जयपुर. प्रदेश में परिवहन विभाग की ओर से वाहनों पर पुरानी नंबर प्लेट के स्थान पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की (High security number plates in Rajasthan) तैयारी की जा रही है. परिवहन विभाग ने फाइल परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला के पास भेजी है. करीब 50 लाख वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगेगी. हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगने से राजस्थान के वाहन चालकों को दूसरे राज्यों में जाने पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. नंबर प्लेट की वजह से दूसरे राज्य में चालान भी काटे जा रहे हैं.
परिवहन आयुक्त कन्हैयालाल स्वामी के मुताबिक हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट का मामला काफी समय से लंबित (Old number plates on vehicles will be replaced) चल रहा है. लंबे समय से कागजों में दबी फाइल पर फिर से काम शुरू किया गया है. टेंडर के लिए फाइल परिवहन मंत्री को भेजी गई है. वर्ष 2012 से पुराने और 2016 से 2019 के बीच में खरीदे गए वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट एलुमिनियम की बनी होती है. होलोग्राम पर स्टीकर रहता है, जिस पर गाड़ी का इंजन और चेचिस नंबर अंकित होता है. केंद्र सरकार की पॉलिसी के अनुसार सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाना जरूरी है. पॉलिसी के अनुसार नए वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाहन निर्माता कंपनी डीलर्स को उपलब्ध करवा रही है. डीलर्स नए वाहनों पर नंबर प्लेट लगाकर ग्राहकों को दे रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार की पॉलिसी आने से पहले, सभी वाहनों पर भी नंबर प्लेट बदली जाएगी. पहले आरटीओ ऑफिस में ही वाहनों के रजिस्ट्रेशन के दौरान हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाई जाती थी. बाद में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट कंपनियों को दे दिया गया था.
नंबर प्लेट लगाने वाली दो कंपनियों में विवाद हो गया था. जिसके बाद विभाग ने 2018-19 के पहले प्रक्रिया को बंद कर दिया था और यह काम वाहन डीलरों को ही सुपुर्द कर दिया गया था. डीलर ही गाड़ी बेचते समय वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगाकर देते हैं. लेकिन 2 से 3 साल पूरे होने या सर्विस खत्म होने के बाद अगर किसी गाड़ी की नंबर प्लेट टूट जाती है, तो डीलर्स की तरफ से फिर से हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाई जाती.