेस के चुनाव में 500 वोट भी नहीं आए, उनको राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल कर प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. यह सरासर पक्षपात है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
आखिर में उन्होंने कहा कि 2018 में राजस्थान विधानसभा चुनाव सचिन पायलट के चेहरे पर लड़ा गया था. युवाओं ने पायलट के नाम पर वोट दिया था, लेकिन पायलट को साइड कर दिया गया. इससे जनता में गलत संदेश गया है.