जयपुर. राजधानी जयपुर में हथियार तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. इस बीच पुलिस ने भी अवैध हथियार रखने और बेचने वाले तस्करों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. ऐसे में पुलिस से बचने के लिए हथियार तस्करों ने नई तरकीब निकाल ली है. वे अपने ठिकाने पर बैठे-बैठे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए हथियारों की फोटो पोस्ट करते हैं. उसके बाद व्हाट्सएप कॉल के जरिए मोल भाव होता है और फिर अवैध हथियार सप्लाई किए जाते हैं. हालांकि, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट की सीएसटी तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी बारीकी से नजर रख रही है. इसके चलते हथियारों की ऑनलाइन तस्करी करने वाले भी पुलिस के हत्थे चढ़ रहे हैं.
ऐसे चलता है तस्करी का खेलः पुलिस कमिश्नरेट की एएसपी (संगठित अपराध) रानू शर्मा का कहना है कि अवैध हथियार बेचने वाले तस्करों के खिलाफ कार्रवाई में सामने आया है कि कई छोटे कस्बों और शहरों के युवा हथियारों की तस्करी में लिप्त हैं. ये डील फाइनल होने के बाद हथियार लेकर जयपुर आते हैं और हथियार देने के बाद रकम लेकर चले जाते हैं.
केस 01- फेसबुक पर पोस्ट की तो चढ़ा हत्थे - फेसबुक पर पोस्ट डालकर हथियार बेचने वाला बिंदायका निवासी 19 वर्षीय सुभाष यादव पुलिस के हत्थे चढ़ा था. पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली थी कि फेसबुक पर पोस्ट अपलोड कर हथियारों की तस्करी की जा रही है. पुलिस फेसबुक पोस्ट के जरिए सुभाष यादव तक पहुंची और उसे दबोच लिया. पूछताछ में खुलासा हुआ कि उसने छह हजार रुपए में अवैध पिस्तौल खरीदी थी और सोशल मीडिया पर एड पोस्ट कर 9 हजार में बेच दी. हालांकि, बाद में हथियार खरीदने वाले शख्स ने उसे वो पिस्तौल वापस लौटा दी. वहीं, पुलिस ने आरोपी के पास से पिस्तौल और दो कारतूस जब्त किए थे.
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केस 02- व्हाट्सएप पर फोटो भेजकर कर रहे थे तस्करी - व्हाट्सएप पर फोटो भेजकर अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले दो तस्करों को बीते दिनों पुलिस ने गिरफ्तार किया है. डीडवाना-कुचामन जिले के छोटी खाटू निवासी विशाल सिंह और सीकर जिले के दलपतपुरा निवासी कुंदन सिंह को पुलिस ने एक अवैध पिस्तौल, 9 जिंदा कारतूस और एक खाली कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है. ये हर 10 दिन में उत्तर प्रदेश से लाकर जयपुर में 4-5 हथियार बेचते थे.
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यूपी-एमपी से लेकर राज्य के शहरों तक नेटवर्क - पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि राजधानी में बिकने वाले ज्यादातर हथियार इन दिनों मध्यप्रदेश से आ रहे हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश से भी अवैध हथियार लाकर बेचे जा रहे हैं. खास बात यह है कि इसके लिए पूरा चेन सिस्टम बना हुआ है. यूपी-एमपी से हथियार लाकर सप्लाई कर दिया जाता है, हालांकि, इस क्रम में कमीशन का खेल चलता है. इसी तरह से कई हाथों से होकर अवैध हथियार अपराधियों तक पहुंचते हैं.
पुलिस ऐसे पहुंच रही है बदमाशों तक - हथियार तस्करी के मामले और शहर में फायरिंग जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रख रही है. हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करने वाले युवाओं पर कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है. कई बार उनसे भी हथियारों की तस्करी के नेटवर्क के बारे में काफी जानकारी पुलिस को मिलती है, जिसके आधार पर सप्लायर्स तक पहुंचा जा रहा है.