जयपुर. राजस्थान में इन दिनों मंत्री हों या विधायक, अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करते दिखाई दे रहे हैं. चाहे मंत्री अशोक चांदना का अपनी ही सरकार के खिलाफ बिजली के मामले को लेकर धरना देना हो या फिर पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक भरत सिंह का अपनी ही सरकार पर सवाल खड़े करना हो. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अपनी ही पार्टी के मंत्रियों और विधायकों की ओर से खड़े किए जा रहे सवालों के लिए विपक्षी दल भाजपा को जिम्मेदार ठहरा दिया है.
पवन खेड़ा ने कहा कि किसी प्रदेश में अगर विपक्ष इतना कमजोर हो, तो उसमें हमारी क्या गलती है? उन्होंने कहा कि राजस्थान में विपक्ष इतना कमजोर है कि वह जनता के हितों के मुद्दे को उठाता नहीं है, ऐसे में हम ही आपस में बात कर लेते हैं. खेड़ा ने कहा कि सरकार और अफसरशाही पर दबाव और नकेल रहना जरूरी है. अगर इस काम में भाजपा कमजोर हो जाए, तो फिर क्या हम उस अफसरशाही को ऐसे ही छोड़ दें, जो हमेशा यह टेस्ट करती रहती है कि कहीं सरकार कमजोर तो नहीं पड़ी. ऐसे में अगर विपक्ष कोई बात नहीं उठाता है, तो फिर यह बात हमारे ही नेताओं को करनी पड़ती है.
विपक्ष के पास कई 'दूल्हे': पवन खेड़ा ने कहा कि बीते 5 साल में सरकार ने मेनिफेस्टो के 94% काम पूरे किए हैं. लोकतंत्र में सरकारों को बहीखाता दिखाना भी चाहिए. अब क्योंकि केंद्र सरकार के पास बताने के लिए कोई भी बहीखाता नहीं है, ऐसे में वह केवल विवाद पैदा करती है. पवन खेड़ा ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि जिस पार्टी का कोई दूल्हा नहीं, लेकिन मुद्दों पर बात करने के लिए अगर वह किसी को भी भेजे, तो हम उससे बहस करने को तैयार हैं.
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मोहन भागवत कहें तो सही, डीएमके कहे तो गलत: सनातन धर्म को लेकर चल रही चर्चा को लेकर आज पवन खेड़ा ने कहा कि एक सप्ताह पहले नागपुर से मोहन भागवत ने कहा था कि 2000 साल तक समाज के कुछ वर्गों का हमने शोषण किया, जिससे उनकी स्थिति पाश्विक हो गई. अगर यही बात डीएमके कहती है, तो हंगामा हो जाता है. उन्होंने कहा कि धर्म कोई भी हो, अगर उसमें कोई त्रुटियां हैं, तो उनको दूर किया जाना जरूरी है.