जयपुर. जनस्वास्थय अभियांत्रिकी विभाग की ओर से जल जीवन मिशन के तहत करवाए गए कामों में पाइप लाइनों के साथ ही भ्रष्टाचार के कई सबूत दबे हैं. अब एसीबी अपनी पड़ताल में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के लीकेज तलाशने में जुटी है. इसी कड़ी में एसीबी ने पीएचईडी के दफ्तरों में छापेमारी कर जल जीवन मिशन से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए हैं. एसीबी ने पीएचईडी के दफ्तरों में छापेमारी कर 177 से ज्यादा मेजरमेंट बुक भी जब्त किए हैं. इसके साथ ही जांच के लिए पीएचईडी के दो दर्जन इंजीनियरों को भी एसीबी ने तलब किया है. एसीबी की इस कार्रवाई के बाद पूरे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है.
एसीबी से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पीएचईडी कार्यालय में छापा मारकर 177 मेजरमेंट बुक (एमबी) जब्त की गई है. इसके साथ ही जेईएन से लेकर चीफ इंजीनियर तक करीब दो दर्जन अधिकारियों को भी एसीबी ने अग्रिम अनुसंधान और पूछताछ के लिए तलब किया है. बताया जा रहा है कि एमबी जारी करने के बारे में एसीबी इन अधिकारियों से पूछताछ करेगी. इस दौरान इंजीनियरों को संबंधित दस्तावेज भी साथ लाने होंगे.
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पदमचंद जैन की रिमांड बढ़ाई, बाकि को भेजा जेल : बहरोड़ में करवाए गए कार्यों के बिल पास करने के बदले रिश्वत के लेन-देन के मामले में एसीबी ने 3 अगस्त को पीएचईडी के बहरोड़ एक्सईएन मायालाल सैनी, नीमराना जेईएन प्रदीप, एईएन राकेश चौहान, ठेकेदार पदमचंद जैन, कंपनी सुपरवाइजर मलकेत सिंह और प्राइवेट व्यक्ति प्रवीण कुमार को 2.20 लाख रुपए के साथ पकड़ा था. आरोपियों की गाड़ी से भी 2.90 लाख रुपए भी जब्त किए गए. इस मामले में गुरुवार को एसीबी ने सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया. जहां से पदमचंद जैन को एक दिन के रिमांड पर भेजा गया. जबकि अन्य आरोपियों को न्यायिक हिरासत (जेल) भेजा गया है.
ऊपर तक चल रहा था रिश्वत का खेल : एसीबी की पड़ताल में सामने आया है कि बहरोड़ एक्सईएन मायालाल सैनी ने ठेकेदार महेश मित्तल की गणपति ट्यूबवेल कंपनी से घूस की मोटी रकम लेकर उच्चाधिकारियों तक पहुंचाई है. यह रिश्वत नीमराना और बहरोड़ में ट्यूबवेल, पाइप लाइन और टंकी निर्माण के कार्यों में 30 मई से 3 जून के बीच ली गई थी.