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पुराने एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक और सरोगेसी क्लिनिक को अब देना होगा शपथ पत्र

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Published : Nov 2, 2022, 10:37 PM IST

असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेग्युलेशन) एक्ट-2021 (ART) और सरोगेसी (रेग्यूलेशन) एक्ट-2021 लागू (Old ART in Rajasthan will have to give affidavit) होने से पहले जो एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक और सरोगेसी क्लिनिक कार्य कर रहे हैं, उन्हें अब शपथ पत्र देना होगा. हालांकि क्लिनिक्स में कार्यरत विशेषज्ञों की योग्यता/अनुभव के आधार पर छूट दी गई है.

Surrogacy clinic in Rajasthan
Surrogacy clinic in Rajasthan

जयपुर. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेग्युलेशन) एक्ट-2021 और सरोगेसी (रेग्यूलेशन) एक्ट-2021 के संबंध में गठित राज्य स्तरीय बोर्ड की पहली बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. राज्य में एक्ट लागू होने से पहले जो एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक और सरोगेसी क्लिनिक कार्य कर रहे हैं, उनसे इस संबंध में शपथ-पत्र लेने और उनमें कार्यरत विशेषज्ञों जैसे एब्रियोलॉजिस्ट, गायनाकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक काउंसलर की योग्यता/अनुभव में एक बार की छूट प्रदान करने का फैसला लिया गया है.

बैठक में एआरटी क्लिनिक/एआरटी बैंक/सरोगेसी क्लिनिक के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू (Surrogacy clinic in Rajasthan) करने का भी फैसला लिया गया. साथ ही इनके पंजीकरण से पहले भौतिक निरीक्षण किए जाने के संबंध में बोर्ड की ओर से एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया है. एप्रोप्रियेट अथॉरिटी के निर्णय के विरुद्ध सभी प्रकरणों में अपील राज्य सरकार से की जाएगी.

पढ़ें. ड्रग ऑफिसर्स की मनमानी होगी खत्म, विभाग डेवलप कर रहा ये सिस्टम

वहीं आशयित दंपति/आशयित महिला/सरोगेट माता को पात्रता प्रमाण-पत्र जिस अवधि का जारी (Old ART in Rajasthan will have to give affidavit) किया जाना है, उस अवधि के बारे में अन्य राज्य की एप्रोप्रियेट अथॉरिटी की ओर से उसकी जानकारी प्राप्त कर एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया जाएगा. इसके साथ ही जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में जिला मेडिकल बोर्ड का गठन करने की अनुमति प्रदान की गई. इसमें एक वरिष्ठतम स्त्री रोग विशेषज्ञ और एक वरिष्ठतम शिशु रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगे.

जयपुर. चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा की अध्यक्षता में बुधवार को शासन सचिवालय में असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी (रेग्युलेशन) एक्ट-2021 और सरोगेसी (रेग्यूलेशन) एक्ट-2021 के संबंध में गठित राज्य स्तरीय बोर्ड की पहली बैठक हुई. बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. राज्य में एक्ट लागू होने से पहले जो एआरटी क्लिनिक, एआरटी बैंक और सरोगेसी क्लिनिक कार्य कर रहे हैं, उनसे इस संबंध में शपथ-पत्र लेने और उनमें कार्यरत विशेषज्ञों जैसे एब्रियोलॉजिस्ट, गायनाकोलॉजिस्ट, एनेस्थेटिक काउंसलर की योग्यता/अनुभव में एक बार की छूट प्रदान करने का फैसला लिया गया है.

बैठक में एआरटी क्लिनिक/एआरटी बैंक/सरोगेसी क्लिनिक के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू (Surrogacy clinic in Rajasthan) करने का भी फैसला लिया गया. साथ ही इनके पंजीकरण से पहले भौतिक निरीक्षण किए जाने के संबंध में बोर्ड की ओर से एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया गया है. एप्रोप्रियेट अथॉरिटी के निर्णय के विरुद्ध सभी प्रकरणों में अपील राज्य सरकार से की जाएगी.

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वहीं आशयित दंपति/आशयित महिला/सरोगेट माता को पात्रता प्रमाण-पत्र जिस अवधि का जारी (Old ART in Rajasthan will have to give affidavit) किया जाना है, उस अवधि के बारे में अन्य राज्य की एप्रोप्रियेट अथॉरिटी की ओर से उसकी जानकारी प्राप्त कर एप्रोप्रियेट अथॉरिटी को अधिकृत किया जाएगा. इसके साथ ही जिला स्तर पर मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में जिला मेडिकल बोर्ड का गठन करने की अनुमति प्रदान की गई. इसमें एक वरिष्ठतम स्त्री रोग विशेषज्ञ और एक वरिष्ठतम शिशु रोग विशेषज्ञ सदस्य होंगे.

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