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पटवारी भर्ती 2020 में वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक - पटवारी भर्ती 2020

राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती 2020 को लेकर राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने कहा कि भर्ती में नार्मलाइजेशन की प्रकिया किस तरह अपनाई गई. कोर्ट ने अब वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर रोक लगा दी (Court stays on appointment by waiting list) है.

High Court stays on appointment by waiting list
पटवारी भर्ती 2020 में वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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Published : Dec 8, 2022, 8:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती 2020 की वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर रोक लगाते (Court stays on appointment by waiting list) हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से पूछा है कि उन्होंने भर्ती में नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया किस तरह अपनाई. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह निर्देश रितेश कुमार ज्योतिषी, सुरजीत व शैलेन्द्र की याचिकाओं पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि पटवारी भर्ती 2020 में प्रथम पारी का पेपर देने वाले सबसे ज्यादा 33 फीसदी अभ्यर्थी चयनित हुए थे और चौथी पारी में पेपर देने वालों में से केवल 11 फीसदी अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है. ऐसे में चयन बोर्ड ने भर्ती में नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से नहींं अपनाई है. वहीं ऐसा संभव नहीं हो सकता कि भर्ती में एक ही पारी वालों का सबसे ज्यादा चयन हुआ हो.

पढ़ें: Rajasthan High Court : पटवारी भर्ती में नियुक्तियां रहेगी याचिका के निर्णयाधीन...

बोर्ड अब वेटिंग लिस्ट के खाली पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने पर प्रार्थियों के हित भी प्रभावित होंगे और वे नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे. इसलिए याचिकाओं के निस्तारण तक वेटिंग लिस्ट से पटवारी भर्ती 2020 में कोई भी नियुक्तियां नहीं दी जाएं. वहीं चयन बोर्ड का कहना था कि उन्होंने नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से की है. लेकिन अदालत बोर्ड के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुआ और उन्हें भर्ती में अपनाई गई नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को आगामी सुनवाई पर स्पष्ट करने के लिए कहा.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती 2020 की वेटिंग लिस्ट से नियुक्ति देने पर रोक लगाते (Court stays on appointment by waiting list) हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड से पूछा है कि उन्होंने भर्ती में नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया किस तरह अपनाई. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह निर्देश रितेश कुमार ज्योतिषी, सुरजीत व शैलेन्द्र की याचिकाओं पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता आरपी सैनी ने अदालत को बताया कि पटवारी भर्ती 2020 में प्रथम पारी का पेपर देने वाले सबसे ज्यादा 33 फीसदी अभ्यर्थी चयनित हुए थे और चौथी पारी में पेपर देने वालों में से केवल 11 फीसदी अभ्यर्थियों का ही चयन हुआ है. ऐसे में चयन बोर्ड ने भर्ती में नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से नहींं अपनाई है. वहीं ऐसा संभव नहीं हो सकता कि भर्ती में एक ही पारी वालों का सबसे ज्यादा चयन हुआ हो.

पढ़ें: Rajasthan High Court : पटवारी भर्ती में नियुक्तियां रहेगी याचिका के निर्णयाधीन...

बोर्ड अब वेटिंग लिस्ट के खाली पदों पर भी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर रहा है. ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने पर प्रार्थियों के हित भी प्रभावित होंगे और वे नियुक्ति से वंचित रह जाएंगे. इसलिए याचिकाओं के निस्तारण तक वेटिंग लिस्ट से पटवारी भर्ती 2020 में कोई भी नियुक्तियां नहीं दी जाएं. वहीं चयन बोर्ड का कहना था कि उन्होंने नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया सही तरीके से की है. लेकिन अदालत बोर्ड के जवाब से संतुष्ठ नहीं हुआ और उन्हें भर्ती में अपनाई गई नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को आगामी सुनवाई पर स्पष्ट करने के लिए कहा.

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